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Title | Subject | Paper |
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केंद्रीय बजट 2025-26 में MSME क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए नए उपायों की घोषणा की गई | economy, | GS Paper 3, |
केंद्रीय बजट 2025-2026 में जेंडर बजट हेतु आवंटन | politics and governance, | GS Paper 2, |
श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा | social issues, | GS Paper 2, |
संक्षेप में समाचार | ||
बजट 2025-26 में कृषि क्षेत्र | economy, | GS Paper 3, |
मणिपुर में म्याँमार शरणार्थी | international Relation, | GS Paper 2, |
मच्छर नियंत्रण हेतु मछलियों की आक्रामक प्रजातियों का उपयोग | Environment and Ecology, | GS Paper 3, |
ज्ञान भारतम मिशन | art and culture, | GS Paper 1, |
जल जीवन मिशन | Polity and governance , | GS Paper 2, |
अरुणाचल प्रदेश में पिछले 32 वर्षों में 110 ग्लेशियर विलुप्त | Environment and Ecology, | GS Paper 3, |
केंद्रीय बजट 2025 में कई उपायों की घोषणा की गई है, जिनका उद्देश्य भारत के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSME) को मजबूत करना है।
केंद्रीय बजट 2025- 2026 में कुल केंद्रीय बजट में जेंडर बजट आवंटन में काफी बढोतरी देखी गई है।
एक मजबूत जेंडर बजटिंग ढाँचा भारत को लैंगिक समानता और महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास को प्राप्त करने के करीब ले जा सकता है। पारदर्शिता, जवाबदेही, कार्यान्वयन और निगरानी में सुधार करके, जेंडर बजटिंग महिला सशक्तीकरण और समावेशी आर्थिक विकास के लिए एक शक्तिशाली उपकरण बन सकता है।
असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के साथ-साथ गिग श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा, हाल ही में आयोजित केंद्रीय और राज्य श्रम मंत्रियों और सचिवों के चिंतन शिविर (सम्मेलन) का फोकस क्षेत्र था।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने वर्ष 2025-26 के बजट भाषण में पूरी तरह से कृषि क्षेत्र पर केंद्रित 9 नए मिशनों की घोषणा की है।
म्याँमार में गृहयुद्ध के कारण भारत में विशेष रूप से मणिपुर में मोरेह सीमा पर शरणार्थियों की संख्या बढ़ गई है।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने मच्छर नियंत्रण के लिए दो अत्यधिक आक्रामक विदेशी प्रजातियों की मछलियों के उपयोग के संबंध में केंद्र सरकार से जवाब माँगा है।
हाल ही में केंद्रीय बजट 2025-26 में ज्ञान भारतम मिशन (Gyan Bharatam Mission) की शुरुआत की गई।
पांडुलिपियाँ क्या हैं?
केंद्रीय वित्त मंत्री ने जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission-JJM) को वर्ष 2028 तक बढ़ाने की घोषणा की।
जल जीवन मिशन का वर्ष 2028 तक विस्तार 100% ग्रामीण जल कवरेज प्राप्त करने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। हालाँकि अब विशेष फोकस बुनियादी ढाँचे के निर्माण से हटकर स्थायी जल आपूर्ति प्रबंधन पर होना चाहिए। भूजल की कमी को दूर करना, सामुदायिक भागीदारी को बढ़ाना और उचित रखरखाव सुनिश्चित करना जल जीवन मिशन को दीर्घकालिक सफलता में महत्त्वपूर्ण होगा।
एक हालिया अध्ययन से पता चला है कि अरुणाचल प्रदेश में पूर्वी हिमालय में पिछले 32 वर्षों (1988-2020) की अवधि में 110 ग्लेशियर विलुप्त हो गए हैं।
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