“जो लोग स्वतंत्रता का आशीर्वाद प्राप्त करने की आशा रखते हैं, उन्हें पुरुषों/महिलाओं की तरह, इसका समर्थन करने की थकान से गुजरना होगा।”
(“Those who expect to reap the blessing of freedom must, like men/women, undergo the fatigue of supporting it.”)
— थॉमस पेन
व्याख्या :
थॉमस पेन का यह कथन स्वतंत्रता के साथ प्रत्येक नागरिक को प्राप्त जिम्मेदारियों के बारे में एक गहरा संदेश देता है। कथन का सार यह है कि स्वतंत्रता प्रयास और त्याग के साथ आती है, यह सुझाव देते हुए कि इसके लाभों का आनंद लेने के लिए कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता की आवश्यकता होती है। जो लोग स्वतंत्रता चाहते हैं, उन्हें इसके पीछे के संघर्ष और बलिदान को समझकर, सक्रिय रूप से इसका समर्थन और सुरक्षा करने के लिए तैयार रहना चाहिए।
इन दिनों, चुनावों के प्रति लोगों का रवैया राजनीति में उनकी रुचि की कमी को दर्शाता है, और वे अक्सर अपने मताधिकार का प्रयोग करने में विफल रहते हैं।
वास्तव में, सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम जैसे महत्वपूर्ण कानूनों के कमज़ोर होने पर नागरिकों की चुप्पी यह दर्शाती है कि यदि व्यक्ति कार्रवाई नहीं करते हैं, तो उनकी स्वतंत्रता धीरे-धीरे खत्म हो जाएगी।
संक्षेप में, उद्धरण का सार यह है कि अगर हम स्वतंत्रता के लाभों का अनुभव करना चाहते हैं, तो हमें इसके लिए लगातार संघर्ष करना होगा। क्योंकि केवल सक्रिय नागरिक ही यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि स्वतंत्रता संरक्षित और मजबूत बनी रहे ।
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