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Samsul Ansari January 31, 2024 11:30 166 1
संदर्भ
इस फरवरी में, सेना द्वारा म्याँमार में लोकतांत्रिक रूप से चयनित सरकार को पदच्युत कर सत्ता पर अधिग्रहण के पश्चात् शुरू हुए बड़े पैमाने पर नागरिक अवज्ञा आंदोलन के तीन वर्ष पूरे हो जाएँगे।
प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: वैश्विक मानचित्र पर म्याँमार की अवस्थिति।
मुख्य परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: म्याँमार के सैन्य तख्तापलट का भारत के हितों पर प्रभाव और म्याँमार के संबंध में भारत की नीति का पुनर्मूल्यांकन।
एक कठोर प्रतिरोध
म्याँमार सेना के प्रति असंतोष और क्षेत्रीय क्षति:
असंतोष का कारण
विभिन्न राष्ट्रों और संगठनों की भूमिका एवं सहभागिता
निष्कर्ष
सैन्य, जातीय सशस्त्र संगठनों द्वारा देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग स्तर के नियंत्रण के कारण म्याँमार आज राजनीतिक रूप से खंडित अवस्था में है। ऐसा प्रतीत होता है कि म्याँमार सेना लोगों में अपनी पहुँच बनाने के बजाय, अपना वजूद ही खोए जा रही है। बदलते परिदृश्य के साथ, अब समय आ गया है कि भारत सभी संबंधित हितधारकों के साथ परामर्श के उपरांत अपनी म्याँमार नीति में पुनः संशोधन करे।
News Source: The Hindu
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