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Lokesh Pal
January 22, 2025 05:15
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हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रम्प के पदभार ग्रहण करने के साथ ही यह अपेक्षा तीव्र हो गई, कि भारत-अमेरिका परमाणु समझौता अब अपनी पूर्ण क्षमता प्राप्त कर सकेगा।
स्पष्ट है कि अमेरिका-भारत परमाणु समझौता ने भारत को असैन्य परमाणु तकनीक और ईंधन तक पहुँच प्रदान की, भले ही वह परमाणु अप्रसार संधि (NPT) का हस्ताक्षरकर्ता न हो। इससे भारत की ऊर्जा सुरक्षा मजबूत हुई और भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी को नया आयाम मिला। समझौते ने भारत को अपनी परमाणु ऊर्जा उत्पादन क्षमताओं को बढ़ाने, पर्यावरण-अनुकूल ऊर्जा स्रोतों को अपनाने तथा आर्थिक विकास में तेजी लाने में मदद की। हालाँकि, इसने कुछ आलोचनाओं को भी जन्म दिया, जैसे परमाणु अप्रसार पर पड़ने वाले संभावित प्रभाव आदि।
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