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निगरानी पूँजीवाद : व्यक्तिगत डेटा को नियंत्रित करने की शक्ति

Lokesh Pal February 26, 2025 05:15 7 0

संदर्भ: 

विभिन्न डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के उदय ने निगरानी पूँजीवाद (Surveillance Capitalism) को जन्म दिया है, जहाँ लोगों का निजी डेटा निकालकर उसका मुद्रीकरण या गलत उपयोग किया जाता है।

निगरानी पूँजीवाद

  • क्या है: पारंपरिक पूँजीवाद के विपरीत, जो वस्तुओं और सेवाओं पर ध्यान केंद्रित करता है, निगरानी पूँजीवाद कच्चे माल अथवा मुख्य वस्तु के रूप में मानवीय अनुभव का प्रयोग करता है।
  • डेटा विश्लेषण: इन आँकड़ों को एकत्रित करके उसका विश्लेषण किया जाता है तथा  विज्ञापनकर्ता, राजनीतिक अभियानों और अन्य संस्थाओं को बेचा जाता है।
    • गूगल, मेटा और अमेजन जैसे तकनीकी दिग्गजों ने इंटरनेट को एक विशाल निगरानी प्रणाली में बदल दिया है, जो हर क्लिक, खोज और खरीदारी पर नज़र रखता है – यहाँ तक ​​कि कुछ मामलों में ऑफलाइन गतिविधियों पर भी।

निगरानी पूँजीवाद की कार्यप्रणाली

  • इंस्ट्रुमेंटेरियन पावर: इंस्ट्रुमेंटेरियन पावर एक प्रकार की शक्ति है, जो लोगों के व्यवहार को नियंत्रित करने और उससे धन एकत्रित करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करती है
  • उत्पत्ति: निगरानी पूँजीवाद शब्द ’शोशाना जुबॉफ़’ द्वारा दिया गया था, जो प्रत्यक्ष दबाव के बिना व्यवहार पर सूक्ष्म नियंत्रण को संदर्भित करता है
    • यह पूर्वानुमानात्मक विश्लेषण, अनुशंसा एल्गोरिदम और लक्षित विज्ञापन के माध्यम से प्राप्त किया जाता है
  • सामाजिक भौतिकी (सोशल फिजिक्स): एलेक्स पेंटलैंड द्वारा प्रस्तुत यह अवधारणा दिखाती है, कि मानवीय अंतःक्रियाओं के बड़े डेटासेट किस तरह एक पैटर्न प्रकट करते हैं। यह निगमों और नीति निर्माताओं को सामूहिक व्यवहार की भविष्यवाणी करने और उसे प्रभावित करने की अनुमति देता है।
  • अंतर: औद्योगिक पूँजीवाद श्रम और भौतिक उत्पादन पर निर्भर करता है तथा विनिर्माण में दक्षता, उत्पादकता और श्रम नियंत्रण पर ध्यान केंद्रित करता है, जबकि निगरानी पूँजीवाद मूर्त वस्तुओं की बजाय व्यवहार संबंधी डेटा निष्कर्षण से होने वाले लाभ पर निर्भर करता है। 
    • निगरानी पूँजीवाद में डेटा-संचालित भविष्यवाणियों के लिए उपयोगकर्ता उपभोक्ता और कच्चा माल दोनों हैं।
    • यह स्वायत्तता की तुलना में डेटा संग्रहण को प्राथमिकता देता है तथा प्रत्येक कार्यों   से धन अर्जित करता है।

समाज पर प्रभाव

  • विकल्पों में हेरफेर: एल्गोरिदम उपयोगकर्ताओं को उन कार्यों को करने के लिए प्रभावित करते हैं, जो निगमों के लिए लाभदायक होते हैं और जिससे स्वायत्तता कम हो जाती है।
  • गोपनीयता का ह्रास: व्यक्ति के दैनिक कार्य, यहाँ तक ​​कि निजी बातचीत भी लक्षित विज्ञापन को बढ़ावा दे सकती है।
  • वाणिज्यिक और राजनीतिक प्रभाव: डेटा का उपयोग न केवल विज्ञापनों के लिए किया जाता है, बल्कि जनमत और सामाजिक रुझानों को आकार देने के लिए भी किया जाता है किया जाता है।
  • शोषण: ज़ुबॉफ़ निगरानी पूँजीवाद की तुलना उपनिवेशवाद और औद्योगिक पूँजीवाद से करते हैं, क्योंकि यह लाभ के लिए मानव अनुभव का प्रभावित करता है । 
    • यह व्यक्तिगत स्वायत्तता की तुलना में कॉर्पोरेट लाभ को प्राथमिकता देता है  तथा डिजिटल अंतर्क्रियाओं और आर्थिक संरचनाओं को नया आकार देता है

निगरानी पूँजीवाद से संबंधित चुनौतियाँ

  • व्यवहार को नियंत्रित करना: एल्गोरिदम उपयोगकर्ताओं को व्यस्त रखते हैं और ऐसे विकल्पों का मार्गदर्शन करते हैं, जो तकनीकी कंपनियों को लाभ पहुँचाते हैं। डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म उपयोगकर्ताओं को वांछित कार्यों, जैसे- खरीदारी, सामग्री जुड़ाव या राजनीतिक विचारों की ओर प्रेरित करने के लिए पूर्वानुमानात्मक विश्लेषण का उपयोग करते हैं।
  • राज्य निगरानी: प्रौद्योगिकी कंपनियाँ और सरकारें खुफिया सूचना एकत्रित करके पुलिसिंग में तेजी से सहयोग कर रही हैं। राज्य निगरानी अब स्वतंत्र बुनियादी ढाँचे के बजाय निजी तौर पर एकत्र किए गए डेटा पर निर्भर करती है। सरकारें इस डेटा तक निम्नलिखित के माध्यम से पहुँचती हैं:
    • कानूनी साधन (डेटा-साझाकरण समझौते, विनियम)।
    • अतिरिक्त-कानूनी प्रक्रियाएँ (पिछले दरवाजे से पहुँच, अनौपचारिक सहयोग)।
  • जवाबदेही का अभाव: इस निगरानी का अधिकांश भाग सार्वजनिक जाँच से परे, निजी निगमों के भीतर होता है।
  • व्यापक निगरानी: विनियमन से अनियंत्रित डेटा संग्रहण की अनुमति मिलती है, जिससे व्यापक निगरानी को बल मिलता है।
  • स्वायत्तता की हानि: व्यक्तियों को निजता और स्वायत्तता की कमी के बढ़ते जोखिम का सामना करना पड़ता है, क्योंकि निगमों और राज्यों दोनों को व्यापक निगरानी से लाभ होता है।
  • प्रणालीगत कमज़ोरी: अत्यधिक परस्पर जुड़े डिजिटल नेटवर्क प्रणालीगत समस्या उत्पन्न  करते हैं। एक क्षेत्र में डेटा व्यवधान कई क्षेत्रों में व्यापक विफलताओं का कारण बन सकता है। प्रमुख खतरों में डेटा उल्लंघनएल्गोरिदम विफलताएँ और गलत सूचना संकट शामिल हैं
    • उदाहरण के लिए, कैम्ब्रिज एनालिटिका स्कैंडल (2014) जहाँ फेसबुक उपयोगकर्ताओं का डेटा बिना सहमति के एकत्र किया गया था। 
      • इसका उपयोग अमेरिकी चुनावों में लक्षित राजनीतिक विज्ञापन बनाने के लिए किया जाता था।
      • इसने उजागर किया, कि कैसे व्यक्तिगत डेटा को लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को प्रभावित करने के लिए हथियार बनाया जा सकता है।
  • स्वायत्तता में कमी: निरंतर डेटा निगरानी व्यवहार संबंधी भविष्यवाणियों को परिष्कृत करती है। एल्गोरिदमिक सामग्री सूक्ष्म रूप से उपयोगकर्ता की प्राथमिकताओं और निर्णयों को प्रभावित करती है। यह कॉर्पोरेट और विज्ञापनकर्ता हितों को मजबूत करता है, साथ ही व्यक्तिगत स्वतंत्रता को कम करता है
  • दीर्घकालिक परिणाम: व्यक्ति धीरे-धीरे निर्णय लेने की स्वायत्तता खो देते हैं। प्रौद्योगिकी कंपनियों को विचार और उपभोक्ता व्यवहार को आकार देने की असंगत शक्ति प्राप्त होती है।
    • लोकतंत्र को खतरा होता है, क्योंकि डिजिटल प्लेटफॉर्म राजनीतिक और सामाजिक विमर्श में हेरफेर कर सकते हैं 
  • अपर्याप्त विनियमन: GDPR (EU) और DPDPA (भारत) जैसे कानूनों का उद्देश्य व्यक्तिगत डेटा पर उपयोगकर्ता नियंत्रण को बढ़ाना है। हालाँकि, ये मूल समस्या- व्यक्तिगत सूचनाओं का वस्तुकरण, से निपटने में विफल रहते हैं।
    •  विनियमन पारंपरिक पूँजीवाद के लिए बनाए गए हैं, निगरानी पूँजीवाद के संरचनात्मक प्रभाव के लिए नहीं।
  • राजनीतिक हित: टेक कंपनियाँ अपने व्यापार मॉडल की रक्षा के लिए कठोर नियमों के खिलाफ लॉबी करती हैं । राजनीति में प्रवेश करने वाले टेक नेताओं ने कॉर्पोरेट और राज्य शक्ति के बीच की रेखाएँ धुंधली कर दी हैं। 
    • अनुकूल नीतियाँ व्यक्तिगत नियंत्रण को सीमित करते हुए डेट के निरंतर अवैध उपयोग को बढ़ावा देती हैं।
  • स्वायत्तता का अभाव: डेटा सुरक्षा कानूनों का कमज़ोर प्रवर्तन अनियंत्रित निगरानी की अनुमति देता है। निगरानी पूँजीवाद निगमों और सरकारों दोनों को लाभ पहुँचाता है, जिससे निगरानी कम होती है। 

निष्कर्ष

निगरानी पूँजीवाद पर गंभीरतापूर्वक चर्चा किया जाना आवश्यक है , जिससे सुदृढ़ आवश्यक नीतियों को आगे बढ़ाया जा सके। कठोर डेटा गोपनीयता सुरक्षा की माँग के लिए सार्वजनिक जागरूकता महत्त्वपूर्ण है। सरकारों को व्यक्तिगत डेटा पर अनियंत्रित कॉर्पोरेट नियंत्रण को रोकने के लिए व्यापक नियम निर्मित करने चाहिए।

मुख्य परीक्षा हेतु अभ्यास प्रश्न

निगरानी पूँजीवाद आधुनिक समाज में डेटा और शक्ति के बीच के अंतरसंबंध में एक व्यापक परिवर्तन  का प्रतिनिधित्व करता है। गोपनीयता अधिकारों, लोकतांत्रिक शासन, आर्थिक मॉडल और राज्य-कॉर्पोरेट संबंधों के लिए इसके बहुआयामी निहितार्थों की आलोचनात्मक जाँच कीजिए। भारत के लिए एक संतुलित नियामक ढाँचे का सुझाव दीजिए।

(15 अंक, 250 शब्द)

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