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फिनटेक क्षेत्र पर स्व-नियमन

Lokesh Pal August 23, 2024 03:47 66 0

संदर्भ

भारतीय फिनटेक क्षेत्र ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की हालिया स्व-नियामक (Self-Regulation) पहल पर सकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त की है, लेकिन इसके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए कई चुनौतियों का समाधान किया जाना चाहिए।

फिनटेक क्षेत्र के बारे में

फिनटेक (Fintech), ‘फाइनेंसियल’ (Financial) तथा ‘टेक्नोलॉजी’ (Technology) शब्दों का संयोजन है, जो उन व्यवसायों को संदर्भित करता है, जो वित्तीय सेवाओं एवं प्रक्रियाओं को बढ़ाने या स्वचालित करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हैं।

  • विकास को प्रेरित करने वाले प्रमुख कारक
    • भारत में सामान्य तकनीक कौशल युक्त युवाओं की अनुकूल जनसांख्यिकी।
    • पूँजी तक पहुँच।
    • विभिन्न सरकारी पहल जैसे कि JAM ट्रिनिटी, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस, आदि।
    • इंटरनेट और मोबाइल प्रौद्योगिकी में प्रगति।
  • भारत में फिनटेक कंपनियों के सामान्य प्रकार
    • भुगतान: ये मोबाइल वॉलेट, ऑनलाइन भुगतान गेटवे और पीयर-टू-पीयर (P2P) भुगतान जैसे डिजिटल भुगतान समाधान प्रदान करते हैं। उदाहरण- भारतपे (Bharatpe)
    • उधार: ये व्यक्तिगत ऋण, व्यवसायिक ऋण और क्रेडिट कार्ड जैसे डिजिटल ऋण समाधान प्रदान करते हैं। उदाहरण- CRED।
    • बीमा: ये स्वास्थ्य बीमा, जीवन बीमा और कार बीमा जैसे डिजिटल बीमा समाधान प्रदान करते हैं। उदाहरण- डिजिटल बीमा। 
    • निवेश: वे स्टॉक ट्रेडिंग, म्यूचुअल फंड और क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग जैसे डिजिटल निवेश समाधान प्रदान करते हैं। उदाहरण- जिरोधा (Zerodha)।
    • रेगटेक (RegTech): वे अनुपालन सॉफ्टवेयर और जोखिम प्रबंधन उपकरण जैसे विनियामक प्रौद्योगिकी समाधान प्रदान करते हैं। उदाहरण- रजोर पे (Razorpay)
  • भारत में स्थिति: फिनटेक के संदर्भ में भारत वैश्विक स्तर पर तीसरी सबसे अधिक संख्या वाला देश है, जिसमें 9,000 से अधिक फिनटेक हैं, जो भारतीय स्टार्ट-अप फंडिंग के 14% हिस्से का गठन करते हैं।
    • केवल वर्ष 2022 में, भारतीय फिनटेक स्टार्टअप्स ने 5.65 बिलियन अमेरिकी डॉलर का प्रभावशाली निवेश हासिल किया, जिससे यह देश में दूसरे सबसे अधिक वित्तपोषित स्टार्टअप क्षेत्र के रूप में स्थापित हो गया।
      • भारत में वैश्विक स्तर पर फिनटेक को अपनाने की दर सबसे अधिक 87% है, जो वैश्विक औसत दर 64% से काफी अधिक है।
    • डिजिटल लेनदेन: फिनटेक कंपनियों की डिजिटल भुगतान लेनदेन में 70% हिस्सेदारी है, जो वित्त वर्ष 2019 की तुलना में वित्त वर्ष 2022 के दौरान उनकी हिस्सेदारी में दो गुना वृद्धि को दर्शाता है।
    • वित्तीय समावेशन: 10 मिलियन से अधिक लोगों और छोटे व्यवसायों को मोबाइल आधारित सेवाओं और डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से बचत खातों, बीमा, निवेश विकल्पों और ऋण सुविधाओं तक पहुँच प्राप्त हुई।
      • बैंक खातों को रखने वाली वयस्क आबादी 53% से बढ़कर 78% हो गई।
    • नवाचार के साथ तालमेल बनाए रखना: भारतीय फिनटेक पारिस्थितिकी तंत्र ने हाल के वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी है, वर्तमान में इस क्षेत्र में 2,100 से अधिक स्टार्टअप कार्य कर रहे हैं।

वित्तीय प्रौद्योगिकी क्षेत्र में स्व-नियामक संगठनों (SRO-FT) के बारे में

भारत में स्व-नियामक मॉडल कोई नई बात नहीं है। भारत के ओवर-द-टॉप मीडिया क्षेत्र में स्व-नियमन की सफलता, जिसे इंटरनेट तथा  मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया की आचार संहिता द्वारा प्रदर्शित किया गया है, स्व-नियमन के संभावित लाभों को रेखांकित करती है।

  • संक्षेप में: एक गैर-सरकारी संगठन, जिसके पास किसी उद्योग या पेशे पर विनियामक शक्ति होती है।

  • आवश्यकता: यह सुनिश्चित करना कि फिनटेक क्षेत्र का विकास जिम्मेदार प्रथाओं के साथ हो।
    • भारत का फिनटेक क्षेत्र तेजी से विकास तथा वृद्धि का अनुभव कर रहा है, जो डिजिटल भुगतान और ऋण की उच्च माँग से प्रेरित है।
    • उचित विनियामक ढाँचे को लागू करने से यह सुनिश्चित करने में मदद मिल सकती है:
      • सतत् विकास।
      • जोखिम कम करना।
      • क्षेत्र में दीर्घकालिक स्थिरता को बढ़ावा देना।
  • उद्देश्य: फिनटेक क्षेत्र से प्रतिनिधि सदस्यता सुनिश्चित करने के लिए संस्थाओं को प्रोत्साहित करना।
    • ग्राहकों की सुरक्षा, नैतिकता, समानता और पारिस्थितिकी तंत्र में प्रतिभागियों को बढ़ावा देना।

  • संरचना
    • गैर-लाभकारी संरचना: SRO-FT को गैर-लाभकारी कंपनियों के रूप में स्थापित किया जाना चाहिए।
    • न्यूनतम निवल मूल्य आवश्यकता: SRO-FT को RBI द्वारा मान्यता प्राप्त होने के एक वर्ष के भीतर न्यूनतम 2 करोड़ रुपये की निवल संपत्ति बनाए रखने की आवश्यकता है।
    • शेयरधारिता: विविधीकृत शेयरधारिता है, जिसमें किसी भी एकल इकाई के पास 10% से अधिक शेयर नहीं हैं।
  • फिनटेक में SRO के लिए मानदंड
    • RBI में आवेदन करना: सभी इच्छुक संस्थाओं को SRO के रूप में मान्यता प्राप्त करने के लिए RBI में आवेदन करना होगा।
    • मान्यता पत्र: नियामक संस्थाओं की उपयुक्तता का पता लगाने पर मान्यता पत्र जारी करता है।
  • सदस्यता एवं शासन व्यवस्था
    • प्रतिनिधि सदस्यता: प्रतिनिधि सदस्यता संपूर्ण क्षेत्र को दर्शाती है, जिसमें अकाउंट एग्रीगेटर और  P2P  ऋणदाता, NBFC तथा गैर-विनियमित संस्थाएँ जैसी विनियमित संस्थाएँ शामिल हैं।

    • स्वतंत्र एवं निष्पक्ष कार्य: किसी भी एक सदस्य के प्रभाव से मुक्त रहना।
    • ज्ञान भंडार: ज्ञान भंडार के रूप में कार्य करना और हितों के टकराव से बचना।
    • सदस्यता संबंधी लचीलापन: फिनटेक कंपनियाँ एक से अधिक SRO में शामिल हो सकती हैं और उन्हें कम-से-कम एक में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
    • निगरानी तंत्र: गोपनीयता बनाए रखते हुए और महत्त्वपूर्ण डेटा एकत्र करते हुए अपवादों का पता लगाने के लिए निगरानी तंत्र स्थापित करना।
      • नियमों तथा विनियमों के उल्लंघन के मामले में चेतावनी देना, निर्देशित करना, परामर्श देना या यहाँ तक ​​कि SRO से निष्कासन का प्रावधान है।
        • उचित जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
    • विवाद समाधान ढाँचा: SRO को फिनटेक उद्योग के भीतर अपने सदस्यों के लिए विवाद समाधान ढाँचा स्थापित करना आवश्यक है।
      •  इसके अलावा, यह निकाय व्यक्तिगत सदस्य हितों से परे उद्योग-व्यापी चिंताओं को सक्रिय रूप से संबोधित करने के लिए जिम्मेदार है।
    • हितों का प्रतिनिधित्व: SRO, RBI के साथ वार्ता करते समय अपने सदस्यों के हितों का प्रतिनिधित्व करने के लिए जिम्मेदार हैं।
      • इसके साथ ही, इसे RBI को फिनटेक विकास के बारे में अपडेट रखना होगा।
      • यह नीति निर्माण में सहायता के लिए RBI के साथ डेटा एकत्र करने और साझा करने के लिए जिम्मेदार है।
      • SRO को फिनटेक क्षेत्र के भीतर नियामक उल्लंघनों एवं प्रणालीगत मुद्दों की रिपोर्ट RBI को देनी होती है।
  • अधिदेश: उद्योग नेतृत्व वाली संस्थाओं के रूप में परिकल्पित इन SRO को विनियामक मानकों की स्थापना और प्रवर्तन, नैतिक आचरण को बढ़ावा देने, बाजार की अखंडता को बनाए रखने, विवादों का समाधान करने तथा अपने सदस्यों के बीच पारदर्शिता एवं जवाबदेही को बढ़ावा देने का कार्य सौंपा जाएगा।
    • नियम और मानक निर्धारित करना: उद्योग में संस्थाओं के लिए सभी हितधारकों के साथ सहयोग करके नियम एवं मानक निर्धारित करना।
    • विनियामक प्राधिकरण: सरकारी विनियमन के स्थान पर या उसके साथ-साथ विनियमन करना।
      • स्व-नियामक प्रक्रिया अपने प्रशासन के लिए निष्पक्ष तंत्र का उपयोग करती है।
      • सभी सदस्य निष्पक्ष तंत्र के कारण अनुशासित तरीके से कार्य करते हैं और दंडात्मक कार्रवाई को स्वीकार करते हैं।
      • इसकी नियामक शक्ति सरकारी अनुदान से स्वतंत्र है।
    • उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा पर ध्यान देना: SRO-FT उपयोगकर्ताओं को होने वाले नुकसान जैसे धोखाधड़ी, वित्तीय उत्पादों की गलत बिक्री और अनधिकृत लेनदेन से निपटने के लिए बाध्य हैं।
    • अन्य: नैतिक आचरण को बढ़ावा देना, बाजार की अखंडता को बनाए रखना और अपने सदस्यों के बीच पारदर्शिता तथा जवाबदेही को बढ़ावा देना।

विशेषता

लाभ

चुनौतियाँ

उद्देश्यपूर्ण संचालन और स्वस्थ विकास
  • एक स्थिर विनियामक वातावरण के भीतर उत्तरदायी नवाचार को बढ़ावा देता है। 
  • फिनटेक क्षेत्र में दीर्घकालिक, सतत् विकास को प्रोत्साहित करता है।
विनियामक अनुपालन के साथ नवाचार को संतुलित करना जटिल हो सकता है।
चरणबद्ध विनियामक अनुपालन
  • फिनटेक कंपनियों को विनियमनों से निपटने के लिए एक स्पष्ट मार्ग प्रदान करता है।
  • अनिश्चितता को कम करता है और कंपनियों को भविष्य की निगरानी के लिए तैयार होने में मदद करता है।
चरणबद्ध अनुपालन के लिए विशिष्ट समय-सीमा और आवश्यकताएँ तत्काल स्पष्ट नहीं हो सकती हैं।
उद्योग मानक और सर्वोत्तम अभ्यास
  • फिनटेक क्षेत्र में नैतिक आचरण के लिए एक सामान्य आधार स्थापित करता है।
  • उपभोक्ताओं के लिए पारदर्शिता, प्रकटीकरण और डेटा गोपनीयता प्रथाओं में सुधार करता है।
विविध क्षेत्र में सुसंगत मानकों का विकास और क्रियान्वयन चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
प्रतिनिधि सदस्यता
  • यह सुनिश्चित करता है कि फिनटेक क्षेत्र में सभी के मुद्दों को संबोधित किया जाए।
  • समावेशिता को बढ़ावा देता है और विभिन्न वर्गों की आवश्यकताओं को पूरा करता है।
मानकों और विनियमों पर विभिन्न प्रकार के सदस्यों के बीच आम सहमति तक पहुँचना कठिन हो सकता है।
स्वतंत्र शासन व्यवस्था
  • SRO के निर्णय लेने में विश्वास और आत्मविश्वास को बढ़ावा देता है।
  • किसी भी एक इकाई से अनुचित प्रभाव के जोखिम को कम करता है।
प्रभावकारी सदस्यों से पूर्ण स्वतंत्रता सुनिश्चित करना एक चुनौती हो सकती है।
सदस्य विकास एवं आचरण
  • फिनटेक कार्यबल को कौशल प्रदान करता है तथा जिम्मेदार व्यावसायिक प्रथाओं को बढ़ावा देता है।
  • अनुपालन और उपभोक्ता संरक्षण की संस्कृति को प्रोत्साहित करता है।
सदस्यों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई करने पर प्रतिरोध का सामना करना पड़ सकता है।
नियामकों के साथ सहयोग
  • उद्योग और विनियामकों के बीच खुले संचार के लिए एक चैनल बनाता है।
  • नवीन और उपभोक्ता-केंद्रित दोनों तरह के विनियमनों को आकार देने के लिए मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।
  • नियामकों के साथ विश्वास और उत्पादक कार्य संबंध बनाने में समय लग सकता है।
  • भारत में फिनटेक पारिस्थितिकी तंत्र काफी विखंडित है, जिससे विभिन्न हितधारकों को एक एकल SRO के अंतर्गत एकीकृत करना कठिन हो गया है।

फिनटेक विनियामक परिदृश्य पर वैश्विक रुझान

वैश्विक स्तर पर, फिनटेक के लिए विनियामक परिदृश्य काफी भिन्न हैं, जो नवाचार एवं निगरानी के बीच संतुलन के लिए विभिन्न देशों द्वारा अपनाए गए विविध दृष्टिकोणों को दर्शाता है।

  • चीन: हाल ही में नियामक उपायों ने गैर-बैंक भुगतान संस्थाओं पर सख्त नियंत्रण लगाया है, जिसका उद्देश्य पर्यवेक्षण को बढ़ाना और प्रणालीगत जोखिमों को कम करना है।
  • संयुक्त राज्य अमेरिका: वित्तीय उद्योग नियामक प्राधिकरण (Financial Industry Regulatory Authority- FINRA) जैसी संस्थाएँ ब्रोकर-डीलरों की देखरेख में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, भले ही उनके द्वारा विनियमित उद्योग के साथ उनकी निकटता के बारे में आलोचनाएँ होती हों। 
    • नेशनल फ्यूचर्स एसोसिएशन (NFA) डेरिवेटिव बाजार की देखरेख करता है, नैतिक आचरण और बाजार अखंडता को बढ़ावा देता है।
    • म्यूनिसिपल सिक्योरिटीज रूलमेकिंग बोर्ड (MSRB) म्यूनिसिपल सिक्योरिटीज बाजार में मानकों को स्थापित करता है और लागू करता है।
  • अटलांटिक और यूनाइटेड किंगडम: उन्होंने शुद्ध स्व-नियमन के मॉडल से अधिक सरकार-केंद्रित दृष्टिकोण को अपनाया है, जहाँ वित्तीय आचरण प्राधिकरण (Financial Conduct Authority- FCA) अब अधिकांश वित्तीय सेवाओं की देखरेख करता है।
    • फिर भी, अधिग्रहण पैनल प्रभावी स्व-नियमन का एक उल्लेखनीय उदाहरण बना हुआ है, विशेष रूप से विलय एवं अधिग्रहण के मामले में।
  • जापान: जापान सिक्योरिटीज डीलर्स एसोसिएशन (Japan Securities Dealers Association- JSDA) और जापान के निवेश ट्रस्ट एसोसिएशन जैसे संगठनों में SRO का व्यापक उपयोग स्पष्ट है।

आगे की राह

जैसे-जैसे भारत में फिनटेक क्षेत्र विकसित हो रहा है, SRO की शुरुआत इसके विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है।

  • जिम्मेदार प्रथाओं के साथ नवाचार: फिनटेक परिचालनों को मौलिक रूप से बदलने के लिए, प्रभावी नेतृत्व और मजबूत शासन द्वारा समर्थित SRO को जिम्मेदार प्रथाओं के साथ नवाचार को संरेखित करने की आवश्यकता है।
  • रणनीतिक उपाय: स्व-नियमन की प्रभावशीलता को अनुकूलित करने के लिए, RBI को फिनटेक संस्थाओं और उनकी गतिविधियों की विविध प्रकृति को संबोधित करने के लिए क्षेत्र-विशिष्ट वर्गीकरण और अनुरूप विनियामक दृष्टिकोण स्थापित करना चाहिए।
  • मजबूत सुरक्षा उपाय: हितों के टकराव को कम करना और प्रतिस्पर्द्धा विरोधी व्यवहार को रोकना।
  • पारदर्शिता और जवाबदेही: मजबूत सुरक्षा उपायों के साथ सदस्यता मानदंड और निर्णय लेने की प्रक्रियाओं के लिए पारदर्शी दिशा-निर्देश होने चाहिए।
    • विनियमों के कठोर प्रवर्तन को सुनिश्चित करने के लिए स्वतंत्र निरीक्षण तंत्र भी स्थापित किया जाना चाहिए।
    • SRO भागीदारी को प्रोत्साहित करना तथा SRO उम्मीदवारों के लिए स्पष्ट चयन मानदंड परिभाषित करना नियामक ढाँचे को और मजबूत करेगा।
  • सहयोगात्मक और गतिशील दृष्टिकोण: स्व-नियमन की ओर बदलाव पारंपरिक नियामक मॉडल से महत्त्वपूर्ण प्रतिस्थापन का प्रतिनिधित्व करता है, जो भारत के फिनटेक क्षेत्र के भीतर अधिक सहयोगात्मक और गतिशील दृष्टिकोण को बढ़ावा देता है।
    • सहयोगात्मक दृष्टिकोण से उपभोक्ता विश्वास बढ़ेगा तथा भारत के फिनटेक पारिस्थितिकी तंत्र के सतत् विकास को समर्थन मिलेगा।

निष्कर्ष

भारत ने एक अलग रास्ता अपनाया है, जिसमें एक स्व-नियामक मॉडल को अपनाया गया है, जहाँ फिनटेक को स्वयं अनुपालन मानदंड निर्धारित करने एवं लागू करने का अधिकार दिया गया है, जिससे जिम्मेदार नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा मिलता है।

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