उत्तर
हाल ही में डोनाल्ड ट्रंप ने 21-बिंदु गाजा शांति योजना प्रस्तुत की, जिसमें युद्धविराम, कैदियों का आदान-प्रदान और पुनर्निर्माण का वादा किया गया। यद्यपि कुछ अरब देशों ने इसे सतर्क समर्थन दिया, परंतु गहराए हुए अविश्वास अब भी विद्यमान हैं। यह तथ्य रेखांकित करता है कि संघर्ष-पीड़ित क्षेत्रों में शांति की स्थिरता सदैव वैधता, क्रियान्वयन और राजनीतिक इच्छाशक्ति जैसी ऐतिहासिक चुनौतियों से जूझती रही है।
गाजा शांति योजना के समक्ष प्रमुख चुनौतियाँ
- एकतरफा शर्तें और वैधता का संकट: योजना का झुकाव स्पष्ट रूप से इजरायल के पक्ष में है, जिसमें हमास के निरस्त्रीकरण और शासन से बहिष्कार की शर्त शामिल है।
- उदाहरण: हमास ने इसे पक्षपाती और अस्वीकार्य करार दिया।
- क्रियान्वयन की नाजुकता: युद्धविराम, कैदियों का आदान-प्रदान और वापसी, सभी कड़े अनुपालन पर निर्भर हैं, जिन्हें किसी भी पक्ष द्वारा आसानी से बाधित किया जा सकता है।
- कमजोर शासन ढाँचा: अंतरिम तकनीकी फिलिस्तीनी समिति व्यापक जन-समर्थन से वंचित है, जिससे अस्वीकृति की संभावना प्रबल है।
- लॉजिस्टिक और आर्थिक बोझ: पुनर्निर्माण व मानवीय सहायता हेतु दीर्घकालिक अंतरराष्ट्रीय समन्वय और भारी संसाधनों की आवश्यकता होगी।
- कूटनीतिक धैर्य और विश्वसनीयता की कमी: ट्रंप की शैली शांति-निर्माण की निरंतरता और विश्वसनीयता को कमजोर करती है।
क्षेत्रीय निहितार्थ
सकारात्मक पहलू |
नकारात्मक पहलू |
- अरब सहभागिता: कई अरब और मुस्लिम देशों ने अमेरिकी प्रयासों को प्रारंभिक विश्वसनीयता प्रदान की।
- उदाहरण: मिस्र, सऊदी अरब और UAE ने ट्रंप की प्रतिबद्धता की सराहना की।
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- फिलिस्तीनी विभाजन का गहराना: योजना को पक्षपाती मानकर विभिन्न गुटों के बीच अविश्वास और बढ़ सकता है।
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- संघर्ष में कमी की संभावना: योजना युद्धविराम, कैदी-विनिमय और चरणबद्ध इजरायली वापसी का रोडमैप प्रस्तुत करती है।
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- उग्रता का जोखिम: हमास के अनुपालन न करने की स्थिति में इजरायल सैन्य कार्रवाई का सहारा ले सकता है।
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- क्षेत्रीय सहयोग: पुनर्निर्माण और मानवीय सहायता हेतु सामूहिक प्रयास का अवसर निर्मित करती है।
- उदाहरण: गाजा की अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण को योजना में प्राथमिकता दी गई है।
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- शासन अस्थिरता: बाहरी शासन ढाँचे के थोपे जाने से स्थानीय वैधता का अभाव उत्पन्न हो सकता है।
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वैश्विक निहितार्थ
सकारात्मक पहलू |
नकारात्मक पहलू |
- अमेरिकी मध्यस्थता की भूमिका: अमेरिका की मध्यस्थ प्रोफाइल को मजबूती मिलती है।
- उदाहरण: ट्रंप ने अमेरिकी नेतृत्व में “बोर्ड ऑफ पीस” की घोषणा की।
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- विश्वसनीयता पर संकट: असफलता अमेरिका की साख को और कमजोर कर सकती है, जैसा यूक्रेन शांति प्रयासों में हुआ।
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- अंतरराष्ट्रीय सहभागिता: बहुराष्ट्रीय शांति-रक्षा और सहायता तंत्र को सक्रिय करती है।
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- संसाधन बोझ: पुनर्निर्माण का वित्तीय और लॉजिस्टिक दबाव अंतरराष्ट्रीय पक्षकारों को हतोत्साहित करता है।
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- अमेरिका–अरब संबंधों में सुधार: अरब समर्थन से अमेरिका का क्षेत्रीय प्रभाव सुदृढ़ होता है।
- उदाहरण: इंडोनेशिया, पाकिस्तान, कतर, तुर्की का समर्थन।
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- संवेदनशील शांति: अस्थिर युद्धविराम और हिंसा की पुनरावृत्ति किसी भी समय प्रयासों को समाप्त कर सकते है।
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निष्कर्ष
ट्रंप की शांति योजना अमेरिका की महत्त्वाकांक्षा को तो प्रदर्शित करती है, किंतु स्थानीय सहमति, दीर्घकालिक धैर्य और पर्याप्त संसाधनों के अभाव में इसके विफल होने की आशंका अधिक है। गाजा का अनुभव दर्शाता है कि शांति बाहर से थोपी नहीं जा सकती। स्थायी स्थिरता हेतु आवश्यक है कि सभी पक्ष विश्वसनीय समझौतों, स्थानीय भागीदारी और सतत् क्षेत्रीय व वैश्विक प्रतिबद्धता को अपनाएँ।
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