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Lokesh Pal July 13, 2024 05:00 138 0
अपनी विकलांगता और ओबीसी स्थिति के दावे की प्रामाणिकता को लेकर विवादों में घिरी परिवीक्षाधीन आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर को सेवा समाप्ति जैसी संभावित दंडात्मक कार्यवाही का सामना करना पड़ सकता है यदि मामले की जांच के लिए केंद्र द्वारा गठित एक सदस्यीय पैनल इस निष्कर्ष पर पहुंचता है कि उन्होंने तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया है या उन्हें छिपाया है तो उन पर जालसाजी का आपराधिक मामला भी चलाया जा सकता है।
खेडकर के खिलाफ लगाए गए आरोप प्रशासनिक शक्ति, विशेषाधिकार और सकारात्मक कार्रवाई के संभावित दुरुपयोग को उजागर करते हैं, तथा सार्वजनिक सेवा में निष्पक्षता, निष्ठा और पारदर्शिता के बारे में महत्वपूर्ण चिंताएं उत्पन्न करते हैं। इसलिए संघ लोक सेवा आयोग जैसी महत्वपूर्ण संस्था में परीक्षार्थियों और देश के विश्वास को बनाए रखने के लिए इस मामले में निष्पक्ष कार्यवाही की जानी चाहिए और सत्य सबके सामने आना चाहिए।
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