भारत ने पहली बार नीदरलैंड के रॉटरडैम में आयोजित विश्व हाइड्रोजन शिखर सम्मेलन 2024 में अपना पवेलियन स्थापित किया है।
संबंधित तथ्य
मेडेन इंडिया पवेलियन: यह नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा स्थापित किया गया था और शिखर सम्मेलन में सबसे बड़े पवेलियन में से एक है।
शिखर सम्मेलन के दौरान, नवीकरणीय ऊर्जा और हरित हाइड्रोजन उत्पादन में भारत की रणनीतिक दृष्टि और क्षमताओं पर प्रकाश डाला गया, जिसने देश को वैश्विक हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था को आकार देने में एक प्रमुख अभिकर्ता के रूप में स्थापित किया।
महत्त्व: इंडिया पवेलियन भारत को हरित हाइड्रोजन क्षेत्र में देश की प्रगति को दुनिया के सामने प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करता है।
विश्व हाइड्रोजन शिखर सम्मेलन: यह भारतीय उद्योग को दुनिया भर की कंपनियों के साथ जुड़ने के लिए एक मंच प्रदान करता है।
हरित हाइड्रोजन को बढ़ावा देने के भारतीय प्रयास
राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन (NGHM): इसका लक्ष्य वर्ष 2030 के अंत तक 5 MMT (मिलियन मीट्रिक टन) की हरित हाइड्रोजन उत्पादन क्षमता हासिल करना है।
भारत ने इस्पात, परिवहन/गतिशीलता और शिपिंग क्षेत्रों में ग्रीन हाइड्रोजन के उपयोग के लिए योजना दिशा-निर्देश अधिसूचित किए हैं।
NGHM के लिए एक समर्पित पोर्टल लॉन्च किया गया है, जो इस मिशन और भारत में हरित हाइड्रोजन पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी के लिए वन-स्टॉप प्लेटफॉर्म के रूप में कार्य करेगा।
हाइड्रोजन वैली इनोवेशन क्लस्टर: विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने भारत में नवाचार को बढ़ावा देने और हरित हाइड्रोजन पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए इन्हें प्रारंभ किया है।
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