Q. भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी में महिलाओं की भागीदारी प्रतीकात्मक समावेश से लेकर प्रभावी योगदान की ओर बढ़ने की कहानी है। इस कथन के आलोक में, "लीकी पाइपलाइन" (Leaky Pipeline) जैसी चुनौतियों का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए, जो अभी भी महिलाओं को STEM क्षेत्रों में नेतृत्व के पदों तक पहुँचने से रोकती हैं। चर्चा कीजिए कि भारत के राष्ट्रीय उत्कृष्टता और नवाचार की खोज के लिए इन मुद्दों का समाधान कैसे महत्त्वपूर्ण है। (250 शब्द, 15 अंक)

प्रश्न की मुख्य माँग

  • STEM (लीकी पाइपलाइन) में महिलाओं के नेतृत्व में बाधा डालने वाली चुनौतियाँ।
  • भारत की उत्कृष्टता और नवाचार के लिए इन मुद्दों का समाधान क्यों महत्त्वपूर्ण है?
  • चुनौतियों को दूर करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम/आगे की राह।

उत्तर

भारत में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (S&T) के क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका प्रतीकात्मक उपस्थिति से आगे बढ़कर ठोस योगदान तक पहुँच चुकी है। चंद्रयान-3 में महिला वैज्ञानिकों (कल्पना कलहस्ती, ऋतु करिधल) और DRDO में डॉ. टेसी थॉमस (‘भारत की मिसाइल वूमन’) की सफलता इस परिवर्तन का स्पष्ट उदाहरण है। तथापि, ‘लीकी पाइपलाइन’ (Leaky Pipeline) जैसी चुनौतियाँ अब भी महिलाओं को STEM में नेतृत्वकारी भूमिकाओं तक पहुँचने से रोकती हैं।

STEM में महिलाओं के नेतृत्व को बाधित करने वाली चुनौतियाँ (लीकी पाइपलाइन)

  • शैक्षिक–कॅरियर क्षरण: यद्यपि STEM स्नातक स्तर पर महिलाओं की भागीदारी 43% है (AISHE रिपोर्ट वर्ष 2022), लेकिन केवल 14% ही अनुसंधान कॅरियर में प्रवेश करती हैं।
  • मध्य-कॅरियर छोड़ना: मातृत्व सहयोग व लचीले विकल्पों की कमी के कारण कई महिलाएँ बाल-पालन वर्षों में कॅरियर छोड़ देती हैं। ISRO की महिला वैज्ञानिकों ने खुले तौर पर परिवार और उच्च दबाव परियोजनाओं के संतुलन की चुनौतियों को स्वीकार किया है।
  • संस्थागत ग्लास सीलिंग: IITs में केवल 15% महिला संकाय हैं; अब तक किसी महिला ने IIT, IISc या CSIR का नेतृत्व नहीं किया। शीर्ष वैज्ञानिक परिषदों में नेतृत्व पद अभी भी पुरुष-प्रधान हैं।
  • वित्तपोषण और मान्यता का अंतर: महिलाओं को बाह्य R&D अनुदानों में 10% से कम प्राप्त होता है।
    • उदाहरण: वर्ष 2023 तक 600+ पुरस्कृतों में केवल 16 महिलाएँ शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार की विजेता बनीं।
  • कार्यस्थल पूर्वाग्रह और संस्कृति: लैंगिक रूढ़िवाद और सूक्ष्म पूर्वाग्रह पदोन्नति व सहयोग अवसरों को प्रभावित करते हैं।
    • उदाहरण: वर्ष 2017 की भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी की सर्वेक्षण रिपोर्ट ने संस्थानों में व्यापक पूर्वाग्रह को रेखांकित किया।
  • सीमित पुनः-प्रवेश मार्ग: कॅरियर ब्रेक लेने पर महिलाओं को दंडित किया जाता है; पुनः-प्रवेश फेलोशिप की संख्या भी कम है।
    • उदाहरण: DST की महिला वैज्ञानिक योजना (WOS-A, B, C) मौजूद है, किंतु इसकी पहुँच सीमित है।

भारत की उत्कृष्टता और नवोन्मेष के लिए इन मुद्दों का समाधान क्यों आवश्यक है

  • राष्ट्रीय नवाचार के लिए प्रतिभा का पूर्ण उपयोग: महिलाओं की पूर्ण भागीदारी भारत की वैज्ञानिक क्षमता के इष्टतम उपयोग को सुनिश्चित करती है, जो वैश्विक प्रतिस्पर्द्धा हेतु आवश्यक है।
    • उदाहरण: विश्व बैंक का अनुमान है कि महिला STEM भागीदारी बढ़ने से वर्ष 2025 तक भारतीय अर्थव्यवस्था में $700 बिलियन की वृद्धि हो सकती है।
  • कौशल अंतराल भरना और “विकसित भारत” सुनिश्चित करना: भारत के जनसांख्यिकीय लाभांश का उपयोग AI, जैव प्रौद्योगिकी, स्वच्छ ऊर्जा और डिजिटल अर्थव्यवस्था जैसे क्षेत्रों में लक्ष्यों को पूरा करने हेतु महिलाओं की प्रतिभा पर निर्भर है।
    • उदाहरण: 50% कार्यबल भागीदारी भारत की GDP वृद्धि दर को लगभग 1% तक बढ़ा सकती है।
  • वैश्विक छवि को सुदृढ़ करना: STEM में लैंगिक समानता भारत की अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं और वैश्विक नेतृत्व की महत्त्वाकांक्षाओं के अनुरूप है।
    • उदाहरण: COP सम्मेलनों में महिला वैज्ञानिकों की भारतीय भागीदारी अब नीति की विश्वसनीयता का मानक बन चुकी है।
  • भविष्य के रोल मॉडल का सृजन: वर्तमान की बाधाओं को तोड़ना आने वाली पीढ़ियों की लड़कियों के लिए आकांक्षा का वातावरण तैयार करता है।
    • उदाहरण: चंद्रयान-3 के बाद ISRO की आउटरीच गतिविधियों से इंजीनियरिंग कॉलेजों में लड़कियों के आवेदन में 15% वृद्धि हुई।

चुनौतियों को दूर करने हेतु सरकारी कदम / आगे की राह

  • मेंटोरिंग और अनुसंधान फेलोशिप: DST किरण, इन्सस्पायर फैकल्टी योजना जैसी योजनाएँ आरंभिक कॅरियर की महिला शोधकर्ताओं को सहयोग प्रदान करती हैं।
  • लचीली कार्य नीतियाँ: ISRO और DRDO जैसे प्रमुख संस्थानों ने लचीले कार्य घंटे, विस्तारित मातृत्व अवकाश और वर्क-फ्रॉम-होम विकल्प लागू किए हैं।
  • नेतृत्व तैयारी: SERB पॉवर फेलोशिप और जेंडर सेंसिटाइजेशन समितियाँ महिलाओं को नेतृत्व पदों के लिए तैयार करने का प्रयास कर रही हैं।
  • विशेष वित्तपोषण और मान्यता: DST की महिला वैज्ञानिक योजना (WOS-A, B, C) तथा महिला-नेतृत्व वाली परियोजनाओं के लिए विशेष अनुदान आवंटन वित्तपोषण अंतर को कम करने का प्रयास करते हैं।

निष्कर्ष

भारत का ज्ञान शक्ति के रूप में उदय केवल महिलाओं की भागीदारी ही नहीं, बल्कि उनके नेतृत्व पर भी निर्भर है। DST की GATI पहल, SERB पॉवर फेलोशिप, लैंगिक-संवेदनशील कार्यस्थल नीतियाँ और सामाजिक मानसिकता में परिवर्तन जैसी सुधारों के माध्यम से “लीकी पाइपलाइन” को दूर करना आवश्यक है। भारत की वास्तविक वैज्ञानिक उत्कृष्टता और नवोन्मेष तभी संभव है, जब महिलाएँ पुरुषों के साथ मिलकर भारत की प्रयोगशालाओं, स्टार्ट-अप्स और संस्थानों का नेतृत्व करें।

To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Need help preparing for UPSC or State PSCs?

Connect with our experts to get free counselling & start preparing

Aiming for UPSC?

Download Our App

      
Quick Revise Now !
AVAILABLE FOR DOWNLOAD SOON
UDAAN PRELIMS WALLAH
Comprehensive coverage with a concise format
Integration of PYQ within the booklet
Designed as per recent trends of Prelims questions
हिंदी में भी उपलब्ध
Quick Revise Now !
UDAAN PRELIMS WALLAH
Comprehensive coverage with a concise format
Integration of PYQ within the booklet
Designed as per recent trends of Prelims questions
हिंदी में भी उपलब्ध

<div class="new-fform">






    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.