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एचएफएफएस (NFFS) खाद्य पदार्थों पर कर (Tax on HFFS Foods)

Samsul Ansari December 22, 2023 03:12 147 0

नोट : प्रस्तुत लेख The Hindu में प्रकाशित “Tax ‘HFSS’ foods, view it as a public health imperative” पर आधारित है

संदर्भ 

  • भारत में उच्च वसा वाले चीनी नमक (NFFS) खाद्य पदार्थों की उच्च खपत विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के लिए प्रमुख जोखिम कारकों में से एक है। 
  • वर्ष 2022 में दुनिया के सबसे बड़े चीनी उत्पादक और उपभोक्ता के रूप में भारत को एचएफएसएस (HFSS) खाद्य पदार्थों की खपत में वृद्धि का सामना करना पड़ा है।

मुख्य परीक्षा: उच्च वसा वाले चीनी नमक (HFSS) खाद्य पदार्थों की खपत की चुनौती और एचएफएफएस (HFFS) कर की आवश्यकता।

भारत में उच्च वसा वाले चीनी नमक (HFSS) खाद्य पदार्थों की खपत संबंधी समस्याएँ

  • यह मोटापा, मधुमेह और उच्च रक्तचाप सहित विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनता है।
  • विश्व बैंक की 2019 की रिपोर्ट: दुनिया भर के कुल अधिक वजन वाले और मोटे लोगों में से तकरीबन 70% निम्न और मध्यम आय वर्ग वाले देशों में निवास करते हैं।
  • गैर-संचारी रोगों (NCD) का बोझ: भारत में 1.2 मिलियन मौतों का कारण केवल आहार संबंधी जोखिम है।
  • अर्थव्यवस्था पर प्रभाव: भारत में अधिक वजन और मोटापे के आर्थिक प्रभाव के वर्ष 2060 तक बढ़कर 480 बिलियन डॉलर तक हो जाने की संभावना है।

HFSS के बारे में : 

  • महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अनुसार HFSS खाद्य पदार्थों को ऐसे खाद्य पदार्थों के रूप में वर्गीकृत किया जाता है, जिसमें कम मात्र में प्रोटीन, विटामिन, खनिज पदार्थ एवं फाइबर होते हैं।
  • इन खाद्य पदार्थों में कोई भी भोजन अथवा पेय पदार्थ जो पैक्ड हों अथवा खुले हुए हों शामिल हैं।
  • ये खाद्य पदार्थ वसा (संतृप्त) से भरपूर होते हैं।
  • ये खाद्य पदार्थ नामक, चीनी तथ उच्च उर्जा (कैलोरी) जो नियमित मात्र में सेवन करने पर स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं।

भारत में एचएफएसएस (HFSS) कराधान की आवश्यकता

  • यह कराधान एचएफएसएस (HFSS) के उपभोग पर एक निवारक के रूप में कार्य कर सकता है।
  • स्वास्थ्यवर्द्धक भोजन विकल्पों को बढ़ावा देने में सहायक
  • खाद्य पदार्थों को दोबारा तैयार करने के लिए निर्माताओं को प्रेरित करना।
  • सार्वजनिक स्वास्थ्य परिणामों में सुधार लाना।
  • स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली पर बोझ कम करना।

कराधान निम्नलिखित चुनौतियों से निपटने में कैसे मदद कर सकता है?

  • आहार की आदत बदलने के रूप में: इन उत्पादों की खपत को कम करने के लिए कराधान को एक प्रभावी साधन के रूप में माना जाता है क्योंकि अधिकांश उपभोक्ता इनके मूल्य के प्रति संवेदनशील होते हैं।
  • एचएफएसएस (HFSS) भोजन पर कर: एचएफएसएस भोजन पर कराधान सामान्यतः कम है, हालाँकि इसमें वृद्धि की जा रही है।
  • डेनमार्क, फ्रांस, हंगरी, मैक्सिको, दक्षिण अफ्रीका, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका सहित लगभग 16 देशों में एचएफएसएस खाद्य पदार्थों पर कर व्यवस्था है।
  • हाल ही में, कोलंबिया केजंक फूड क़ानून ने अल्ट्राप्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों पर क्रमिक रूप से बढ़ती हुई लेवी लागू की, जो अन्य देशों के लिए एक मॉडल प्रदान करती है।
  • केरल द्वारा स्थापित एक उदाहरण: भारत में, केरल ने भी वर्ष 2016 में एक वसा करलागू किया था, जो बाद में वर्ष 2017 में भारत के माल और सेवा कर में शामिल हो गया।

एचएफएसएस खाद्य पदार्थों पर कर लगाने संबंधी पहल:

  • वैश्विक स्तर पर: 
    • 60 से अधिक देशों ने शर्करा युक्त पेय पदार्थों पर कर लागू किया है|
    • 16 देशों ने अन्य HFSS खाद्य पदार्थों पर कर लगाया है।
    • कोलंबिया द्वारा हाल ही में अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों पर कर लागने के लिए एक कानून पेश किया गया है ।
    • डेनमार्क,हंगरी, दक्षिण अफ्रीका, मैक्सिको, फ़्रांस, अमेरिका तथा यूके आदि देशों में HFSS खाद्य पदार्थों पर कर लगाया गया है।
  • भारत में की गई पहल : 
    • वर्तमान भारत में जीएसटी प्रणाली के अंतर्गत अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों खासकर नमकीन, स्नैक्स, चीनी के उपयोग वाले मीठे पेय पदार्थों पर सामान रूप से कर आरोपित करता है।
    • वर्ष 2016 के दौरान केरल सरकार ने अपने राज्य में “वसा कर (Fat Tax)” लागू किया था, वर्ष 2017 के दौरान इसका विलय भारत के ‘माल एवं सेवा कर’ में कर दिया गया था।

एचएफएफएस खाद्य पदार्थों पर कर के कार्यान्वयन के लिए निम्नलिखित बिन्दुओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है: 

  • राजस्व बढ़ाने के साधन के रूप में उपयोग नहीं किया जाना चाहिए: इसे स्वस्थ विकल्पों के पक्ष में उत्पादों को और अधिक सुधारने तथा लोगों को स्वस्थ आहार के लिए अपने भोजन की खपत को पुनर्गठित करने हेतु उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए एक वित्तीय उपकरण के रूप में देखा जाना चाहिए।
  • उचित ढंग से डिजाइन करने की आवश्यकता: यदि उचित ढंग से डिजाइन किया जाए, तो एचएफएसएस खाद्य कर गैर-प्रतिगामी और राजकोषीय रूप से तटस्थ दोनों हो सकता है।
  • पोषण गुणवत्ता के आधार पर: भोजन की पोषण गुणवत्ता के आधार पर कर दरों को अलग करने की आवश्यकता है ताकि उत्पाद सुधार को प्रोत्साहित किया जा सके।

आगे की राह 

  • एचएफएफएस न केवल गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा करता है बल्कि उत्पादकता और आर्थिक विकास को भी प्रभावित करता है और इसके लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है। 
  • अधिक टिकाऊ और न्यायसंगत खाद्य प्रणाली बनाकर अधिक वजन और मोटापे की बढ़ती महामारी से निपटने के लिए, पोषण साक्षरता को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।
  • इसके अतिरिक्त एक प्रभावी खाद्य लेबलिंग तथा ऐसे ही अन्य उपायों के साथ एचएफएफएस कराधान की आवश्यकता है।

मुख्य परीक्षा पर आधारित प्रश्न: वर्तमान परिदृश्य में लोगों के मध्य एचएफएसएस (HFSS) खाद्य पदार्थों का चलन बढ़ गया है, इन खाद्य पदार्थों के सेवन की वजह से विश्व भर में मोटापा तथा मधुमेह जैसी समस्याएँ पैदा हो रहीं हैं। इन समस्याओं को ध्यान में रखते हुए इन भोज्य पदार्थों पर कर आरोपित करना कहाँ तक लाभकारी हो सकता है? टिप्पणी कीजिए।

                                                                                                      News Source: The Hindu

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