Q. “भारतीय नागरिकों को भारत के पूरे क्षेत्र में आवागमन और निवास का अधिकार स्वतंत्र रूप से उपलब्ध है, लेकिन ये अधिकार पूर्ण नहीं हैं।” टिप्पणी कीजिए। (10 अंक, 150 शब्द)

प्रश्न की मुख्य माँग

  • भारतीय नागरिकों को संविधान के अनुच्छेद 19(1)(d) और (e) में निहित आवागमन और निवास की स्वतंत्रता पर कुछ प्रतिबंधों के पीछे के कारणों के बारे में बताइए।
  • भारत में आवागमन एवं निवास के अधिकार पर सीमाओं से उत्पन्न चिंताएँ।

उत्तर

आवागमन एवं निवास की स्वतंत्रता का अधिकार भारतीय संविधान के अनुच्छेद-19(1)(d) तथा (e) के तहत एक मौलिक अधिकार है, जो नागरिकों को देश भर में स्वतंत्र रूप से घूमने एवं भारत के किसी भी हिस्से में रहने की अनुमति देता है। हालाँकि, ये अधिकार निरपेक्ष नहीं हैं तथा अनुच्छेद-19(5) के तहत उचित प्रतिबंधों के अधीन हैं।

आवागमन के अधिकार: उचित प्रतिबंध

  • सार्वजनिक व्यवस्था एवं स्वास्थ्य: राज्य अव्यवस्था, अपराध या स्वास्थ्य संबंधी खतरों को रोकने के लिए आवागमन को प्रतिबंधित कर सकता है, विशेष रूप से आपात स्थिति के दौरान स्थिरता सुनिश्चित कर सकता है। 
    • उदाहरण: कोविड-19 लॉकडाउन एवं कर्फ्यू ने कोरोना वायरस के प्रसार को नियंत्रित किया, अप्रतिबंधित आवाजाही पर सार्वजनिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी। 
  • राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी विचार: सीमावर्ती क्षेत्रों एवं संघर्ष क्षेत्रों में आवाजाही पर प्रतिबंध उग्रवाद तथा आतंकवाद को रोकते हैं। 
    • उदाहरण: AFSPA सुरक्षा एवं कानून प्रवर्तन के लिए नागरिक पहुँच को सीमित करता है। 
  • पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी संरक्षण: जैव विविधता एवं स्वदेशी जनजातियों की रक्षा के लिए पारिस्थितिकी रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में आवाजाही प्रतिबंधित है। 
    • उदाहरण: अंडमान एवं निकोबार आदिवासी क्षेत्र (सेंटिनल) बाहरी खतरों को रोकने तथा पारिस्थितिकी तंत्र को संरक्षित करने के लिए प्रतिबंधित हैं। 
  • दूसरों के अधिकारों की सुरक्षा: व्यक्तियों को दूसरों के अधिकारों का उल्लंघन करने से रोकने के लिए प्रतिबंध लगाता है।

निवास के अधिकार: उचित प्रतिबंध

  • अनुसूचित जनजातियों की सुरक्षा: अनुसूची V एवं अनुसूची VI के तहत विशेष प्रावधान स्वदेशी संस्कृति तथा भूमि को संरक्षित करने के लिए गैर-आदिवासियों को कुछ क्षेत्रों में बसने से रोकते हैं।
    • उदाहरण: अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड एवं मिजोरम में इनर लाइन परमिट (ILP) आदिवासी विरासत की रक्षा के लिए बाहरी लोगों के बसने को रोकता है।
  • संपत्ति कानून: कुछ राज्य स्थानीय हितों की रक्षा एवं बाहरी लोगों द्वारा बड़े पैमाने पर अधिग्रहण को रोकने के लिए भूमि स्वामित्व को प्रतिबंधित करते हैं।
    • उदाहरण: हिमाचल प्रदेश एवं नागालैंड में, गैर-निवासियों को जनसांख्यिकीय तथा आर्थिक व्यवधानों को रोकने के लिए भूमि खरीदने के लिए सरकारी अनुमोदन की आवश्यकता होती है।
  • महामारी विज्ञान एवं सामाजिक सुरक्षा: सुरक्षित एवं स्वस्थ रहने की स्थिति सुनिश्चित करना तथा सामुदायिक मानकों को बनाए रखना।
    • उदाहरण: जोनिंग विनियम जो आवासीय क्षेत्रों के पास खतरनाक उद्योगों को प्रतिबंधित करते हैं।
  • राज्य का आर्थिक कल्याण: संसाधन आवंटन का प्रबंधन करना एवं सार्वजनिक सेवाओं पर दबाव को रोकना।
  • भूमि उपयोग योजना एवं विकास: भूमि उपयोग को विनियमित करना एवं व्यवस्थित विकास सुनिश्चित करना।

आवागमन एवं निवास की स्वतंत्रता राष्ट्रीय एकीकरण को बढ़ावा देती है, लेकिन सार्वजनिक कल्याण तथा जनजातीय संरक्षण के लिए संवैधानिक प्रतिबंध संतुलन सुनिश्चित करते हैं, जिससे ये अधिकार मौलिक होते हुए भी सामाजिक हितों पर सशर्त होते हैं।

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