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Lokesh Pal
October 08, 2025 05:15
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भारत के दर्शन और प्रगति के केंद्र में रही आत्मनिर्भरता ने ऐतिहासिक रूप से संकटों को क्षमताओं में बदल दिया है। वैश्विक अस्थिरता के बीच, घरेलू संसाधनों को एकत्रित करने तथा सतत, सुदृढ़ राष्ट्रीय विकास सुनिश्चित करने के लिए वित्त, प्रौद्योगिकी और रक्षा में आत्मनिर्भरता अत्यंत महत्वपूर्ण है।
बुनियादी ढाँचा: देश भर में विश्वसनीय मूल्यांकन सुनिश्चित करने के लिए हॉलमार्किंग और शुद्धता परीक्षण केंद्रों का विस्तार करना।
भारत घरेलू संपदा, प्रतिभा और तन्यकता का उपयोग करके अपने विकास को बढ़ावा दे सकता है। विश्वास, दूरदर्शिता और दृढ़ संकल्प ही भारत को वास्तव में आत्मनिर्भर बनाएंगे और अपने विकास को अपनी शर्तों पर परिभाषित करेंगे।
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