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रियासी में आतंकी हमला जम्मू-कश्मीर में मुश्किल से हासिल की गई शांति की कमजोरी को दर्शाता है

Lokesh Pal June 14, 2024 05:00 121 0

संदर्भ:

आतंकवादियों द्वारा 53 सीटों वाली बस पर की गई गोलीबारी में लगभग नौ लोग मारे गए और 41 घायल हो गए, यह बस शिव खोरी मंदिर से कटरा में माता वैष्णो देवी मंदिर जा रही थी।

प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: रियासी में आतंकवादी हमला, अनुच्छेद 370, पीर पंजाल रेंज, द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) आदि। 

मुख्य परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: जम्मू-कश्मीर में उग्रवाद आदि।

रियासी में आतंकी हमला:

  • जनवरी में गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की घटनाओं में कमी आने की बात को स्वीकार किया था – उन्होंने जिक्र किया था कि अनुच्छेद 370 के हटाए जाने के बाद से आतंकवादी गतिविधियों में तकरीबन 66 प्रतिशत तक की कमी दर्ज की गई है।
  • अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद घाटी की अपनी पहली यात्रा में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के पर्यटन क्षेत्र में उत्साहजनक वृद्धि की बात स्वीकार की थी।
  • हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में केंद्र शासित प्रदेश के अधिकांश भागों में अधिक मतदान ने आशा और आशावाद की भावना को बढ़ाया है।
  • जिस दिन प्रधानमंत्री मोदी और उनकी मंत्रिपरिषद दिल्ली में शपथ ले रही थी, उसी दिन तीर्थयात्रियों को ले जा रही एक बस पर आतंकवादी हमला हुआ, जिसने शांति की कमजोर स्थिति को उजागर किया है।
  • इस हमले में नौ लोगों की मृत्यु हो गई और यह घटना आम जन-जीवन को परेशान करने वाली भी है कि यह हमला रियासी जिले में हुआ, जहाँ आतंकवाद का प्रभाव अपेक्षाकृत कम रहा है।
  • इस क्षेत्र में आखिरी बार आतंकवादी हमला मई 2022 में हुआ था, जब एक बम हमले में चार वैष्णो देवी तीर्थयात्री मारे गए थे और 20 से अधिक घायल हो गए थे।
  • राजौरी और पुंछ के साथ लगा हुआ रियासी जिला वर्ष 1990 के दशक में उग्रवाद का गढ़ था।
  • इसके बाद, जम्मू के तीन जिलों में उग्रवाद पर काबू पा लिया गया, लेकिन 2021 में आतंकवादियों ने पुंछ में सेना के गश्ती दल पर हमला कर दिया, जिसमें नौ सैनिक मारे गए।
  • पिछले तीन वर्षों में राजौरी और पुंछ में आतंकवादी हमलों में 38 सैनिक और 11 नागरिक मारे गए हैं।
  • कश्मीर घाटी में घुसपैठ रोधी तंत्र का मजबूत होना, आतंकवादियों की गतिविधियों का जम्मू जिलों की ओर रुख करने का संभावित कारण हो सकता है।
  • हालाँकि, राजौरी और पुंछ के विपरीत रियासी नियंत्रण रेखा (LoC) के नजदीक नहीं है।
  • दोनों जिलों में सुरक्षा बलों का दबाव, जहाँ 2021 से आतंकवाद ने फिर से अपना सिर उठाया है, आतंकवादियों को नए युद्ध के मैदान की तलाश करने के लिए मजबूर कर सकता है।
  • इस घटनाक्रम से नई सुरक्षा चिंताएँ उत्पन्न हो गई हैं।
  • पीर पंजाल पर्वतमाला, जो कश्मीर को जम्मू से अलग करती है, तीनों जिलों से होकर गुजरती है।
  • इस पर्वत श्रृंखला में स्थित दर्रे, पीओके (POK) तक बदलते मौसम के साथ पहुँच प्रदान करते हैं तथा पीर पंजाल के दुर्गम इलाके और घने जंगल आतंकवादियों को भागने के रास्ते के साथ-साथ हमलों के लिए एक प्रभावी जगह भी उपलब्ध कराते हैं।
    • रियासी में हुआ हमला इस कार्यप्रणाली का प्रमाण है – कथित तौर पर जंगल में छिपे आतंकवादियों ने तीर्थयात्रियों को ले जा रही बस पर घात लगाकर हमला किया।
  • हाल के वर्षों में एफएटीएफ (FATF) द्वारा पाकिस्तान पर लगाई गई शर्तों के बाद, लश्कर-ए-तैयबा (LTE) जैसे आतंकवादी संगठन सामान्यतः अंतरराष्ट्रीय जाँच से बचने के लिए प्रॉक्सी का इस्तेमाल करते रहे हैं।
  • ऐसे ही एक समूह, द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने रविवार के हमले की जिम्मेदारी ली है।
  • जम्मू-कश्मीर में इस संगठन की मौजूदगी केंद्र शासित प्रदेश पुलिस के रिकॉर्ड से पता चलती है।
  • 2022 के लिए इसके आँकड़ों से पता चलता है कि जम्मू-कश्मीर में मारे गए अधिकांश आतंकवादी या तो लश्कर-ए-तैयबा या टीआरएफ के थे – जो पिछले 30 वर्षों में विकसित कुछ गुप्त नेटवर्कों के कायम रहने का संकेत है।
  • हालाँकि, ऐतिहासिक रूप से जम्मू क्षेत्र में उग्रवाद लंबे समय तक कायम नहीं रह पाया, क्योंकि इसमें स्थानीय समर्थन का अभाव रहा।
  • दरअसल, जुलाई 2022 में रियासी निवासियों ने लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों को काबू कर सुरक्षा बलों को सौंप दिया था।
  • केंद्र को रियासी हमले को ध्यान में रखते हुए अपनी सतर्कता को बढाने की आवश्यकता है, साथ ही जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने और जल्द से जल्द पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ने की आवश्यकता है ।

निष्कर्ष: 

निष्कर्षस्वरुप जम्मू कश्मीर के रियासी में हाल ही में हुआ आतंकवादी हमला जम्मू-कश्मीर में चल रही सुरक्षा चुनौतियों को उजागर करता है, तथा सतर्क आतंकवाद-रोधी प्रयासों की आवश्यकता और राजनीतिक स्थिरता बहाल करने के महत्त्व को रेखांकित करता है।

मुख्य परीक्षा पर आधारित प्रश्न :

प्रश्न : अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण के बाद जम्मू और कश्मीर में हुए सामाजिक-आर्थिक परिवर्तनों का परीक्षण करें। इसने क्षेत्र की स्थिरता और शेष भारत के साथ इसके एकीकरण को कैसे प्रभावित किया है? टिप्पणी कीजिए।  (15 अंक, 250 शब्द)

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