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Lokesh Pal August 24, 2024 05:00 83 0
“दिन में एक बार खुद से बात करें, अन्यथा आप इस दुनिया में एक उत्कृष्ट व्यक्ति से मिलने से चूक सकते हैं।” (Talk to yourself once a day, otherwise you may miss meeting an excellent person in this world.)”—————स्वामी विवेकानंद
उपर्युक्त उद्धरण आत्मचिंतन के महत्त्व पर जोर देता है। जिस प्रकार हम प्रतिदिन आईने में अपना चेहरा देखते हैं, उसी प्रकार अपने विचारों की जाँच करने तथा अपनी मानसिक स्थिति पर विचार करने के लिए समय निकालना अत्यंत आवश्यक है। हम सभी वास्तव में एक उत्कृष्ट व्यक्ति हैं, लेकिन आत्मचिंतन के बिना, हम अपनी श्रेष्ठता को पूरी तरह से नहीं पहचान सकते हैं। यह अभ्यास सभी के लिए महत्त्वपूर्ण है, मुख्य रूप से विभिन्न परीक्षाओं की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों के लिए। आपने जो सीखा है, उस पर प्रतिदिन चिंतन करना और सुधार के क्षेत्रों की पहचान करना आपकी सीखने की प्रक्रिया को महत्त्वपूर्ण रूप से बेहतर बना सकता है।
इसे प्रतिदिन 10 मिनट अकेले में रहकर, बीते हुए दिन पर चिंतन करके आसानी से अभ्यास किया जा सकता है। खुद से सवाल पूछिए, “आज हम क्या बेहतर कर सकते थे?” और “कल हम क्या अलग करने की कोशिश करेंगे?” यह आत्मचिंतन आपके व्यक्तिगत और समग्र विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
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