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Lokesh Pal October 24, 2024 05:00 27 0
“नरक दूसरे लोग हैं।” (“Hell is other people.”)
— जीन-पॉल सार्त्र
फ्रांसीसी अस्तित्ववादी जीन–पॉल सार्त्र (1905-1980) के दार्शनिक नाटक ‘नो एग्जिट’ (1944) से लिया गया यह प्रसिद्ध उद्धरण – “नरक दूसरे लोग हैं” – नाटक के गहरे विषयों को दर्शाता है, जहाँ पात्र अनंत काल तक एक समान परिस्थिति में फँसे रहते हैं। यह उद्धरण निम्नलिखित विचारों पर प्रकाश डालता है :
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