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लोकसभा में टेलीकॉम बिल (Telecom bill in Lok Sabha)

Samsul Ansari December 22, 2023 01:37 158 0

नोट : प्रस्तुत लेख The Indian Express में प्रकाशित “Telecommunications Bill, 2023: The changes it seeks in the telecom sector, why some have raised concerns” पर आधारित है

संदर्भ

हाल ही में दूरसंचार विधेयक, 2023 को केंद्रीय संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री द्वारा लोकसभा में प्रस्तुत किया गया।

प्रारंभिक परीक्षा : भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI), भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885, और भारतीय वायरलेस टेलीग्राफी अधिनियम, 1933

मुख्य परीक्षा: दूरसंचार विधेयक, 2023 की आवश्यकता, महत्त्व और चुनौतियाँ।

विधेयक का उद्देश्य

  • दूरसंचार गतिविधियों को सुव्यवस्थित करना: इसका उद्देश्य प्राधिकरण प्रणाली में परिवर्तन करके दूरसंचार नेटवर्क के लिए मौजूदा लाइसेंसिंग प्रणाली को सुव्यवस्थित करना है।
  • दूरसंचार कानून में बदलाव: यह वर्ष 1885 के भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1933 के भारतीय वायरलेस टेलीग्राफी अधिनियम और 1950 के टेलीग्राफ तार (गैर-कानूनी नियंत्रण) अधिनियम को निरस्त करता है।

भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI)

  • भारत में दूरसंचार सेवाओं पर नियंत्रण हेतु एक विनियामक निकाय है। 
  • इसका गठन वर्ष 1997 के भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण अधिनियम की धारा 3 के तहत भारत सरकार द्वारा की गई थी।
  • भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण अधिनियम, 1997 को वर्ष 2000 के दौरान एक अध्यादेश द्वारा संशोधित किया गया था, जो की जनवरी 2000 से प्रभावी हुआ। इसमें  ट्राई से एक न्यायिक और विवाद कार्यों को संभालने के लिए एक दूरसंचार विवाद निपटान और अपीलीय न्यायाधिकरण की स्थापना की गई थी।
  • इसका मुख्यालय नई दिल्ली में अवस्थित है।
  • इस प्राधिकरण का मुख्य उद्देश्य दूरसंचार के क्षेत्र में एक ऐसा उचित और पारदर्शी परिवेश उपलब्ध कराना, जो समान अवसरों के लिए प्रोत्साहित करें।

विधेयक की आवश्यकता

  • क्षेत्र का रूपांतरण: दूरसंचार क्षेत्र में पिछले दशक में महत्त्वपूर्ण रूपांतरण देखे गए हैं, जिसमें इसकी प्रकृति, उपयोग और अंतर्निहित प्रौद्योगिकियों में परिवर्तन शामिल हैं। उदाहरण के लिए, 5G तकनीक और उसका अनुप्रयोग।
  • पुराने कानूनों में सुधार: भारत दूरसंचार और इंटरनेट कंपनियों के लिए एक बड़ा बाजार है। हालाँकि, भारत में दूरसंचार क्षेत्र मुख्य रूप से तीन कानूनों द्वारा शासित था, जिनमें से दो औपनिवेशिक काल में और तीसरा वर्ष 1950 में बनाया गया था।

विधेयक की विशेषताएँ:

  • दूरसंचार से संबंधित गतिविधियों के लिए प्राधिकरण: दूरसंचार सेवाएँ प्रदान करने, दूरसंचार नेटवर्क स्थापित करने, संचालित करने, रख-रखाव या विस्तार करने और रेडियो उपकरण रखने के लिए केंद्र सरकार से पूर्व प्रमाणन की आवश्यकता होगी।
  • स्पेक्ट्रम का आवंटन: विशिष्ट उपयोग के मामलों को छोड़कर, स्पेक्ट्रम आवंटन मुख्य रूप से नीलामी के माध्यम से होगा, जहाँ आवंटन प्रशासनिक आधार पर किया जाएगा।
  • संदेशों का अवरोधन: दो या दो से अधिक व्यक्तियों के मध्य संदेशों को राज्य की सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए अवरुद्ध किया जा सकता है।
  • दूरसंचार सेवाओं का निलंबन: विधेयक केंद्र सरकार को आपातकालीन स्थिति में और राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में अस्थायी रूप से दूरसंचार सेवाओं का नियंत्रण लेने में सक्षम बनाता है।
  • प्रेस संदेशों के लिए दिशा-निर्देश: केंद्र या राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त प्रेस संदेशों को तब तक रोका नहीं जाएगा जब तक कि उनका प्रसारण लागू नियमों के तहत निषिद्ध न हो।
  • शिकायत निवारण: नियमों और शर्तों के उल्लंघन के लिए विवाद समाधान प्रक्रिया में एक स्तरीय संरचना शामिल है, जिसमें एक निर्णय अधिकारी, अपील की एक नामित समिति और दूरसंचार विवाद निपटान एवं अपीलीय न्यायाधिकरण (TDSAT) शामिल हैं।
  • साइबर सुरक्षा उपाय: केंद्र सरकार संचार नेटवर्क और सेवाओं की साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नियम प्रदान कर सकती है।
  • मानक निर्दिष्ट करने की शक्तियाँ: केंद्र सरकार दूरसंचार उपकरण, बुनियादी ढाँचे, नेटवर्क और सेवाओं के लिए मानक एवं मूल्यांकन निर्धारित कर सकती है।
  • मार्ग का अधिकार: दूरसंचार बुनियादी ढाँचे को स्थापित करने के लिए, सुविधा प्रदाता सार्वजनिक या निजी संपत्ति पर मार्ग के अधिकार का अनुरोध कर सकते हैं।
  • उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा: केंद्र सरकार उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा के लिए उपाय लागू कर सकती है, जिसमें विशिष्ट संदेश प्राप्त करने के लिए पूर्व सहमति प्राप्त करना शामिल है, जैसे कि विज्ञापन संदेश और उपयोगकर्ताओं को मैलवेयर या निर्दिष्ट संदेशों की रिपोर्ट करने की अनुमति देने के लिए तंत्र।
  • ट्राई में नियुक्तियाँ: विधेयक ट्राई अधिनियम में संशोधन करता है ताकि कम-से-कम 30 वर्षों के पेशेवर अनुभव वाले व्यक्तियों को अध्यक्ष के रूप में और कम से कम 25 वर्षों के पेशेवर अनुभव वाले व्यक्तियों को सदस्यों के रूप में सेवा करने की अनुमति दी जा सके।
  • आपदा के दौरान संदेशों का प्राथमिकता पूर्ण प्रसारण: किसी भी सार्वजनिक आपातकाल के दौरान, केंद्र या राज्य सरकार किसी भी दूरसंचार सेवा को अस्थायी रूप से जब्त कर सकती है।
  • डिजिटल भारत निधि: विधेयक यूएसओएफ का नाम बदलकर डिजिटल भारत निधि करता है और अनुसंधान एवं विकास के लिए इसके उपयोग की अनुमति देता है।
  • फीस माफ करने का अधिकार: बिल सरकार को उपभोक्ताओं के हित में प्रवेश शुल्क, लाइसेंस शुल्क, जुर्माना आदि माफ करने की शक्ति देता है।

विधेयक को लेकर चिंताएँ:

  • निजता संबंधी चिंताएँ: धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने के लिए, संस्थाओं को अपने उपयोगकर्ताओं का बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण करना अनिवार्य है। इससे उपयोगकर्ताओं की निजता से जुड़ी चिंताएँ बढ़ जाती हैं।
  • परिभाषा में अस्पष्टता: दूरसंचार सेवाओंकी नई परिभाषा को सामान्य रखा गया है और इसकी व्यापक व्याख्या की संभावना है।
  • नेटवर्क पर नियंत्रण: विधेयक सरकार को नेटवर्क पर “अस्थायी नियंत्रण” करने का अधिकार देता है।
  • शक्ति का संभावित दुरुपयोग: विधेयक केंद्र और राज्य सरकारों को किसी भी सार्वजनिक आपातकाल के दौरान या सार्वजनिक सुरक्षा के हित मेंसंचार निलंबित करने का अधिकार देता है। असहमति के स्वरों को रोकने के लिए इस शक्ति का दुरुपयोग किया जा सकता है।
  • ट्राई की प्रतिबंधात्मक शक्तियाँ: मसौदे में ट्राई अध्यक्ष की भूमिका के लिए निजी क्षेत्र के कॉरपोरेट अधिकारियों की नियुक्ति की अनुमति देने का भी प्रावधान है।
  • स्पेक्ट्रम आवंटन: इस मामले पर निजी टेलीकॉम कंपनियाँ बंटी हुई हैं।

निष्कर्ष

दूरसंचार विधेयक, 2023 दूरसंचार सुधार प्रक्रिया की दिशा में एक प्रगतिशील कदम का प्रतिनिधित्व करता है। हालाँकि, हितधारकों द्वारा उठाई गई चिंताओं का समाधान किया जाना चाहिए।

मुख्य परीक्षा पर आधरित प्रश्न : वर्तमान भारत में दूरसंचार क्षेत्र के समक्ष आने वाली प्रमुख चुनौतियाँ कौन-कौन सी हैं? भारत को अपने दूरसंचार क्षेत्र को एक नई उचाई पर ले जाने के लिए कौन-कौन से उपाय अपनाने की आवश्यकता है। इसमें हाल में लोकसभा में प्रस्तुत किया गया दूरसंचार विधेयक कहाँ तक सहायक साबित हो सकता है? टिप्पणी कीजिए।

                                                                                         News Source: Indian Express

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