100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

पैरा कूटनीति का समय

Lokesh Pal May 23, 2024 05:00 87 0

प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर (PoK), गुरुद्वारा करतारपुर  साहिब, रेडक्लिफ लाइन ।

मुख्य परीक्षा के लिए प्रासंगिकता : भारत-पाकिस्तान व्यापार संबंध, पड़ोसी पहले नीति, पैरा कूटनीति, विशेष आर्थिक-क्षेत्र, भारत-पाकिस्तान सीमा चुनौतियाँ।

संदर्भ:

  • हाल ही में अपने नवीनतम घोषणापत्र में, शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने बातचीत के जरिए भूमि विनिमय के माध्यम से पाकिस्तान से करतारपुर साहिब पर पुनः नियंत्रण प्राप्त करने का प्रस्ताव रखा।

भारत-पाकिस्तान सीमा से जुड़ी चुनौतियाँ:

  • प्रादेशिक प्रस्ताव में चुनौतियाँ : पंजाब में रेडक्लिफ रेखा पर पुनर्विचार करने का शिरोमणि अकाली दल (SAD)  का सुझाव या पीओके (POK) को पुनः प्राप्त करने का भाजपा (BJP) का दावा, अनेक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।
    • पंजाब में रेडक्लिफ रेखा के साथ प्रादेशिक यथास्थिति को बदलना या POK पर पुनः नियंत्रण प्राप्त करना, चाहे वह शांतिपूर्ण तरीकों से हो या बल प्रयोग से, पूरी तरह से असंभव नहीं है, लेकिन वर्तमान परिस्थितियों में यह दृष्टिकोण अनेक  कठिनाइयाँ प्रस्तुत करता है।
  • प्रस्तावित परिवर्तनों का प्रभाव: इन परिवर्तनों के संभावित परिणाम पहले से ही संवेदनशील क्षेत्रीय यथास्थिति को अस्थिर करने से कहीं अधिक हैं, जिससे भारत और पाकिस्तान के मध्य ऐतिहासिक और मौजूदा तनाव के कारण काफी प्रतिरोध हो रहा है।

पैराडिप्लोमैसी (Para Diplomacy): पैराडिप्लोमैसी (स्थानिक कूटनीति) की संकल्पना पहली बार वर्ष 1990 में एक अमेरिकी विद्वान जॉन किनकैड ने की थी जिन्होंने एक लोकतांत्रिक संघीय प्रणाली के भीतर स्थानीय सरकारों के लिए एक विदेश नीति की भूमिका की रूपरेखा बनाई थी। विशेष रूप से, व्यापार एवं निवेश से संबंधित आर्थिक कूटनीति विश्व भर में-अमेरिका, कनाडा एवं बेल्जियम जैसे संघीय ढाँचे वाले देश में, स्पेन जैसे अर्ध-संघीय देश में, जापान जैसे गैर संघीय देश में एवं यहाँ तक कि चीन जैसे गैर-लोकतांत्रिक देश में भी एक संस्थागत प्रचलन बन चुकी है। 

पैराडिप्लोमैसी का उपयोग विभिन्न प्रकार के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए किया जा सकता है जिनमें क्षेत्रीय मुद्दों को वैश्विक स्तर पर लाने के जरिये घरेलू मुद्दों का अंतरराष्ट्रीयकरण करने के लिए अंतरराष्ट्रीय बहसों में विकेंद्रित पहलू का शुमार करना, व्यापारिक, पर्यटन, सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देना एवं यहां तक कि अंतरराष्ट्रीय समर्थन हासिल करने के लिए स्थानीय राजनीतिक सक्रियतावाद के प्रति संघर्ष-पश्चात सुलह शामिल है। उप राष्ट्रीय संबंधों का उपयोग क्षेत्र-विशिष्ट आर्थिक लाभ हासिल करने के लिए निवेशों को बढ़ावा देने तथा उन्हें आकर्षित करने के लिए भी किया जा सकता है। कई प्रकार से पैराडिप्लोमैसी का उद्भव भूमंडलीकरण से भी जोड़ा जा सकता है।

Source: ORF

भारत और पाकिस्तान के मध्य आर्थिक सहयोग में चुनौतियाँ

  • अनसुलझे संघर्ष: आर्थिक सहयोग में बाधा पाकिस्तान के सैन्य और राजनीतिक नेतृत्व की स्थिति से उत्पन्न होती है। वर्षों से, पाकिस्तानी सेना ने भारत के साथ आर्थिक संबंधों का कड़ा विरोध किया है, जिसका मुख्य कारण खासकर कश्मीर से संबंधित अनसुलझे संघर्ष हैं ।
  • पारस्परिक व्यापार नीतियों का अभाव: भारत और पाकिस्तान के मध्य व्यापार में बाधा उत्पन्न हुई है, क्योंकि पाकिस्तान ने भारत को सबसे तरजीही राष्ट्र (Most-Favoured Nation-MFN) का दर्जा देने से इनकार कर दिया है, जो व्यापार संबंधों को सामान्य बनाने के लिए एक आवश्यक कदम है।
    • फरवरी 2019 के दौरान पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत ने भी पाकिस्तान से सबसे तरजीही राष्ट्र (MFN) का दर्जा वापस ले लिया था, जिसका दोनों देशों के द्विपक्षीय व्यापारिक संबंधों पर प्रभाव पड़ना स्वाभाविक था। 
    • इसके अतिरिक्त, अगस्त 2019 में भारत द्वारा जम्मू और कश्मीर की विशेष स्थिति को रद्द करने के कारण पाकिस्तान ने सभी व्यापार संबंधों को निलंबित कर दिया, जिससे संबंधों में, तनाव बढ़ गया।
  • ऐतिहासिक खेमा (Historical Baggage): आर्थिक संबंधों को गहरा करने की अनिच्छा काफी हद तक ऐतिहासिक संघर्षों और लगातार कश्मीर मुद्दे से उत्पन्न होती है, जो संभावित आर्थिक लाभों से अधिक है।
  • आर्थिक कारणों का दमन: आपसी लाभ का हवाला देते हुए, भारत के साथ व्यापार संबंधों को फिर से स्थापित करने के लिए पाकिस्तानी व्यापारिक समुदाय की ओर से समय-समय पर वकालत के बावजूद, आर्थिक व्यावहारिकता पर भू-राजनीतिक विचारों को प्राथमिकता देते हुए, राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व द्वारा ऐसी आवाजों को अक्सर दबा दिया जाता है।
    • उदाहरण के लिए, शहबाज शरीफ की सरकार के तहत, पाकिस्तानी व्यापारियों की ओर से व्यापार पुनः शुरू करने का आह्वान किया गया था, जो आर्थिक लाभों की व्यावहारिक समझ को दर्शाता है।

पैरा कूटनीति का समय

  • सीमावर्ती विशेष आर्थिक-क्षेत्र की स्थापना: शिरोमणि अकाली दल (SAD)  के घोषणा-पत्र में छोटे और मध्यम उद्यमों को समर्थन देने के लिए पंजाब की सीमा को विशेष आर्थिक-क्षेत्र (SEZ) में परिवर्तित करने का सुझाव दिया गया है, जिससे भारत-पाकिस्तान संबंधों में बदलाव की संभावना है।
    • इस दृष्टिकोण में पाकिस्तान द्वारा अपनी ओर एक संबंधित क्षेत्र स्थापित करने, एकीकृत विकास और परस्पर आर्थिक निर्भरता को बढ़ावा देने की संभावना शामिल है।
    • यह दृष्टिकोण दक्षिण-पूर्व एशिया और चीन के सीमांत प्रांतों में सीमा-पार आर्थिक क्षेत्रों के सफल उदाहरणों को प्रतिबिंबित करता है, जहाँ आर्थिक सहयोग राजनीतिक बाधाओं को पार कर जाता है।
  • पैरा-कूटनीति का उपयोग: शिरोमणि अकाली दल (SAD) का यह प्रस्ताव दोनों राष्ट्रों के राष्ट्रीय हितों को आगे बढ़ाने में “ पैरा-कूटनीति” या “स्थानिक कूटनीति” की क्षमता को रेखांकित करता है।
    • इसमें दोनों राष्ट्रों की सीमाओं के पार, प्रांतीय और स्थानीय सरकारों के मध्य आधिकारिक जुड़ाव शामिल है, जिसकी वजह से ऐसे अवसर पैदा होते हैं जिन्हें राष्ट्रीय सरकारें अपने मजबूत रुख के कारण नजरअंदाज कर सकती हैं।
  • सीमा सहयोग को बढ़ावा देना: अधिक व्यावहारिक विकल्प यह है कि इन सीमाओं को संघर्ष के स्रोत के बजाय व्यापार और सहयोग के अवसर के रूप में देखा जाए।
    • यह व्यावहारिक दृष्टिकोण क्षेत्र में आर्थिक समृद्धि बढ़ाने के लिए व्यापार और पर्यटन के लिए पाकिस्तान के साथ अटारी और हुसैनीवाला सीमाओं को फिर से खोलने के शिरोमणि अकाली दल (SAD) के आह्वान के अनुरूप है।

निष्कर्ष

निष्कर्षतः भारत की पड़ोस नीति की सफलता, केंद्र और क्षेत्रीय सरकारों के मध्य रचनात्मक सहयोग के माध्यम से सीमावर्ती प्रांत के निवासियों के हितों के साथ तालमेल बिठाने पर निर्भर है। इसके लिए भारत की शासन में एक रणनीतिक उपकरण के रूप में पैरा डिप्लोमेसी को अपनाते हुए सर्वसम्मति-निर्माण दृष्टिकोण की आवश्यकता है।  

प्रारंभिक परीक्षा पर आधारित प्रश्न :                                                                                   

प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :

  1. सिख धर्म के पहले गुरु, गुरु नानक ने झेलम नदी के तट पर करतारपुर साहिब की स्थापना की थी।
  2. करतारपुर साहिब कॉरिडोर 4.1 किमी लम्बा मार्ग है ,जो  पाकिस्तान के दरबार साहिब गुरुद्वारा को भारत के पंजाब प्रांत के गुरदासपुर ज़िले में डेरा बाबा नानक साहिब से जोड़ता है।
  3. यह कॉरिडोर 12 नवंबर, 2019 को सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व  के अवसर पर बनाया गया था।

उपर्युक्त कथनों में से कितने  कथन सही है/हैं?

  1. केवल 1 
  2. केवल 2 
  3. सभी तीनों
  4. कोई भी नहीं 

उत्तर: (b)

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.