उत्तर:
दृष्टिकोण:
- परिचय: प्रासंगिक परिचय या परस्पर निर्भरता के बारे में बताएं।
- मुख्य विषयवस्तु:
- उद्धरण की पुष्टि के लिए उदाहरण लिखें।
- विभिन्न आयामों या क्षेत्रों से उदाहरण जोड़ें।
- निष्कर्ष: प्रासंगिक कथनों का महत्व दर्शाते हुए निष्कर्ष निकालिए।
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परिचय:
एरिक एरिकसन(Erik Erikson) का यह कथन मानव जीवन में परस्पर निर्भरता और सहयोग के महत्व पर प्रकाश डालता है। उनका यह कथन यह सुझाव देता है कि हम अलगाव में जीवित और पनप नहीं सकते, ऐसे में हमें अपने जीवन में दूसरों की भूमिका को पहचानने और उसकी सराहना करने की आवश्यकता है। यह सिद्धांत भारतीय संस्कृति में गहराई से समाया हुआ है और भारतीय जीवन के विभिन्न पहलुओं में परिलक्षित होता है।
मुख्य विषयवस्तु:
यहां कुछ उदाहरण दिए गए हैं:
- संयुक्त परिवार: भारत में एक परिवार की कई पीढ़ियों का संयुक्त परिवार के रूप में एक साथ रहना आम बात है। यह परस्पर निर्भरता और सहयोग के विचार को दर्शाता है, क्योंकि परिवार के सदस्य भावनात्मक, वित्तीय और व्यावहारिक समर्थन सहित विभिन्न जरूरतों के लिए एक-दूसरे का समर्थन करते हैं और उन पर भरोसा करते हैं।
- त्यौहार और उत्सव: भारतीय त्यौहार और उत्सव अक्सर सामुदायिक कार्यक्रम होते हैं जो लोगों को एक साथ लाते हैं। उदाहरण के लिए रोशनी का त्योहार दिवाली, दीये जलाकर और दोस्तों और पड़ोसियों के साथ मिठाइयाँ बाँटकर मनाई जाती है। यह परस्पर निर्भरता और सहयोग के विचार को दर्शाता है, क्योंकि लोग जश्न मनाने के लिए एक साथ आते हैं और एक-दूसरे के साथ अपनी खुशी साझा करते हैं।
- सामाजिक और राजनीतिक आंदोलन: भारत में सामाजिक और राजनीतिक आंदोलनों का एक लंबा इतिहास रहा है जिसका उद्देश्य सामाजिक न्याय और समानता को बढ़ावा देना है। ये आंदोलन अक्सर परस्पर निर्भरता और सहयोग के सिद्धांतों पर आधारित होते हैं, क्योंकि लोग एक सामान्य उद्देश्य के लिए लड़ने के लिए एक साथ आते हैं और संघर्ष में एक-दूसरे का समर्थन करते हैं।
- पारंपरिक व्यवसाय: भारत के कई हिस्सों में खेती, मछली पकड़ने और हस्तशिल्प जैसे पारंपरिक व्यवसाय अभी भी प्रचलित हैं। इन व्यवसायों के लिए समुदाय के सदस्यों के बीच सहयोग और परस्पर निर्भरता की आवश्यकता होती है, क्योंकि वे सामान्य लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए मिलकर काम करते हैं और जरूरत के समय एक-दूसरे का समर्थन करते हैं।
निष्कर्ष:
निष्कर्षतः कहा जा सकता है कि परस्पर निर्भरता और सहयोग का सिद्धांत भारतीय संस्कृति में गहराई से समाया हुआ है और भारतीय लोगों के जीवन के विभिन्न पहलुओं में परिलक्षित होता है। अपने जीवन में दूसरों की भूमिका को पहचानने और उसकी सराहना करके, हम एक अधिक सामंजस्यपूर्ण और सहायक समाज बना सकते हैं।
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