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Lokesh Pal
September 12, 2024 05:45
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प्रति वर्ष 10 सितंबर को ‘विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस’ के अवसर पर आत्महत्या को एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य मुद्दे के रूप में संबोधित करने पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। एक रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक स्तर पर प्रति वर्ष लगभग 7,00,000 आत्महत्याएँ होती हैं, जिसमें भारत पहले स्थान पर है | यह दिन व्यापक रोकथाम रणनीतियों की तत्काल आवश्यकता को उजागर करता है, जो मानसिक स्वास्थ्य और व्यापक सामाजिक कारकों दोनों को संबोधित करती हैं।
आत्महत्या की दर और योगदान देने वाले कारक संबंधी तथ्यलैंगिक असमानताएँ
व्याप्त चुनौतियाँ
उच्च जोखिम वाले समूह
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सटीक और व्यापक आँकड़ों के बिना हम आत्महत्या और इसकी रोकथाम संबंधी लड़ाई को अंधकार में ही लड़ते रहेंगे। प्रभावी रणनीतियों के लिए मज़बूत सामुदायिक सहभागिता, लक्षित शोध और डेटा संग्रह में निवेश की आवश्यकता है, जिससे समस्या की वास्तविक सीमा को उजागर कर प्रभावशाली हस्तक्षेप को सुनिश्चित किया जा सके।
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