100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

परमाणु युग का तीसरा चरण

Lokesh Pal June 19, 2025 05:15 9 0

संदर्भ:

हाल ही में, इजरायल ने ईरान के एक सरकारी टीवी भवन पर बमबारी की। इस कार्रवाई को ईरान द्वारा उत्पन्न परमाणु खतरे के खिलाफ एक कदम के रूप में बताया गया।

उल्लंघन और वैश्विक प्रतिक्रिया

  • मानदंडों और कानून का उल्लंघन: विशेषज्ञों का मानना है कि बमबारी से कूटनीतिक मानदंडों का उल्लंघन होता है, यह अंतर्राष्ट्रीय कानून को चुनौती देती है और परमाणु अप्रसार संधि (NPT) के खिलाफ है, जिसका उद्देश्य वार्ता और संधि प्रतिबद्धताओं के माध्यम से प्रसार को नियंत्रित करना है।
  • अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिक्रिया का अभाव: वैश्विक मानदंडों के उल्लंघनों के बावजूद, वैश्विक स्तर पर मौन एक बदलते हुए परमाणु दृष्टिकोण को दर्शाता है।

परमाणु युग का प्रथम चरण (1945-1991):

  • शीत युद्ध और पारस्परिक रूप से सुनिश्चित विनाश: यह युग मुख्य रूप से शीत युद्ध द्वारा परिभाषित था और इसके भयानक द्विध्रुवीय तर्क, जिसे पारस्परिक रूप से सुनिश्चित विनाश (MAD) कहा जाता है।
  • महाशक्ति शस्त्रागार: यह अमेरिका-यूएसएसआर (USSR) प्रतिद्वंद्विता से चिह्नित था, लगभग 70,000 परमाणु वारहेड्स का भंडार था।
  • MAD की भूमिका: पारस्परिक रूप से सुनिश्चित विनाश (MAD) ने भय के माध्यम से शांति बनाए रखी।
  • शस्त्र नियंत्रण प्रयास: परमाणु अप्रसार संधि (NPT) और न्यू स्टार्ट जैसी संधियों का उद्देश्य शस्त्रों पर नियंत्रण करना था।
  • न्यू स्टार्ट की सीमाएँ: न्यू स्टार्ट संधि ने सभी तैनात परमाणु वारहेड्स की संख्या को प्रत्येक पक्ष के लिए 1,550 तक सीमित किया।
  • युग का अंत: अनुमान है कि इस युग का अंत वर्ष 2026 में हो जाएगा, और कोई उत्तरवर्ती संधि संभवतः इसके बाद के लिए निर्धारित नहीं है।

परमाणु युग का द्वितीय चरण:

  • ग्लोबल जीरोआंदोलन: यह अवधि शीत युद्ध के बाद की आशावादिता से चिह्नित थी, जिसमें “ग्लोबल ज़ीरो” आंदोलन की प्रमुख भूमिका रही।
  • ओबामा का विजन: पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा ने परमाणु मुक्त विश्व की वकालत की और इस प्रयास के लिए उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया, हालांकि उन्होंने अपने 2009 के भाषण में यह भी स्पष्ट कर दिया था कि यह उनके जीवनकाल में संभव नहीं है।
  • प्रभुत्व: निरस्त्रीकरण की भाषा के बावजूद, परमाणु संपन्न राष्ट्रों ने अपना प्रभुत्व बनाए रखा, जिसे एनपीटी के अनिश्चित काल तक के विस्तार से और भी सुदृढ़ कर दिया गया।
  • अस्पष्ट व अधूरा एनपीटी अनुच्छेद 6: एनपीटी का अनुच्छेद 6, जो परमाणु हथियार संपन्न देशों से “सद्भावना से वार्ता करने” और परमाणु निशस्त्रीकरण प्राप्त करने का आह्वान करता है, अब तक अधूरा ही बना हुआ है।
  • शस्त्रागार विस्तार: इसके विपरीत, प्रमुख देशों ने अपने परमाणु शस्त्रागार का विस्तार किया।
  • भारत-पाकिस्तान परमाणु परीक्षण: भारत और पाकिस्तान ने 1998 में परमाणु परीक्षण किए, लेकिन इससे यह धारणा नहीं बदली कि परमाणु हथियारों का उपयोग वर्जित क्षेत्र से बाहर है।
  • अमेरिका का आधुनिकीकरण कार्यक्रम: अमेरिका ने $1.5 से $2 ट्रिलियन डॉलर का परमाणु आधुनिकीकरण कार्यक्रम संचालित किया।
  • एकतरफा परमाणु प्रतिबंध संधि: हालांकि परमाणु प्रतिबंध संधि (2017) पर वार्ता हुई, लेकिन परमाणु हथियार संपन्न देशों (NWS) ने इसका समर्थन नहीं किया।

परमाणु युग का तृतीय चरण

  • रणनीति की वापसी: हालांकि परमाणु हथियार एक बार फिर वैश्विक रणनीति का हिस्सा बन गए हैं।
  • अस्थिर वैश्विक व्यवस्था: जैसा कि वर्तमान वैश्विक परिदृश्य व व्यवस्था अस्थिर बनी हुई है परंतु प्रतिरोध के नियम बदल रहे हैं
  • चीन का परमाणु विस्तार: चीन अपने परमाणु शस्त्रागार का विस्तार कर रहा है, जो अनुमानतः 600 से अधिक वारहेड्स तक पहुँच चुका है। यह विस्तार रणनीतिक संतुलन स्थापित करने का प्रयास है।
  • यूक्रेन युद्ध के प्रमुख जोखिम: रूस ने यूक्रेन युद्ध के दौरान परमाणु धमकियाँ दीं, जो टकराव को बढ़ाने की उसकी संभावित मंशा को दर्शाती हैं।
  • ब्रिटेन और फ्रांस के प्रयास: ब्रिटेन और फ्रांस अपने प्रतिरोधक हथियारों का सक्रिय रूप से आधुनिकीकरण कर रहे हैं।
  • ब्रिटेन का निवेश: ब्रिटेन विशेष रूप से वर्तमान रिपोर्टों के मुताबिक अपनी परमाणु क्षमताओं में £15 बिलियन का निवेश कर रहा है।
  • टैक्टिकल परमाणु हथियार: टैक्टिकल परमाणु हथियार रणनीतिक विचारों में अधिक महत्व प्राप्त कर रहे हैं।
  • बेलारूस में तैनाती: रूस ने बेलारूस को टैक्टिकल परमाणु हथियार उपलब्ध कराए हैं।
  • उपयोग की कम सीमा: इस विकास से युद्धक्षेत्र में परमाणु हथियारों के उपयोग की कम सीमा का जोखिम बढ़ जाता है
  • पूर्व का अंतिम विकल्प सिद्धांत: पहले परमाणु हथियारों का उपयोग करना संकट की अवधि में, अंतिम विकल्प, यानी आखिरी सहारा माना जाता था।
  • वर्तमान धारणा: अब परमाणु हथियारों को अपनी शक्ति व स्थिति को बदलने के एक उपकरण के रूप में देखा जा रहा है, जो उनकी उपयोगिता की धारणा में बदलाव को दर्शाता है।
  • मानदंडों का क्षरण: प्रतिरोध के स्थापित मानदंड धीरे-धीरे कमजोर हो रहे हैं।
  • वैश्विक असुरक्षा: इन बदलावों के माध्यम से अब प्रत्यक्षतः वैश्विक असुरक्षा बढ़ रही है।
  • आक्रामकता बढ़ाने वाले सिद्धांत: आज विश के अधिकांश नेतृत्व पहले उपयोग या तीव्रता बढ़ाने वाले सिद्धांतों की ओर संकेत कर रहे हैं, जो परमाणु परिदृश्य को और अधिक अस्थिर बना रहे हैं।
  • प्रतिरोध में संयम का क्षरण: प्रतिरोध नैतिक और रणनीतिक संयम खो रहा है, जो परमाणु हथियारों के प्रति दृष्टिकोण और संभावित उपयोग में बदलाव को दर्शाता है।
  • अस्थिर परमाणु गतिशीलता: जैसा कि वर्तमान दुनिया एक उभरती बहुध्रुवीयता का सामना कर रही है, जिसमें अंतर्निहित रूप से अस्थिर परमाणु गतिशीलताएँ शामिल हैं।
  • असंतुलन को बढ़ाने के प्रमुख कारण: अमेरिका की वापसी के साथ-साथ चीन और रूस की आक्रामकता, इस वैश्विक असंतुलन को और बढ़ा रही है
  • भारत-पाकिस्तान के निहितार्थ: संभावित भारत-पाकिस्तान संबंधी निहितार्थों को अब नेताओं द्वारा खुले तौर पर स्वीकार किया जा रहा है, जो क्षेत्रीय परमाणु जोखिमों को उजागर करता है।

निष्कर्ष:

वर्तमान तनावों के बावजूद, परमाणु युग का तीसरा चरण वैश्विक परमाणु शासन की पुनः कल्पना करने का एक अवसर भी प्रस्तुत करता है। यह विभिन्न प्रयासों के माध्यम से उभरती शक्तियों को शामिल करते हुए नवीनीकृत बहुपक्षीय संवाद निरस्त्रीकरण प्रयासों को पुनर्जीवित कर सकता है।

 मुख्य परीक्षा हेतु अभ्यास प्रश्न

प्रश्न. ‘परमाणु युग के ‘तृतीय चरण’ के उदय के साथ, वैश्विक स्तर पर परमाणु निरोध, निशस्त्रीकरण और अप्रसार से जुड़े मानदंड बदलते हुए प्रतीत हो रहे हैं, जो बढ़ते भू-राजनीतिक तनावों और सैन्य आधुनिकीकरण के बीच घटित हो रहा है। टिप्पणी कीजिए।

(10 अंक, 150 शब्द)

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.