संसदीय प्रणाली (उड़ान) |
- संसदीय प्रणाली के लिए अनुच्छेद: केंद्र के लिए अनुच्छेद 74 और 75 + राज्य के लिए अनुच्छेद 163 और 164
- संसदीय सरकार = कैबिनेट सरकार = उत्तरदायी सरकार = सरकार का वेस्टमिंस्टर मॉडल
संसदीय सरकार और राष्ट्रपति नामित सरकार की विशेषताएं: |
संसदीय सरकार | अमेरिकी राष्ट्रपति नामित सरकार |
नाममात्र और वास्तविक (दोहरी) कार्यकारी:
• राष्ट्रपति: नाममात्र के कार्यकारी प्रमुख (विधित कार्यकारी- de jure), राज्य के प्रमुख • प्रधानमंत्री: वास्तविक प्रमुख (वास्तविक कार्यकारी – de facto), सरकार के प्रमुख। • राष्ट्रपति को परामर्श देने के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद • सलाह राष्ट्रपति के लिए बाध्यकारी है (42वें और 44वें संशोधन के द्वारा) |
अमेरिकी राष्ट्रपति:
● राज्य व सरकार दोनों का प्रमुख होता है। |
बहुमत प्राप्त दल का शासन:
• लोकसभा में जिस राजनीतिक दल को बहुमत में सीटें प्राप्त होती हैं वो ही दल सरकार बनाती है। • उस दल के नेता को राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त किया जाता है और अन्य मंत्रियों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री की सलाह पर की जाती है। • यदि कोई भी दल बहुमत प्राप्त नहीं करती है, तो राष्ट्रपति द्वारा दलों के गठबंधन को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया जाता है। |
● राष्ट्रपति को निर्वाचक मंडल द्वारा चार साल की निश्चित अवधि के लिए निर्वाचित किया जाता है।
● राष्ट्रपति को कांग्रेस द्वारा हटाया नहीं जा सकता (सिवाय एक गंभीर गैर-संवैधानिक कार्य के लिए दोषी पाए जाने पर महाभियोग के द्वारा)
|
सामूहिक उत्तरदायित्व:
• संसदीय सरकार का विशिष्ट सिद्धान्त • अनुच्छेद 75: मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से लोकसभा के लिए उत्तरदायी होती है। • लोकसभा मंत्रिपरिषद को अविश्वास प्रस्ताव पारित करके हटा सकती है। |
● राष्ट्रपति और उसके सचिव कांग्रेस के प्रति उत्तरदायी नहीं होते हैं।
|
राजनीतिक एकरूपता:
• एक ही पार्टी का बहुमत: मंत्रिपरिषद के सदस्य एक ही राजनीतिक दल से आते हैं। समान राजनीतिक विचारधारा • गठबंधन सरकार: मंत्रिपरिषद के सदस्य सर्वसम्मति के प्रति बाध्य होते हैं। |
● कैबिनेट: गैर-निर्वाचित परामर्शदात्री इकाई
● राष्ट्रपति द्वारा चयन और नियुक्ति ● केवल राष्ट्रपति के प्रति उत्तरदायी होते हैं। ● राष्ट्रपति द्वारा हटाया जा सकता है। |
दोहरी सदस्यता:
• मंत्री, विधायिका और कार्यपालिका दोनों के सदस्य होते हैं। • यदि जो व्यक्ति संसद का सदस्य नहीं है और मंत्री बनता है तो उसे छह महीने के अंदर संसद की सदस्यता लेनी होगी अन्यथा मंत्री पद से त्यागपत्र देना होत है। |
● राष्ट्रपति और उसके सचिव कांग्रेस के सदस्य नहीं होते हैं और न ही वे सत्र में भाग लेते हैं।
● विधायिका और कार्यपालिका के बीच शक्तियों का पूर्ण विभाजन होता है। |
प्रधानमंत्री का नेतृत्व:
• मंत्रिपरिषद के नेता • संसद के नेता • सत्तारूढ दल का नेता |
—– |
निचले सदन का विघटन:
• राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री की सिफारिश पर लोकसभा को (संसद का निचला सदन) विगठित किया जा सकता है। |
● राष्ट्रपति द्वारा हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव (कांग्रेस का निचला सदन) विगठित नहीं किया जा सकता है। |
गोपनीयता:
• मंत्री अपनी कार्यवाहियों, नीतियों और निर्णयों के बारे में गोपनीयता के सिद्धांत का पालन करते हैं। • मंत्रियों को राष्ट्रपति द्वारा गोपनीयता की शपथ दिलाई जाती है। |
—– |
शक्तियों का संलयन | शक्तियों का विभाजन |
संसदीय प्रणाली के गुण और दोष: |
गुण | दोष |
विधायिका और कार्यपालिका के बीच सामंजस्य:
• कार्यपालिकाविधायिका का अंग विधायी और कार्यकारी अंगों के बीच सहयोग और सहकारी संबंध। • परिणामस्वरूप दोनों अंगों के बीच कम विवाद और संघर्ष। |
अस्थिर सरकार:
अविश्वास प्रस्ताव, राजनीतिक दलबदल या गठबंधन टूटने के कारण सरकार अपना बहुमत खो सकती है। |
उत्तरदायी सरकार:
• मंत्री अपने कृत्यों के लिए संसद के प्रति उत्तरदायी होते हैं। • संसद द्वारा कार्यपालिका पर नियंत्रण: प्रश्नकाल, विचार-विमर्श या चर्चा, बहस, स्थगन प्रस्ताव, अविश्वास प्रस्ताव आदि के द्वारा। |
नीतियों में अनिरंतरता:
• सरकार में परिवर्तन से नीतियों में परिवर्तन होता है। • यही अनिरंतरता, लंबी अवधि में नीति निर्माण और कार्यान्वयन में अवरोध उत्पन्न करती है। |
निरंकुशता को रोकता है:
• कार्यकारी एक समूह में निहित न होकर मंत्रिपरिषद में निहित होती है। • यह व्यवस्था कार्यपालिका की निरंकुशता को रोकती है। |
मंत्रिमंडल की तानाशाही:
• पूर्ण बहुमत वाली सत्तारूढ़ पार्टी –> मंत्रिमंडल के पास असीमित शक्तियाँ। • सभी नीतियां मंत्रिमंडल द्वारा तय की जाती हैं। |
वैकल्पिक सरकार की व्यवस्था:
• यदि सत्तारूढ़ दल बहुमत खो देता है तो राष्ट्रपति विपक्षी दल को वैकल्पिक सरकार बनाने के लिए आमंत्रित कर सकते हैं। |
शक्तियों के प्रथक्करण के खिलाफ:
• मंत्रिपरिषद और मंत्रिमंडल विधायिका का हिस्सा हैं। • मंत्रिमंडल: विधायिका और कार्यपालिका दोनों की नेता होती है। |
व्यापक प्रतिनिधित्व:
• मंत्रिपरिषद, सरकार के सभी वर्गों और क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करती है। |
अकुशल व्यक्तियों द्वारा सरकार संचालन:
• मंत्री अपने क्षेत्रों में विशेषज्ञ नहीं हैं-> कम प्रशासनिक दक्षता। • मंत्री केवल संसद से हो सकते हैं। प्रधानमंत्री के पास बाहर के विशेषज्ञों को चुनने का कोई विकल्प नहीं है। |
संसदीय प्रणाली को अपनाने के कारण: |
ब्रिटिश शासनकाल के कारण संसदीय प्रणाली से संबंध + अमेरिकी व्यवस्था के मुक़ाबले ज्यादा उत्तरदायित् व्यवस्था को वरीयता + संयुक्त राज्य अमेरिका की तरह विधायिका और कार्यपालिका के ठकराव को रोकने की आवश्यकता, जो अमेरिका की राष्ट्रपति प्रणाली में पाया जाता है जहां शक्तियों का पूर्ण पृथक्करण है + संसदीय प्रणाली, भारतीय समाज की प्रकृति जैसे विभिन्न वर्गों, भाषाई, धार्मिक, जातीय विविधता, आदि को व्यापक प्रतिनिधित्व देती है।
भारतीय और ब्रिटिश मॉडल में विभेद: |
भारतीय मॉडल | ब्रिटिश मॉडल |
गणतंत्र प्रणाली: राज्य के प्रमुख (राष्ट्रपति) निर्वाचित होते हैं। (अप्रत्यक्ष रूप से) | राजशाही प्रणाली: राज्य के प्रमुख (राजा / रानी) वंशानुगत होते हैं। |
संविधान की संप्रभुता | संसद की संप्रभुता |
प्रधानमंत्री संसद के किसी भी सदन (लोकसभा और राजसभा) के सदस्य हो सकते हैं। | प्रधानमंत्री को संसद के निचले सदन का होना चाहिए। |
एक व्यक्ति जो किसी भी सदन का सदस्य नहीं है, उसे मंत्री के रूप में छह महीने के लिए नियुक्त किया जा सकता है। | आमतौर पर संसद के सदस्यों को मंत्री के रूप में नियुक्त किया जाता है। |
मंत्रियों की कानूनी जिम्मेदारी की कोई व्यवस्था नहीं है। मंत्रियों को राज्य के मुखिया के रूप में कार्यालयी कार्य में प्रति हस्ताक्षर करना जरूरी नहीं होता। | मंत्रियों की कानूनी जिम्मेदारी की व्यवस्था है। मंत्रियों को राज्य के मुखिया के रूप में कार्यालयी कार्य में प्रति करना हस्ताक्षर जरूरी होता है। |
कैबिनेट में छाया कैबिनेट (शेडो कैबिनेट) की व्यवस्था नहीं है। | विपक्ष द्वारा सत्तारूढ दल के साथ संतुलन बनाने के लिए कैबिनेट में छाया कैबिनेट (शेडो कैबिनेट) की व्यवस्था की जाती है। |