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Title | Subject | Paper |
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‘फ्यूचर ऑफ जॉब्स’ रिपोर्ट | international Relation, | GS Paper 2, |
संक्षेप में समाचार | ||
फ्लेमिंगो महोत्सव 2025 | art and culture,Environment and Ecology, | GS Paper 1,GS Paper 3, |
नाइट्रोजन उपयोग दक्षता बढ़ाने की विधि | कृषि, | GS Paper 3, |
भारत की तटरेखा का विस्तार | Geography, | GS Paper 1, |
भाषिणी-सक्षम ई-श्रम पोर्टल | Polity and governance , | GS Paper 2, |
इंडियाAI तथा माइक्रोसॉफ्ट ने समावेशी विकास तथा आर्थिक परिवर्तन के लिए साझेदारी की | Science and Technology, | GS Paper 3, |
भारत में नदियों को आपस में जोड़ना | Environment and Ecology, | GS Paper 3, |
हाल ही में विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum) का द्विवार्षिक ‘फ्यूचर ऑफ जॉब्स’ रिपोर्ट, 2025 संस्करण जारी किया गया है।
बहुप्रतीक्षित फ्लेमिंगो महोत्सव 2025 (Flamingo Festival 2025) 18 से 20 जनवरी, 2025 तक आंध्र प्रदेश के तिरुपति जिले के सुल्लुरपेटा (Sullurpeta) में आयोजित किया जाएगा।
शोधकर्ताओं ने प्रदर्शित किया है कि पौधों में नाइट्रिक ऑक्साइड (NO) के स्तर को कम करने से चावल और अरेबिडोप्सिस (Arabidopsis) में नाइट्रोजन अवशोषण और नाइट्रोजन उपयोग दक्षता (Nitrogen Use Efficiency- NUE) में उल्लेखनीय सुधार होता है।
भारत की तटरेखा 47.6% बढ़ गई है, जो वर्ष 1970 में 7,516 किमी. से बढ़कर वर्ष 2023-24 में 11,098 किमी. हो गई है। यह वृद्धि तटीय विशेषताओं को मापने के लिए नई पद्धतियों को अपनाने के कारण है।
भाषिणी-सक्षम ई-श्रम पोर्टल अब सभी 22 अनुसूचित भाषाओं में उपलब्ध है, जिससे असंगठित श्रमिकों की पहुँच में वृद्धि हुई है। पहले यह पोर्टल केवल अंग्रेजी, हिंदी, कन्नड़ तथा मराठी भाषाओं का समर्थन करता था।
डिजिटल इंडिया कॉरपोरेशन के तहत एक स्वतंत्र प्रभाग इंडियाAI ने भारत में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) को अपनाने और विकास को बढ़ाने के लिए माइक्रोसॉफ्ट के साथ साझेदारी की है।
भारत के प्रधानमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती पर केन-बेतवा नदी लिंक परियोजना (KBLP) का शुभारंभ किया।
नदियों को जोड़ने की अवधारणा सर्वप्रथम 130 वर्ष पहले सर आर्थर कॉटन द्वारा प्रस्तावित की गई थी; उन्होंने गोदावरी और कृष्णा नदी घाटियों में सिंचाई बाँधों का डिजाइन तैयार किया था।
नदियाँ महत्त्वपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र सेवाएँ प्रदान करती हैं, जिसमें डेल्टा निर्माण के लिए अवसाद का परिवहन, जैव विविधता के लिए समर्थन, भूमि की उर्वरता में वृद्धि और भूजल पुनर्भरण शामिल हैं। नीति निर्माताओं को देश के दीर्घकालिक पारिस्थितिक और सामाजिक स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए पर्यावरणीय स्थिरता के साथ तकनीकी हस्तक्षेप को संतुलित करना चाहिए। प्राकृतिक प्रणालियों को अपरिवर्तनीय क्षति से बचने के लिए नदी जोड़ परियोजनाओं को जलवायु परिवर्तन शमन रणनीतियों के साथ संरेखित करना चाहिए।
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