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वायनाड त्रासदी : संपन्न और वंचित समुदाय व पारिस्थितिकी

Lokesh Pal August 09, 2024 05:45 54 0

संदर्भ: 

हाल ही में आई वायनाड त्रासदी से लगभग 300 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी, साथ ही अनेक लोग प्रभावित हुए हैं। प्राकृतिक, मानवीय और सामाजिक पूंजी की कीमत पर अत्यधिक सब्सिडी वाली मानव निर्मित पूंजी के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करने से आर्थिक, सामाजिक, शैक्षिक और स्वास्थ्य संबंधी असमानताएं और भी बदतर हो गई हैं।

प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: भूस्खलन, पूंजी स्टॉक के प्रकार, पश्चिमी घाट पारिस्थितिकी विशेषज्ञ पैनल (WGEEP), आदि।

मुख्य परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: वायनाड त्रासदी, पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में सतत विकास की आवश्यकता, पश्चिमी घाट पारिस्थितिकी विशेषज्ञ पैनल (WGEEP) की सिफारिशें आदि।

वायनाड त्रासदी : संपन्न और वंचित समुदायों में अंतर :

  • प्रभाव: हाल ही में आई वायनाड त्रासदी से गांव – मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला, नूलपुझा – मलबे में दब गए, जिससे अब तक लगभग 300 लोगों की जान जा चुकी है।
  • सामाजिक निहितार्थ: त्रासदी संपन्न और वंचित के बीच असमानता को उजागर करती है।
  • पर्यावरणीय अंतर्दृष्टि: कीचड़ के बहाव ने यूकेलिप्टस के बागानों को नष्ट कर दिया, लेकिन एक फिकस बेडोमी पेड़ को खड़ा छोड़ दिया। यह दर्शाता है कि मूल वनस्पति को यूकेलिप्टस जैसे विदेशी पौधों से बदलने से आपदा में योगदान मिला।
  • वन प्रबंधन की भूमिका : वनों पर राज्य नियंत्रण बनाम ग्राम समुदायों की भूमिका इससे उजागर होती है।
  • संपन्न और वंचित के मध्य अंतर : चाय बागान मालिकों और घाटियों में रहने के लिए मजबूर मजदूरों की कहानी हमें भारत में वन और भूमि प्रबंधन के इतिहास के बारे में बहुत कुछ बताती है।

पूंजी स्टॉक की अवधारणा

  • पूंजी स्टॉक के चार प्रकार:
    • प्राकृतिक पूंजी: जल, वनस्पति, जैव विविधता, कृषि, पशुपालन, मछली उत्पादन।
    • सामाजिक पूंजी: सहकारी व्यवहार, सुरक्षा की भावना।
    • मानव पूंजी: शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार।
    • मानव निर्मित पूंजी: बुनियादी ढांचा और विकास।
  • भारत की भूमिका : भारी सब्सिडी वाली मानव निर्मित पूंजी का निर्माण करना।
  • अन्य संसाधनों पर प्रभाव:
    • प्राकृतिक पूंजी: मानवीय हस्तक्षेप (खान, खदान, सड़कें, पहाड़ी ढलानों पर इमारतें) के कारण गिरावट।
    • मानव पूंजी: आर्थिक, सामाजिक, शैक्षिक और स्वास्थ्य क्षेत्रों में बढ़ती असमानताएँ।
    • सामाजिक पूंजी: सहकारी व्यवहार और सुरक्षा का क्षरण।
  • परिणामी मुद्दे:
    • पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में मानवीय हस्तक्षेप की आवृत्ति और तीव्रता में वृद्धि।
    • समग्र सामाजिक कल्याण और उद्योगों की अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धात्मकता पर नकारात्मक प्रभाव।

पश्चिमी घाट पारिस्थितिकी विशेषज्ञ पैनल (डब्ल्यूजीईईपी) के दिशानिर्देशों की सिफारिशें और चुनौतियाँ:

  • डब्ल्यूजीईईपी दिशानिर्देश: पारिस्थितिक संवेदनशीलता के आधार पर विकासात्मक गतिविधियों को विनियमित करना चाहिए और उन्हें बढ़ावा देना चाहिए।
    • क्षेत्र: उच्च, मध्यम और निम्न पारिस्थितिक संवेदनशीलता।
  • दृष्टिकोण: ग्राम सभाओं और मोहल्ला सभाओं को शुरुआती बिंदु बनाकर नीचे से ऊपर की ओर लोकतांत्रिक निर्णय लेने की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए।
  • दिशानिर्देशों की प्रकृति: पश्चिमी घाट पारिस्थितिकी विशेषज्ञ पैनल (डब्ल्यूजीईईपी) के दिशानिर्देशों का तात्पर्य अंतिम या कठोर नहीं है, बल्कि यह भागीदारी प्रक्रिया शुरू करने के लिए मार्गदर्शन हैं।
  • सरकार की प्रतिक्रिया और प्रभाव:
    • उपेक्षा: सरकारों द्वारा पश्चिमी घाट पारिस्थितिकी विशेषज्ञ पैनल (डब्ल्यूजीईईपी) के प्रस्तावों की अनदेखी की है।
    • परिणाम: प्रस्तावों पर गंभीरता से विचार न करने व अन्य लापरवाहियों से बाढ़ और भूस्खलन की आवृत्ति में वृद्धि हो रही है। एक अध्ययन के मुताबिक महाराष्ट्र के पश्चिमी घाट क्षेत्रों में भूस्खलन 2011 से 2020 तक 100 गुना बढ़ गया।
  • लोकतांत्रिक संस्थाओं का सशक्तिकरण : प्रकृतिक संपत्ति के संरक्षण और प्राकृतिक आपदाओं से बचने के लिए सामुदायिक भागीदारी व विकेन्द्रित लोकतांत्रिक संस्थाओं को सशक्त बनाने की आवश्यकता है।

निष्कर्ष: 

अतः वायनाड त्रासदी गंभीर असमानताओं और पारिस्थितिक कुप्रबंधन को रेखांकित करती है, तथा इन संकटों से निपटने के लिए कड़े पर्यावरण संरक्षण नियमों, सामुदायिक भागीदारी व विकेन्द्रित लोकतांत्रिक संस्थाओं को सशक्त बनाने और सशक्त स्थानीय निर्णय लेने की तत्काल आवश्यकता है।

मुख्य परीक्षा पर आधारित प्रश्न:

प्रश्न: वायनाड त्रासदी ने पारिस्थितिकी रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में सतत विकास की आवश्यकता को उजागर किया है। पश्चिमी घाट पारिस्थितिकी विशेषज्ञ पैनल (WGEEP) की सिफारिशों और ऐसी आपदाओं को रोकने में उनकी प्रासंगिकता की चर्चा करें। 

(15 अंक, 250 शब्द)

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