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Lokesh Pal January 09, 2025 05:30 12 0
हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत नागरिकों के अधिकारों पर निर्णय लेने के लिए आयुक्तों के कार्यबल की अपर्याप्तता पर संज्ञान लिया है। इसके अलावा सूचना आयुक्तों की नियुक्ति में देरी के लिए केंद्र और राज्यों को फटकार लगाई है।
रिक्तियों को भरने और नियुक्तियों में विविधता सुनिश्चित करने में तत्परता की कमी आरटीआई अधिनियम के मूल उद्देश्य को खतरे में डालने का कार्य कर रही है। इसके इच्छित प्रभाव को पुनर्जीवित करने के लिए पारदर्शिता और समय पर कार्रवाई के प्रति अधिक प्रतिबद्धता की आवश्यकता है।
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