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Lokesh Pal
August 04, 2025 05:15
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भारत की प्राचीन व गौरवशाली सभ्यता और इसकी सामूहिक नागरिक भावना में प्रत्यक्ष गिरावट के बीच एक बड़ा अंतर है।
भारत की सभ्यतागत विरासत और इसकी घटती नागरिक भावना के बीच बढ़ती असमानता इसके सामाजिक ताने-बाने के लिए अस्तित्वगत खतरा बन गई है।
मुख्य परीक्षा हेतु अभ्यास प्रश्नप्रश्न: भारत में नागरिक भावना का क्षरण, जो सार्वजनिक अव्यवस्था और असहिष्णुता से चिह्नित है, गहरे सामाजिक और संस्थागत अंतरालों को दर्शाता है। समकालीन भारत में नागरिक उत्तरदायित्व के पोषण में प्रमुख चुनौतियों का परीक्षण कीजिए। एक ‘अच्छी सभ्यता’ के आदर्शों के अनुरूप इन अंतरालों को पाटने के लिए कौन-कौन से कदम उठाए जा सकते हैं? उल्लेख कीजिए। (10 अंक, 150 शब्द) |
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