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कैबिनेट ने सात प्रमुख कृषि योजनाओं को मंजूरी दी

Lokesh Pal September 04, 2024 05:12 62 0

संदर्भ

हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने किसानों के जीवन को बेहतर बनाने और उनकी आय बढ़ाने के लिए 14,235.30 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय से सात योजनाओं को मंजूरी दी है। 

भारत उद्यम वास्तुकला (India Enterprise Architecture-IndEA)

  • फ्रेमवर्क अवलोकन: IndEA एक रणनीतिक फ्रेमवर्क है, जिसे सरकारों और निजी क्षेत्र के उद्यमों को IT आर्किटेक्चर बनाने में मदद करने के लिए डिजाइन किया गया है, जो संगठनात्मक सीमाओं से परे विस्तारित होते हैं। 
  • विविधता में एकता: IndEA ई-गवर्नेंस में “विविधता में एकता” की अवधारणा को बढ़ावा देता है, जिससे विभिन्न सरकारी एजेंसियों को स्वतंत्र रूप से उद्यम आर्किटेक्चर विकसित करने और कार्यान्वित करने की अनुमति मिलती है। 
  • ई-गवर्नेंस मानक: अक्टूबर 2018 में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) द्वारा IndEA को आधिकारिक तौर पर ई-गवर्नेंस मानक के रूप में अधिसूचित किया गया था। 
  • IndEA 2.0: IndEA 2.0 मूल ढाँचे का एक विकास है, जिसे सरकारों और उद्यमों को IT आर्किटेक्चर डिजाइन करने में सक्षम बनाने के लिए डिजाइन किया गया है जो अंतर-संगठनात्मक सहयोग को सुविधाजनक बनाता है। 
    • IndEA 2.0 का मुख्य लाभ अधिक तर्कसंगत और रणनीतिक डिजिटलीकरण प्रयासों को बढ़ावा देने में निहित है।
    • यह पुन: प्रयोज्य और अंतर-प्रचालनीय प्रणालियों के उपयोग पर जोर देता है, जो प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करता है और अतिरेक को कम करता है। 

डिजिटल कृषि मिशन योजना 

  • परिचय: यह मिशन डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर (DPI) की संरचना पर आधारित है, डिजिटल कृषि मिशन (DAM) किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करेगा। 
  • परिव्यय: इस मिशन का कुल परिव्यय 2.817 करोड़ रुपये है। 
  • स्तंभ: इसमें दो आधारभूत स्तंभ शामिल हैं:- 
    • एग्री स्टैक (Agri Stack): एग्री स्टैक कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय का एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जिसे भारत में कृषि परिणामों में सुधार के लिए उच्च गुणवत्ता वाले डेटा को एकीकृत करने के लिए डिजाइन किया गया है। 
      • इसका उद्देश्य किसानों के लिए ऋण, गुणवत्तापूर्ण इनपुट, व्यक्तिगत सलाह और बाजार के अवसरों तक आसान पहुँच को सुगम बनाना है, साथ ही लाभकारी योजनाओं के कार्यान्वयन में सरकारी दक्षता को बढ़ाना है। 
      • एग्री स्टैक किसानों, भूमि उपयोग और फसल पैटर्न के विस्तृत रिकॉर्ड के माध्यम से एक व्यापक डेटाबेस के रूप में कार्य करेगा। 
      • IndEA 2.0 सिद्धांतों पर निर्मित, यह एक खुले, संघीकृत और समावेशी डिजाइन पर जोर देता है, जिसमें राज्य इसके विकास में केंद्रीय भूमिका निभाते हैं। 
      • एग्री स्टैक के मुख्य विषय में शामिल हैं: किसान रजिस्ट्री (Farmers Registry), ग्राम भूमि मानचित्र रजिस्ट्री और बोई गई फसल की रजिस्ट्री (Village land maps registry and Crop Sown Registry)। 
    • कृषि निर्णय सहायता प्रणाली (DSS): कृषि-निर्णय सहायता प्रणाली एक उपग्रह आधारित प्लेटफॉर्म है, जिसे किसानों को फसल प्रबंधन और उत्पादकता बढ़ाने में मदद करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह सटीक कृषि जानकारी प्रदान करने के लिए अंतरिक्ष विभाग द्वारा प्रदान किए गए RISAT-1A और VEDAS से डेटा का उपयोग करता है। इसके घटकों में शामिल हैं:- 
      • भू-स्थानिक डेटा
      • सूखा/बाढ़ निगरानी
      • मौसम/उपग्रह डेटा
      • भूजल/जल उपलब्धता डेटा
      • फसल उपज और बीमा के लिए मॉडलिंग।
  • डिजिटल कृषि मिशन में निम्नलिखित प्रावधान हैं:
    • मृदा संस्तर 
    • डिजिटल फसल अनुमान 
    • डिजिटल उपज मॉडलिंग 
    • फसल ऋण की सुविधा
    • AI और बिग डेटा जैसी आधुनिक प्रौद्योगिकियाँ
    • खरीदारों से जुड़ना 
    • मोबाइल फोन के द्वारा नए सूचनाओं तक पहुँच।

खाद्य एवं पोषण सुरक्षा के लिए फसल विज्ञान योजना (Crop science for food and nutritional security Scheme) 

  • परिव्यय: इस योजना का बजट ₹3,979 करोड़ है। 
  • उद्देश्य: इसका उद्देश्य किसानों को जलवायु लचीलेपन के लिए तैयार करना और वर्ष 2047 तक खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना है। 
    • इसमें फसलों के पोषण मूल्य में सुधार और कृषि अनुसंधान और शिक्षा को बढ़ावा देना शामिल है। 
  • स्तंभ: इसमें निम्नलिखित स्तंभ हैं:-
    • अनुसंधान और शिक्षा
    • पादप आनुवंशिक संसाधन प्रबंधन
    • खाद्य एवं चारा फसल के लिए आनुवंशिक सुधार
    • दलहन और तिलहन फसल सुधार
    • वाणिज्यिक फसलों में सुधार और कीटों पर अनुसंधान
    • सूक्ष्मजीव, परागणकर्ता

कृषि शिक्षा, प्रबंधन और सामाजिक विज्ञान को मजबूत करने संबंधी योजना (Strengthening Agricultural Education, Management and Social Sciences Scheme)

  • परिव्यय: इस योजना का कुल परिव्यय 2,291 करोड़ रुपये है।
  • उद्देश्य: यह पहल नई शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप है और इसका उद्देश्य कृषि पेशेवरों की अगली पीढ़ी को समकालीन चुनौतियों से निपटने के लिए आवश्यक कौशल से सुसज्जित करना है। 
  • प्रौद्योगिकी समावेशन: इस योजना में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), बिग डेटा और रिमोट सेंसिंग जैसी उन्नत प्रौद्योगिकियों को शामिल किया जाएगा, साथ ही प्राकृतिक खेती और जलवायु लचीलेपन को भी बढ़ावा दिया जाएगा। 

सतत् पशुधन स्वास्थ्य और उत्पादन योजना (Sustainable livestock health and production Scheme) 

  • परिव्यय: इस योजना को 1,702 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ अनुमोदित किया गया है। 
  • उद्देश्य: पशुधन और डेयरी से किसानों की आय बढ़ाना। 
  • घटक: इसमें निम्नलिखित शामिल हैं 
    • पशु स्वास्थ्य प्रबंधन और पशु चिकित्सा शिक्षा
    • डेयरी उत्पादन और प्रौद्योगिकी विकास
    • पशु आनुवंशिक संसाधन प्रबंधन, उत्पादन और सुधार
    • पशु पोषण का उत्पादन एवं विकास। 

बागवानी योजना का सतत् विकास

  • परिव्यय: 860 करोड़ रुपये
  • उद्देश्य: विविध प्रकार की बागवानी फसलों की खेती के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाना। 
  • घटक: यह योजना उष्णकटिबंधीय, उपोष्णकटिबंधीय, समशीतोष्ण फसलों के साथ-साथ वाणिज्यिक और औषधीय पौधों के विकास का समर्थन करेगी। 

कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) योजना को सुदृढ़ बनाना 

  • परिव्यय: मंत्रिमंडल ने कृषि विज्ञान केंद्रों (KVK) को सुदृढ़ बनाने के लिए 1,202 करोड़ रुपये निर्धारित किए हैं। 
  • KVK का महत्त्व: KVK राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रणाली (NARS) का एक अभिन्न अंग है। 
    • राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रणाली (NARS) देश में कृषि अनुसंधान और विकास के लिए समर्पित संस्थानों के सामूहिक नेटवर्क को संदर्भित करता है, जिसमें सार्वजनिक, अर्द्ध-सार्वजनिक और निजी संस्थाएँ जैसे विश्वविद्यालय, सरकारी प्रयोगशालाएँ, निजी अनुसंधान संगठन और गैर-सरकारी संगठन शामिल हैं। 
    • कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) देश भर के किसानों को ज्ञान और सर्वोत्तम प्रथाओं का प्रसार करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जिससे उनकी उत्पादकता और आय में सुधार करने में मदद मिलती है।
    • KVK को मजबूत बनाने से यह सुनिश्चित होगा कि किसानों को नवीनतम कृषि तकनीकों और नवाचारों तक पहुँच प्राप्त होगी। 

प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन योजना (Natural Resource Management Scheme)

  • परिव्यय: इस योजना का परिव्यय 1,115 करोड़ रुपये है। 
  • महत्त्व: यह पहल कृषि पद्धतियों की दीर्घकालिक व्यवहार्यता सुनिश्चित करने के साथ-साथ पर्यावरण की सुरक्षा के लिए भी आवश्यक है। सतत् संसाधन प्रबंधन को बढ़ावा देकर, सरकार का लक्ष्य भारतीय कृषि के भविष्य को सुरक्षित करना है।

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