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Lokesh Pal
May 20, 2025 05:00
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ताइवान जलडमरूमध्य एक बार पुन: विश्व का सबसे संवेदनशील तनाव क्षेत्र के रूप में उभरा है, जहाँ अमेरिका-चीन के बीच बढ़ता तनाव एक बड़े संघर्ष का कारण बन सकता है। ऐसे में वैश्विक मंच पर भारत की बढ़ती भूमिका को देखते हुए, इस परिघटना को समझना उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति को आकार देने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है।
भारत ताइवान जलडमरूमध्य संकट को नज़रअंदाज़ नहीं कर सकता। उसे अपनी सुरक्षा नीति में संभावित बाधाओं को शामिल करना होगा, महत्वपूर्ण आधारभूत संरचनाओं को सक्रिय रूप से सुरक्षा करना होगा और उन भू-राजनीतिक परिवर्तनों के लिए तैयार रहना होगा, जो इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के संरचना को पुनर्परिभाषित कर सकते हैं।
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