100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

भारत में विनिर्माण क्षेत्र का तकनीकी नवीनीकरण: वर्तमान की आवश्यकता

Lokesh Pal May 12, 2025 05:00 26 0

संदर्भ:

नवाचार-आधारित विनिर्माण की ओर वैश्विक परिवर्तन – उच्च तकनीक क्षमता, उन्नत अनुसंधान एवं विकास और कुशल मानव संसाधन – की माँग करता है। भारत के लिए वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धा में बने रहने हेतु नीतियों, शिक्षा और बुनियादी ढाँचे का समन्वय अत्यंत आवश्यक है।

वैश्विक विनिर्माण में परिवर्तन

  • प्रवृत्ति: नवाचार-संचालित, मध्यम-उच्च और उच्च-तकनीकी उत्पादों की ओर बढ़ता रुझान।
  • प्रेरक तत्त्व: उन्नत अनुसंधान एवं विकास(R&D), तकनीकी परिष्कार, उच्च कौशल कार्यबल और जटिल आपूर्ति शृंखलाएँ|
  • बाह्य प्रभाव: अमेरिका द्वारा लगाए गए उच्च टैरिफ वैश्विक विनिर्माण परिदृश्य को परिवर्तित कर सकते हैं।
  • नीतिगत आवश्यकता: टैरिफ गतिशीलता के बावजूद, राष्ट्रों को आधारभूत नीतिगत सुधारों अपनाने होंगे।

भारत की विनिर्माण संबंधी चुनौतियाँ 

  • ऐतिहासिक प्रयास: 1991 के सुधारों के बाद से, भारत ने निम्नलिखित पहलें शुरू की हैं:
    • राष्ट्रीय विनिर्माण प्रतिस्पर्धात्मकता कार्यक्रम (NMCP) – 2005
    • मेक इन इंडिया – 2014
  • क्षेत्रीय वृद्धि: इलेक्ट्रॉनिक्स, दवाइयों और ऑटोमोबाइल पर उल्लेखनीय प्रभाव पड़ा है।

प्रमुख संकेतक (2023 – विश्व बैंक)

        मापदंड

          भारत

                वैश्विक औसत

प्रति व्यक्ति मूल्य वर्द्धित $0.32K $2K
उत्पादकता $8.9K $32K
कुल मूल्य वर्द्धन $461B चीन: $4,658B, अमेरिका: $2,497B

  • नवाचार उत्पादकता: अमेरिका ($159K), जर्मनी ($103K), ताइवान ($79K) और चीन ($21K)
  • तत्काल आवश्यकता: नवाचार के माध्यम से प्रति व्यक्ति मूल्य और उत्पादकता को बढ़ाना

तकनीकी शिक्षा में सुधार

  • वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाएँ: अनुसंधान एवं विकास(R&D), कौशल विकास और विश्वविद्यालय से संबंध पर आधारित।
  • प्रवेश सुधार: कठिनाई आधारित चयन से हटकर रचनात्मकता और समस्या-समाधान क्षमताओं की जाँच पर केंद्रित होना चाहिए।
  • पाठ्यक्रम में व्यापक सुधार:
    • ग्रेड/नोट्स पर अत्यधिक निर्भरता कम करें।
    • उच्च-स्तरीय चिंतन और नवाचार को प्रोत्साहित करें।
  • व्यावहारिक अनुभव:
    • पाठ्यक्रम का 50% हिस्सा व्यावहारिक कार्य को समर्पित करें।
    • उन्नत प्रयोगशालाएँ, टूल रूम और असेंबली लाइनों की स्थापना करें।
    • उत्पाद डिजाइन, विकास और अनुसंधान एवं विकास कौशल पर विशेष ध्यान केंद्रित करें।

 मूल अभियांत्रिकी (कोर इंजीनियरिंग) की सुदृढ़ता

  •   रणनीतिक तकनीकें: एआई और आईटी आवश्यक हैं, किन्तु इन्हें मूल अभियांत्रिकी को पीछे नहीं छोड़ने देना चाहिए।
  •   मुख्य क्षेत्र: सिविल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, केमिकल, टेक्सटाइल और बायोटेक आदि।
  •   कार्य योजना:
    • मज़बूत अभियांत्रिकी इकाइयों का निर्माण करें।
    • तकनीकी एवं प्रबंधकीय क्षमताओं का विकास करना।
    • विविध भू-भागों के अनुरूप बुनियादी ढाँचे और प्रणालियों का निर्माण करें।
    • अभियांत्रिकी और अनुसंधान एवं विकास (R&D) ढाँचे में निवेश करें, जिसमें कुशल आपूर्ति शृंखलाएँ शामिल हों।

नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण

  •   वैश्विक उदाहरण: सिलिकॉन वैली और पूर्वी एशिया की सफलता का कारण मज़बूत नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र है।
  •   भारत की विशेषता: सशक्त सेवा-आधारित स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र ।
  •   आवश्यकता: इस मॉडल को विनिर्माण क्षेत्र में भी दुहराने की आवश्यकता है।

प्रमुख प्रयास

  • विनिर्माण पार्क:
    •   राज्य-विशिष्ट, प्लग-एंड-प्ले अवसंरचना के साथ।
    •   तेजी से सेटअप, प्रोटोटाइप विकास और इन-हाउस सुविधाओं को सक्षम बनाना।
  • सहायता प्रणाली:
    • डिज़ाइन सॉफ़्टवेयर, परीक्षण उपकरणों और उत्पाद प्रमाणीकरण तक पहुँच।
  •   शैक्षणिक-उद्योग समन्वय:
    • इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम को उद्योग कौशल और अनुसंधान एवं विकास(R&D) के अनुरूप बनाना।
    • प्रयोगशाला अवसंरचना के माध्यम से विनिर्माण आधारित स्टार्टअप को प्रोत्साहन देना।

रणनीतिक सिफारिशें

  •   अनुसंधान प्रयोगशालाएँ: उन्नत अनुसंधान एवं विकास (R&D) प्रयोगशालाओं की स्थापना करें।
  •   अवसंरचना: विनिर्माण को विस्तार देने के लिए औद्योगिक अवसंरचना का निर्माण करें।
  •   निवेश की आवश्यकता: अनुसंधान एवं विकास (R&D) पर व्यय को सकल घरेलू उत्पाद(GDP) के 0.65% से बढ़ाकर 2% करना।
    • औद्योगिक अवसंरचना के लिए सकल घरेलू उत्पाद(GDP) का 1% आवंटित करना।
  •   नीतिगत ढाँचा: वैश्विक रुझानों के अनुरूप गतिशील, नवाचार-केंद्रित नीतियाँ तैयार करना।

निष्कर्ष

विनिर्माण क्षेत्र में परिवर्तन लाने के लिए भारत को अपनी शिक्षा प्रणाली में सुधार करना होगा, मुख्य अभियांत्रिकी क्षमताओं को मजबूत, नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को प्रोत्साहित और अनुसंधान एवं विकास (R&D) पर व्यय को बढ़ाना होगा — यह सब एक दूरदर्शी औद्योगिक नीति के तहत होना चाहिए, जो वैश्विक परिवर्तनों के प्रति संवेदनशील हो।

मुख्य परीक्षा हेतु अभ्यास प्रश्न

भारत की तकनीकी शिक्षा प्रणाली में मूलभूत नवीनीकरण प्रयासों की आवश्यकता है, जिससे नवाचार-आधारित विनिर्माण की बढ़ती माँगों को पूरा किया जा सके। इस संदर्भ में, भारत के तकनीकी शिक्षा मॉडल में मौजूदा अंतरालों पर चर्चा कीजिए तथा मध्य और उच्च तकनीकी विनिर्माण क्षेत्रों की आवश्यकताओं के प्रति इसे संवेदनशील बनाने के लिए आवश्यक सुधारों का सुझाव दीजिए।

(15 अंक, 250 शब्द)

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST RELIA|
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.