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Lokesh Pal August 30, 2024 05:00 100 0
“उच्चतम शिक्षा वह है जो हमें केवल जानकारी ही नहीं देती बल्कि हमारे जीवन को पूर्ण अस्तित्व के साथ सामंजस्य में लाती है।
(The highest education is that which does not merely give us information but makes our life in harmony with all existence.)”
— रबीन्द्रनाथ टागोर
रवींद्रनाथ टैगोर का उपर्युक्त कथन इस बात पर प्रकाश डालता है कि सच्ची शिक्षा तथ्यों और सूचनाओं के अधिग्रहण से अधिक महत्वपूर्ण है। आज की दुनिया में, शिक्षा सामान्यतः रटने और अकादमिक उपलब्धि पर जोर देने वाली बनती जा रही है, वर्तमान विश्व में गहन अध्ययन के इतर परीक्षा के अंकों को अधिक प्राथमिकता दी जा रही है। हालाँकि, उच्च स्तर की शिक्षा का सार एक सामंजस्यपूर्ण जीवन को बढ़ावा देने की क्षमता में निहित है जो मानव जीवन के अस्तित्व के व्यापक संदर्भ के साथ एकीकृत होता है।
संक्षेप में, शिक्षा पर टैगोर का दृष्टिकोण एक बहुआयामी दृष्टिकोण का समर्थन करता है जो व्यक्तिगत विकास को पर्यावरणीय स्थिरता और सामाजिक कल्याण के साथ जोड़ता है, तथा यह सुनिश्चित करता है कि शिक्षा व्यक्ति और उसके आसपास के विश्व दोनों को समृद्ध बनाती है।
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