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Lokesh Pal
September 12, 2025 05:00
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यह एक बड़ा शहरी विरोधाभास है, जहाँ आँकड़े शहरी गरीबी और बेरोजगारी में कमी दर्शाते हैं, लेकिन वास्तविकता में असमानता बढ़ रही है।
अनुमान है, कि 2050 तक शहर भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 75% और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में 60% का योगदान देंगे। $5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था प्राप्त करने के लिए केवल ऊँची इमारतों की नहीं, बल्कि समावेशी विकास की आवश्यकता है। एक स्मार्ट शहर सभी के लिए सम्मान और अवसर सुनिश्चित करता है, जहाँ कोई भी फुटपाथ पर न सोए।
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