100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

बीसवीं पशुधन गणना : ग्रामीण क्षेत्रों में पशुधन संकेन्द्रण संबंधी चुनौतियाँ

Lokesh Pal June 15, 2024 05:30 233 0

संदर्भ:

बीसवीं पशुधन गणना से पता चला है कि भारत की पशुधन आबादी लगभग 537. 78 मिलियन है और इसमें से 95.8% पशुधन आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में केंद्रित है इसलिए पशु चिकित्सा सेवाओं तक उनकी पहुँच एक बड़ी चुनौती है।

प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रासंगिकता:  पशुधन गणना संबंधी आँकड़े, राष्ट्रीय गोकुल मिशन, राष्ट्रीय पशुधन मिशन (NLM) आदि। 

मुख्य परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: पशुधन गणना के महत्त्व एवं चुनौतियाँ आदि। 

संबंधित तथ्य:

  • देश की अधिकांश पशुधन आबादी  ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में केंद्रित है इसलिए पशु चिकित्सा सेवाओं तक उनकी पहुँच एक बड़ी चुनौती है।
  • जब भी इन क्षेत्रों के पशुपालकों को अपने पशुओं के लिए उपचार की आवश्यकता होती है, तो पशुपालकों को अक्सर अपने गाँवों से दूर जाने के लिए मजबूर होना पड़ता है, जो उनके पशुओं की दीर्घायु और उत्पादकता पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।

पशुपालकों के सामने आने वाली चुनौतियाँ:

  • अपर्याप्त परीक्षण सुविधाएँ:
    • पशु-चिकित्सा रोगों के लिए अपर्याप्त परीक्षण और उपचार सुविधाएँ एक बड़ी चुनौती बन हैं, विशेषकर वर्तमान समय में जब जूनोटिक रोगों के मामलों में भारी वृद्धि हो रही है।
    • देश के अधिकांश गाँवों में जाँच सुविधाओं का अभाव है, और जब नमूने एकत्र भी किए जाते हैं, तो उन्हें परीक्षण के परिणाम के लिए पास के ब्लॉक/जिलों में भेजना पड़ता है।
  • अप्रशिक्षित स्वास्थ्य कार्यकर्ता:
    • अप्रशिक्षित स्वास्थ्य कार्यकर्ता ग्रामीण भारत में लोकप्रिय रहे हैं, क्योंकि वे परामर्श के लिए कम शुल्क लेते हैं और आसानी से उपलब्ध होते हैं परंतु पर्याप्त प्रशिक्षण की कमी और  त्रुटिपूर्ण नुस्खों के कारण एंटीबायोटिक दवाओं का अनुचित उपयोग होने का संभावित जोखिम बना रहता  है।

* रोगाणुरोधी प्रतिरोध: यह तब होता है जब पशु किसी दवा के प्रति प्रतिक्रिया नहीं करता है, जिसके प्रति वह मूलतः प्रतिक्रियाशील था।

  • रोगाणुरोधी प्रतिरोध उच्च या निम्न खुराक, दवा की गलत अवधि, तथा अत्यधिक दवा के उपयोग जैसे कारकों के कारण हो सकता है।
  • भौगोलिक भू-भाग:
    • मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयाँ (MVU) कई राज्यों (आंध्र प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, ओडिशा, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, आदि) में सफलतापूर्वक चल रही हैं और इसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं, लेकिन सभी राज्यों तक इनकी पहुँच नहीं हो पायी है, खासकर भौगोलिक दृष्टि से कठिन इलाकों में।
  • जीविका एवं भुखमरी:
    • अधिकांश पशुपालकों के पास प्रति परिवार दो से चार पशु होते हैं।
    • चूँकि भारत की लगभग 70% दूध आपूर्ति ऐसे किसानों से प्राप्त होती है, जिनके पास पाँच से कम पशु होते हैं, इसलिए केवल मास्टीसिस रोग या स्तनदाह (स्तन ऊतकों की सूजन) के कारण होने वाले नुकसान से डेरी फार्मों को प्रति फार्म प्रति दिन लगभग 10 लीटर दूध का नुकसान होता है।
    • इसलिए अधिकांश किसानों के लिए, पशुओं की मृत्यु या बीमारी का मतलब जीविका और भुखमरी के मध्य का अंतर हो सकता है।
  • दवा वितरक:
    • ग्रामीण समुदायों में दवा वितरकों के सेल्समैनों की बढ़ती उपस्थिति से पशु स्वास्थ्य का मुद्दा और भी जटिल हो गया है।

सरकार द्वारा उठाए गए प्रमुख कदम:

  • पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण (LH&DC) कार्यक्रम: मुख्य ध्यान ‘पशु चिकित्सा सेवाओं अर्थात एमवीयू की स्थापना एवं सुदृढ़ीकरण’ पर दिया गया है।
    •  पशु चिकित्सा सेवाओं (MVU) को डोरस्टेप डिलीवरी मॉडल पर बनाने के प्रस्ताव किये गये हैं , क्योंकि स्थिर अस्पतालों तक अधिकांश पशुपालकों की आसानी से पहुँच नहीं हो पाती है। 
    •  पशु चिकित्सा सेवाओं (MVU) में निदान, उपचार और छोटी सर्जरी के लिए उपकरण, पशुओं के उपचार के लिए अन्य बुनियादी आवश्यकताएँ, जागरूकता पैदा करने के लिए ऑडियो-विजुअल सहायता और वाहनों की जीपीएस ट्रैकिंग जैसी आवश्यक सुविधाओं पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है।
  • कृत्रिम गर्भाधान (AL): यौन संभोग या इन विट्रो निषेचन के अलावा अन्य तरीकों से इनविवो निषेचन के माध्यम से गर्भधारण प्राप्त करने के उद्देश्य से प्रस्ताव किये गये हैं। 
  • राष्ट्रीय गोकुल मिशन: इसका उद्देश्य देशी नस्ल की गायों का विकास और संरक्षण करना है। यह दूध उत्पादन बढ़ाने और किसानों के लिए इसे अधिक लाभकारी बनाने पर भी काम करता है।
  • राष्ट्रीय पशुधन मिशन (NLM): पशुधन उत्पादन प्रणालियों में मात्रात्मक और गुणात्मक सुधार और सभी हितधारकों की क्षमता निर्माण सुनिश्चित करने के लिए 2014-15 में शुरू किया गया।
    • यह योजना अप्रैल 2019 से श्वेत क्रांति – राष्ट्रीय पशुधन विकास योजना की एक उप-योजना के रूप में कार्यान्वित की जा रही है।
    • मिशन को निम्नलिखित चार उप-मिशनों में संगठित किया गया है:
      • पशुधन विकास पर उप-मिशन
      • चारा और चारा विकास पर उप-मिशन
      • कौशल विकास, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और विस्तार पर उप-मिशन
      • उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में सूअर विकास पर उप-मिशन

आगे की राह:

  • स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करना: उन्हें जागरूक करने और उचित प्रशिक्षण प्रदान करने की आवश्यकता है।
  • रोगाणुरोधी प्रतिरोध का मुकाबला: इस  रोगाणुरोधी प्रतिरोध  (Antimicrobial Resistance) समस्या पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है और सरकार को इसका मुकाबला करने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।
  • अधिक एमयूवी अपनाने की आवश्यकता: निकट भविष्य में मुख्य जोर पशु चिकित्सा स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं के उन्नयन, रोग निगरानी और प्रशिक्षण (CVE), तथा वास्तविक समय में रोग रिपोर्टिंग पर केंद्रित करने की आवश्यकता है। 
    • देश भर में उचित पशु चिकित्सा सेवाओं को अपनाने से पशु चिकित्सकों और सहायकों के लिए रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी।
  • नवाचार और तकनीकी रूप से उन्नत: नोवेल कोरोनावायरस महामारी के लॉकडाउन के दौरान, हमने स्टार्ट-अप्स द्वारा नवाचारों को देखा, जो पशुधन किसानों और पशु चिकित्सकों के मध्य वीडियो परामर्श सत्र प्रदान करते थे, साथ ही कुछ ऐसे ऐप्स भी थे जो पशुधन स्वास्थ्य और पोषण पर किसानों को विस्तृत जानकारी प्रदान करते थे।
  • निजी क्षेत्र का समावेश: पशु स्वास्थ्य और  पशु चिकित्सा सेवाओं के संदर्भ में निजी क्षेत्र द्वारा नवाचार और सहयोग की काफी गुंजाइश है अतः उनको शामिल किया जन चाहिए।
    • इसके अलावा, सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल के बढ़ते प्रचलन के साथ, एमवीयू मॉडल निवेश पर उच्चतर रिटर्न उत्पन्न करने के लिए लाभदायक सिद्ध हो सकता है। 

अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य

संबंधित समिति की रिपोर्ट:

  • एम.के.जैन समिति की रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि पशुपालकों को पारंपरिक कृषि किसानों की तुलना में अधिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, विशेषकर ऋण और पशुधन बीमा प्राप्त करने में।

संवैधानिक प्रावधान:

  • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 48 में कहा गया है कि राज्य कृषि और पशुपालन को आधुनिक और वैज्ञानिक तरीके से संगठित करने का प्रयास करेगा, नस्लों को सुधारने के लिए कदम उठाएगा तथा गायों, बछड़ों और अन्य दुधारू और वाहक मवेशियों के वध पर प्रतिबंध लगाएगा।
  • अनुच्छेद 51क (छ) भारतीय नागरिकों पर प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा और सुधार करने तथा सभी जीवित प्राणियों के प्रति दया रखने का कर्तव्य निर्धारित करता  है।

मुख्य परीक्षा पर आधारित प्रश्न 

जीएस 3: पशु-पालन का अर्थशास्त्र

प्रश्न पशुधन ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है, लेकिन विकास रणनीतियों में इसे प्राथमिकता देने में जटिल समझौते शामिल हैं। समालोचनात्मक टिपण्णी कीजिए। 10 अंक, 150 शब्द

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.