Q. मनी लॉन्ड्रिंग अवैध वित्तीय प्रवाह और आतंकवाद के वित्तपोषण को बढ़ावा देकर आर्थिक स्थिरता के लिए एक गंभीर खतरा उत्पन्न करता है। मनी लॉन्ड्रिंग (धन शोधन) के आर्थिक प्रभाव पर चर्चा कीजिए और जाँच कीजिए कि धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 इन चुनौतियों का समाधान कैसे करता है। (15 अंक, 250 शब्द)

प्रश्न की मुख्य माँग

  • धन शोधन के आर्थिक प्रभाव।
  • धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 इन चुनौतियों का समाधान कैसे करता है।
  • धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) 2002 की सीमाएँ।

उत्तर

धन शोधन, जटिल लेनदेन के माध्यम से अवैध रूप से प्राप्त धन को वैध के रूप में परिवर्तित या स्थानांतरित करने की प्रक्रिया है। यह अवैध वित्तीय प्रवाह एवं आतंकवाद के वित्तपोषण को बढ़ावा देकर आर्थिक स्थिरता के लिए एक गंभीर खतरा पैदा करता है, जिससे वैश्विक तथा भारत में वित्तीय प्रणालियों की अखंडता कमजोर होती है।

मनी लॉन्ड्रिंग के आर्थिक प्रभाव

  • वित्तीय बाजारों को अस्थिर करता है: लॉन्डरिंग किया गया धन ऋण एवं निवेश प्रवाह को विकृत करता है, जिससे अस्थिरता उत्पन्न होती है।
  • रियल एस्टेट की कीमतों में वृद्धि: रियल एस्टेट में डाला गया अवैध धन संपत्ति की कीमतों को बढ़ा देता है, जिससे आवास अप्राप्य हो जाता है।
    • उदाहरण: संयुक्त राज्य अमेरिका में, वर्ष 2015 से वर्ष 2021 तक रियल एस्टेट के माध्यम से 2.3 बिलियन डॉलर से अधिक की लॉन्डरिंग की गई, जिसमें वाणिज्यिक रियल एस्टेट ऐसी गतिविधियों का एक महत्वपूर्ण माध्यम रहा है।
  • सरकारी राजस्व में कमी: लॉन्डरिंग के माध्यम से कर चोरी सरकारी कर संग्रह को कम करती है, जिससे सार्वजनिक सेवाओं का वित्तपोषण कमजोर होता है।
  • आतंकवाद एवं संगठित अपराध को वित्तपोषित करता है: लॉन्डरिंग किया गया धन आतंकवादी संगठनों को वित्तपोषित करता है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे में पड़ती है।
    • उदाहरण: जैश-ए-मोहम्मद जैसे समूहों को वित्तपोषण, जिसका आंशिक रूप से हवाला चैनलों के माध्यम से लॉन्डरिंग से पता चलता है।
  • निवेशकों का विश्वास कम करता है: भ्रष्टाचार एवं वित्तीय अपराध विदेशी निवेश को रोकते हैं तथा आर्थिक विकास में बाधा डालते हैं।
  • मुद्रास्फीति एवं आर्थिक अस्थिरता में वृद्धि: धन शोधन से अतिरिक्त धन आपूर्ति मुद्रास्फीति को बढ़ावा देती है एवं मौद्रिक नीति को बाधित करती है।

धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 इन चुनौतियों का समाधान करने का प्रयास करता है।

  • धन शोधन को परिभाषित एवं अपराधीकृत करता है: धारा 3 स्पष्ट रूप से धन शोधन गतिविधियों को परिभाषित करती है एवं अवैध संपत्ति रखने को अपराध घोषित करती है।
    • उदाहरण: ED ने नीरव मोदी धोखाधड़ी मामले में PMLA लागू किया एवं ₹7,000 करोड़ से अधिक की संपत्ति कुर्क की।
  • अपराध की आय की जब्ती: PMLA, धन शोधन के माध्यम से अर्जित संपत्तियों की कुर्की एवं जब्ती की अनुमति देता है।
  • प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate- ED) को सशक्त बनाता है: ईडी धन शोधन के मामलों की जाँच करता है एवं PMLA के तहत अभियोजन शुरू करता है।
  • अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को सक्षम बनाता है: PMLA विदेशी एजेंसियों के साथ सूचना साझा करने एवं पारस्परिक कानूनी सहायता की सुविधा प्रदान करता है।
    • उदाहरण: भारत सीमा पार धन शोधन निवारण उपायों को मजबूत करने के लिए वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) के साथ सहयोग करता है।
  • FIR के बिना कुर्की के प्रावधान: अनुसूचित अपराध के पंजीकरण से पहले ही संपत्ति की कुर्की की अनुमति देता है, जिससे निवारक कार्रवाई में तेजी आती है।
  • जटिल वित्तीय अपराधों की जांच का समर्थन करता है: लेयरिंग, शेल कंपनियों एवं क्रिप्टोकरेंसी जैसी नई-युगीन विधियों से जुड़े अपराधों को कवर करता है।

धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 की सीमाएँ

  • अपराध की आय’ की व्यापक परिभाषा: अस्पष्ट परिभाषा अधिकारियों को व्यापक विवेकाधिकार प्रदान करती है, जिससे जाँच के दौरान दुरुपयोग का जोखिम बढ़ जाता है।
  • पारदर्शिता एवं स्पष्टता का अभाव: प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ECIR), जो एक प्राथमिकी के समतुल्य होती है, को एक आंतरिक दस्तावेज माना जाता है एवं इसे अभियुक्तों के साथ साझा नहीं किया जाता है।
  • अधिनियम का दुरुपयोग: PMLA का प्रयोग सामान्य अपराधों की जाँच में भी किया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप वास्तविक पीड़ितों की संपत्ति ज़ब्त कर ली जाती है।
  • जमानत की कठोर शर्तें: जमानत शायद ही कभी दी जाती है क्योंकि अदालतों को पहले ही अभियुक्त की निर्दोषता के बारे में आश्वस्त होना पड़ता है, जो निर्दोषता की धारणा का खंडन करता है।
  • कम दोषसिद्धि दर: PMLA के तहत बड़ी संख्या में मामले दर्ज होने के बावजूद, दोषसिद्धि दर बहुत कम है, जो लंबी सुनवाई जैसी चुनौतियों को दर्शाती है।
    • उदाहरण: सर्वोच्च न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय की कम दोषसिद्धि दर की आलोचना करते हुए कहा कि दायर की गई लगभग 400 ECIR में से 10 से भी कम में दोषसिद्धि हुई है।

निष्कर्ष

धन शोधन पर अंकुश लगाने के लिए PMLA के सख्त प्रवर्तन, कानूनी खामियों को दूर करने, बेहतर अंतर-एजेंसी समन्वय, उन्नत डेटा विश्लेषण, मजबूत सीमा पार सहयोग एवं स्वामित्व में पारदर्शिता की आवश्यकता है, साथ ही जनता का विश्वास बनाए रखने के लिए उचित प्रक्रिया सुनिश्चित करना भी आवश्यक है।

To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

Need help preparing for UPSC or State PSCs?

Connect with our experts to get free counselling & start preparing

Aiming for UPSC?

Download Our App

      
Quick Revise Now !
AVAILABLE FOR DOWNLOAD SOON
UDAAN PRELIMS WALLAH
Comprehensive coverage with a concise format
Integration of PYQ within the booklet
Designed as per recent trends of Prelims questions
हिंदी में भी उपलब्ध
Quick Revise Now !
UDAAN PRELIMS WALLAH
Comprehensive coverage with a concise format
Integration of PYQ within the booklet
Designed as per recent trends of Prelims questions
हिंदी में भी उपलब्ध

<div class="new-fform">






    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.