//php print_r(get_the_ID()); ?>
उत्तर:
दृष्टिकोण:
|
परिचय:
भारत, अपनी जीवंत अर्थव्यवस्था और बहुआयामी कार्यबल के साथ, लंबे समय से बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहा है। पिछले एक दशक में विविधताओं के बावजूद, चुनौती अभी भी कायम है। हालाँकि, बेरोज़गारी केवल एक सांख्यिकीय चिंता का विषय नहीं है, बल्कि यह आर्थिक मजबूती, सामाजिक संतुलन और व्यक्तिगत आकांछाओं को प्रभावित करते हुए गहराई से प्रतिबिंबित होता है।
मुख्य विषयवस्तु:
चुनौतियाँ:
अवसर:
वर्ष 2023 में देखा गया है कि, शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में श्रम बल में गिरावट एक बड़े संरचनात्मक मुद्दे का संकेतक है। ऐसे में आर्थिक गतिविधियों में विविधीकरण की आवश्यकता है। कृषि आधारित उद्योग, पर्यटन और डिजिटल अर्थव्यवस्था भविष्य में रोजगार के स्तंभ बनने की क्षमता रखते हैं। उदाहरण के लिए, केरल जैसे राज्यों ने पर्यटन पर पूंजी लगाई है, जिससे लाखों लोगों को रोजगार मिला है। इसी तरह, बेंगलुरु और हैदराबाद में आईटी हब डिजिटल अर्थव्यवस्था की क्षमता का उदाहरण देते हैं।
निष्कर्ष:
भारत में बेरोज़गारी को संबोधित करना केवल नौकरियाँ पैदा करना नहीं है बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि ये नौकरियाँ टिकाऊ, समावेशी और भविष्य के रुझानों के अनुरूप हों। विदित हो कि सब्सिडी और सुरक्षा जाल तत्काल राहत तो प्रदान करते हैं, साथ ही यह संरचनात्मक परिवर्तन है जो दीर्घकालिक रोजगार स्थिरता सुनिश्चित करेगा। चूंकि भारत अवसरों के शिखर पर तो खड़ा है, किन्तु यहाँ चुनौतियां भी विद्यमान हैं, ऐसे में जरूरी है कि एक सक्रिय, बहु-आयामी दृष्टिकोण अपनाकर रोजगार-समृद्ध भविष्य का मार्ग प्रशस्त किया जाये।
To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.
Scheme to Promote Manufacturing of Electric Passen...
Ladakh’s New Rules on Quota, Domicile and Hill C...
First Fusion-Fission Hybrid Reactor: China Unveils...
Legislatures Enacting Laws Not Contempt of Court: ...
ICRISAT Centre of Excellence for South-South Coope...
World Air Transport Summit 2025 Key Highlights
<div class="new-fform">
</div>
Latest Comments