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Q. यमन में शांति प्रक्रिया को प्रभावित करने वाली चुनौतियों और भू-राजनीतिक हितों पर चर्चा करें। क्षेत्रीय शक्तियों की भूमिका और देश में शांति और स्थिरता के लिए निहितार्थ का विश्लेषण करें। अपने उत्तर के पक्ष में उदाहरण प्रस्तुत करें। (250 शब्द, 15 अंक)

उत्तर:

दृष्टिकोण:

  • परिचय: यमन में चल रहे संघर्ष की एक संक्षिप्त पृष्ठभूमि के साथ शुरुआत करते हुए    आंतरिक कारकों और बाहरी भू-राजनीतिक हितों की भागीदारी पर चर्चा करें ।
  • मुख्य विषयवस्तु:
    • यमन में मानवीय संकट, राजनीतिक अस्थिरता और आर्थिक संकट पर चर्चा करें और बताएं कि ये संघर्ष कैसे समाधान की चुनौती को बढ़ा रहे हैं।
    • शांति प्रक्रिया को जटिल बनाने वाली क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्विता पर प्रकाश डालते हुए सऊदी अरब और ईरान की भूमिकाओं पर चर्चा करें।
    • क्षेत्र में अपने रणनीतिक और सुरक्षा हितों पर विचार करते हुए संयुक्त राज्य अमेरिका की भूमिका पर चर्चा करें।
    • यमन की शांति और स्थिरता पर इस जटिल स्थिति के निहितार्थ का विश्लेषण करें, बिगड़ते मानवीय संकट और आगे के संघर्ष की संभावना पर चर्चा करें।
  • निष्कर्ष: न केवल यमन में बल्कि मध्य पूर्व क्षेत्र में शांति और स्थिरता  स्थापित करने के लिए जारी संघर्ष का हल प्रस्तुत करते हुए निष्कर्ष निकालें।

परिचय:

यमन अरब प्रायद्वीप के दक्षिण-पश्चिमी सिरे पर स्थित एक देश है। यह एक लंबे संघर्ष में उलझा हुआ है,जिसकी बारंबारता वर्ष 2015 से बढ़ गयी है। यहाँ संघर्ष मुख्य रूप से सऊदी नेतृत्व वाले गठबंधन द्वारा समर्थित यमन की सरकार और हूती विद्रोही समूह के बीच चल रहा है। आंतरिक चुनौतियों और बाहरी भू-राजनीतिक हितों के कारण शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में मार्ग बनाना एक अत्यधिक जटिल प्रक्रिया साबित हो रही है।

मुख्य विषयवस्तु :

यमन में शांति प्रक्रिया को प्रभावित करने वाली चुनौतियाँ

  • मानवीय संकट:
    • इस संघर्ष ने दुनिया के सबसे खराब मानवीय संकटों में से एक को जन्म दिया है।
    • संयुक्त राष्ट्र के अनुसार 24 मिलियन से अधिक लोगों (कुल आबादी का लगभग 80%) को मानवीय सहायता और सुरक्षा की आवश्यकता है, जो संघर्ष के समाधान की चुनौती को  गंभीर कर रहा है।
  • राजनीतिक अस्थिरता:
    आंतरिक राजनीतिक विभाजन, कमजोर शासन और भ्रष्टाचार, यमन के लिए लगातार चुनौतियां पेश कर रही हैं।
  • आर्थिक संकट:
    • यमन की अर्थव्यवस्था खस्ताहाल है, बेरोजगारी दर बढ़ रही है और खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ रही हैं।
    • एकीकृत खाद्य सुरक्षा चरण वर्गीकरण (Integrated Food Security Phase Classification) रिपोर्ट के अनुसार  2023 की शुरुआत में यमन सरकार द्वारा नियंत्रित क्षेत्रों में 2 मिलियन लोगों को गंभीर खाद्य असुरक्षा का सामना करना पड़ा।  खाद्य सुरक्षा में मामूली सुधार के बावजूद, 2022 की तुलना में 2023 में खाद्य सुरक्षा में 23% की कमी देखी जा सकती है ।
    • मानवीय सहायता में कमी और खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों के कारण 2023 के अंत तक संख्या फिर से 20% बढ़ने की उम्मीद है।
    • 2023 में तीव्र कुपोषण और बदतर हो जाएगा, जिससे पांच लाख बच्चे और सवा लाख गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं प्रभावित होंगी।
    • इससे गरीबी और संघर्ष का एक दुष्चक्र शुरू हो गया है।

भू-राजनीतिक हित शांति प्रक्रिया को प्रभावित कर रहे हैं

  • सऊदी अरब और ईरान की आपसी प्रतिद्वंद्विता:
    • यमन संघर्ष को अक्सर क्षेत्रीय शक्तियों सऊदी अरब और ईरान के बीच छद्म युद्ध के रूप में देखा जाता है, जिसमें सऊदी अरब यमन की सरकार का समर्थन करता है और ईरान कथित तौर पर हूती विद्रोहियों का समर्थन करता है।
    • उनकी भू-राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता ने शांति प्रक्रिया को बहुत जटिल बना दिया है।
  • संयुक्त राज्य अमेरिका की भूमिका
    • सऊदी अरब के साथ लंबे समय से गठबंधन को देखते हुए, इस क्षेत्र में अमेरिका के महत्वपूर्ण रणनीतिक और सुरक्षा हित हैं।
    • अमेरिका ने सऊदी नेतृत्व वाले गठबंधन को समर्थन प्रदान किया है, जिससे संघर्ष की दिशा प्रभावित हुई है।

शांति और स्थिरता के लिए निहितार्थ

क्षेत्रीय शक्तियों के निरंतर हस्तक्षेप और हितों का यमन की शांति और स्थिरता पर प्रभाव पड़ता है:

  • बिगड़ता मानवीय संकट:
    • शांतिपूर्ण समाधान के बिना, मानवीय संकट बदतर होता जाएगा।
    • इससे पूरे क्षेत्र में प्रवासन और सुरक्षा संबंधी चिंताएं बढ़ सकती हैं।
  • भविष्य में संघर्ष की संभावना:
    प्रभावी मध्यस्थता के बिना क्षेत्रीय शक्तियों के लगातार हस्तक्षेप से यहाँ संघर्ष और बढ़ सकता है साथ ही यह क्षेत्र और अस्थिर हो सकता है। इसके अतिरिक्त संभावना है कि सांप्रदायिक विभाजन भी हो सकता है।

निष्कर्ष:

यमन की स्थिति आंतरिक संघर्ष और बाहरी भू-राजनीतिक हितों की जटिल गतिशीलता को रेखांकित करती है। शांति के मार्ग के लिए न केवल आंतरिक संवाद और मेल-मिलाप की आवश्यकता है, बल्कि क्षेत्रीय शक्तियों की रचनात्मक भागीदारी भी आवश्यक है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को संघर्ष में मध्यस्थता करने और आगामी मानवीय संकट को संबोधित करने में अधिक सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। यमन में संघर्ष का समाधान न केवल यमनी लोगों के लिए बल्कि बड़े मध्य पूर्व क्षेत्र में स्थिरता और शांति सुनिश्चित करने के लिए भी महत्वपूर्ण है।

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