Q. सिविल सेवकों के बीच बढ़ते तनाव के स्तर के मद्देनजर, शासन की दक्षता पर नौकरशाही के प्रभाव का आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिए और अधिक लचीला प्रशासनिक ढाँचा बनाने के लिए व्यापक सुधार सुझाएँ। (15 अंक, 250 शब्द)

प्रश्न की मुख्य माँग

  • सिविल सेवकों में बढ़ते तनाव के स्तर पर प्रकाश डालिये।
  • प्रशासनिक कार्यकुशलता पर नौकरशाही के तनाव के नकारात्मक प्रभाव का विश्लेषण कीजिए।
  • अधिक प्रत्यास्थ प्रशासनिक ढाँचे के निर्माण के लिए व्यापक सुधारों का सुझाव दीजिए।

उत्तर

नौकरशाही में बर्नआउट, जिसमें चरम तनाव, थकान और घटती उत्पादकता देखी जाती है, बढ़ते कार्यभार और जनता की अपेक्षाओं के कारण सिविल सेवकों के बीच बढ़ती चिंता का विषय है। यह घटना शासन की दक्षता पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है, जिससे आधुनिक शासन की चुनौतियों का समाधान करने में सक्षम एक प्रत्यास्थ प्रशासनिक ढाँचा बनाने के लिए व्यापक सुधारों की आवश्यकता पर प्रकाश पड़ता है।

Enroll now for UPSC Online Course

सिविल सेवकों में बढ़ता तनाव स्तर

  • मनोवैज्ञानिक संकट: नौकरशाहों को टॉक्सिक कार्य वातावरण, मौखिक दुर्व्यवहार और निरंतर मल्टीटास्किंग का सामना करना पड़ता है, जो मानसिक स्वास्थ्य को काफी प्रभावित करता है। 
    • उदाहरण के लिए: एक मध्यम स्तर के IAS अधिकारी ने लंबे समय तक आपदा राहत कार्यों का प्रबंधन करने के परिणामस्वरूप  अनिद्रा और बर्नआउट की शिकायत की।
  • बदलती अपेक्षाएँ: हितधारकों की तेजी से बदलती माँगें और सीमित प्रशिक्षण, नौकरशाहों के तनाव को बढ़ाते हैं और अनुकूलन क्षमता को कम करते हैं। 
    • उदाहरण के लिए: महामारी के दौरान जिला कलेक्टरों को वैक्सीन लॉजिस्टिक्स संबंधी समस्या से जूझना पड़ा , जो संकट प्रबंधन के संबंध में अप्रभावी प्रशिक्षण की स्थिति को उजागर करता है।
  • विनियामक समस्या: हथियारबंद विनियमों के तहत पूछताछ किए जाने का डर तनाव को बढ़ाता है और निर्णय लेने की क्षमता को कमजोर करता है। 
    • उदाहरण के लिए: एक IRS अधिकारी को नई कर नीतियों को लागू करने में प्रक्रियागत खामियों के कारण असंगत जाँच का सामना करना पड़ा।
  • बर्नआउट के लक्षण: शारीरिक थकान, चिड़चिड़ापन और रचनात्मकता में कमी जैसे लक्षण शासन कार्यों को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने की उनकी क्षमता को सीमित करते हैं। 
    • उदाहरण के लिए: शहरी विकास परियोजनाओं का प्रबंधन करने वाले एक नौकरशाह ने निरंतर तनाव से संबंधित थकान के कारण कम दक्षता की सूचना दी।

प्रशासनिक कार्यकुशलता पर नौकरशाही के तनाव का नकारात्मक प्रभाव

  • निर्णय लेने में विलम्ब: बर्नआउट के कारण प्रतिक्रिया समय कम हो जाता है, जिससे नीति कार्यान्वयन और सार्वजनिक सेवा वितरण में देरी होती है। 
    • उदाहरण के लिए: वर्ष 2018 के केरल बाढ़ के दौरान धीमी कार्रवाई के कारण राहत प्रयासों में देरी हुई और लोगों की समस्यायें बढ़ गईं।
  • नवाचार में कमी: बर्नआउट के कारण जोखिम का डर शासन प्रक्रियाओं में प्रयोग को रोकता है।
    • उदाहरण के लिए: ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल शासन परियोजनाओं में नवीन विचारों की कमी के कारण इसके  परिणाम कमतर रहे।
  • सार्वजनिक अविश्वास: तनाव से जुड़ी अक्षमता के परिणामस्वरूप शासन के प्रति जनता में अविश्वास और असंतोष बढ़ता है। 
    • उदाहरण के लिए: मध्य प्रदेश में भूमि अभिलेखों के प्रसंस्करण में निरंतर देरी के कारण नागरिक विरोध और प्रशासनिक प्रतिक्रिया हुई।
  • टीम डिसफंक्शन: बर्नआउट से टीमों के बीच तनावपूर्ण संबंध बनते हैं, जिससे सहयोग और उत्पादकता कम होती है। 
    • उदाहरण के लिए: पूर्वोत्तर राज्य में एक स्वास्थ्य विभाग ने मलेरिया के प्रकोप के दौरान खराब समन्वय की सूचना दी, जिससे प्रतिक्रिया उपायों पर असर पड़ा।
  • नीतिगत त्रुटियाँ: थकान और मानसिक तनाव से गंभीर नीतिगत त्रुटियों का जोखिम बढ़ जाता है, जिससे शासन की गुणवत्ता कम हो जाती है। 
    • उदाहरण के लिए: प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) योजना को लागू करने में त्रुटियों के कारण वंचित समुदायों का वित्तीय अपवर्जन हुआ।

प्रत्यास्थ प्रशासनिक ढाँचे के लिए व्यापक सुधार

  • स्वास्थ्य पहल: मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए गोपनीय परामर्श सेवाएँ और अनिवार्य कल्याण कार्यक्रम प्रारंभ करना। 
    • उदाहरण के लिए: नौकरशाहों के लिए कर्नाटक की पायलट तनाव-प्रबंधन कार्यशालाओं ने 2023 में अधिकारियों के मनोबल और दक्षता में सुधार किया।
  • कौशल विकास: उभरती चुनौतियों, नेतृत्व और प्रौद्योगिकी पर नियमित प्रशिक्षण को संस्थागत बनाना। 
    • उदाहरण के लिए: दक्षता बढ़ाने के लिए स्मार्ट सिटी परियोजनाओं का प्रबंधन करने वाले अधिकारियों के लिए AI एकीकरण कार्यशालाएँ आयोजित करना ।
  • प्रोत्साहन संरचनाएँ: नवाचार के लिए  पुरस्कार प्रदान करना और निर्णयन प्रक्रिया में प्रयोग की सुविधा प्रदान करना। 
    • उदाहरण के लिए: महाराष्ट्र की अभिनव ग्रामीण आवास योजना के अधिकारियों को विशेष मान्यता मिली, जिससे साहसिक शासन दृष्टिकोण को प्रोत्साहन मिला।
  • सरलीकृत विनियम: विनियामक भय को कम करने और स्वायत्त निर्णय लेने को प्रोत्साहित करने के लिए सेवा नियमों को सरल और आधुनिक बनाना । 
    • उदाहरण के लिए: गुजरात ने अपनी सौर ऊर्जा नीतियों में नौकरशाही प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित किया , जिससे परियोजना अनुमोदन में तेजी आई।
  • कार्य-जीवन संतुलन: लचीली कार्यसूची और चिंतन के लिए व्यक्तिगत समय को बढ़ावा देने वाली नीतियाँ स्थापित करना ।

Check Out UPSC CSE Books From PW Store

मानसिक स्वास्थ्य, कौशल विकास और नवाचार के लिए प्रोत्साहन को प्राथमिकता देना आवश्यक है ताकि शासन की दक्षता बढ़ाई जा सके। इस दिशा में एक सहायक ढाँचा, सिविल सेवकों को स्पष्टता और प्रत्यास्थता के साथ कार्य करने का अधिकार देता है। जैसा कि गांधीजी ने कहा था, “स्वयं को खोजने का सबसे अच्छा तरीका है दूसरों की सेवा में स्वयं को खो देना।” उनकी भलाई सुनिश्चित करने से नौकरशाहों को नए उद्देश्य और जोश के साथ राष्ट्र की सेवा करने में मदद मिलेगी।

To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

Need help preparing for UPSC or State PSCs?

Connect with our experts to get free counselling & start preparing

To Download Toppers Copies: Click here

Aiming for UPSC?

Download Our App

      
Quick Revise Now !
AVAILABLE FOR DOWNLOAD SOON
UDAAN PRELIMS WALLAH
Comprehensive coverage with a concise format
Integration of PYQ within the booklet
Designed as per recent trends of Prelims questions
हिंदी में भी उपलब्ध
Quick Revise Now !
UDAAN PRELIMS WALLAH
Comprehensive coverage with a concise format
Integration of PYQ within the booklet
Designed as per recent trends of Prelims questions
हिंदी में भी उपलब्ध

<div class="new-fform">






    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.