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Lokesh Pal
July 03, 2025 05:00
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका की व्यापक बहु – राष्ट्र यात्रा, जिसमें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन भी शामिल है, आर्थिक और राजनीतिक अवसरों को सुरक्षित करने तथा भारत को आंतरिक रूप से मजबूत बनाने की दिशा में बदलाव का प्रतीक है।
ब्रिक्स, जिसे कभी अमेरिकी प्रभुत्व को चुनौती देने वाली तथा एक नई विश्व व्यवस्था स्थापित करने वाली एक शक्तिशाली इकाई के रूप में देखा गया था, अब गंभीर आंतरिक विरोधाभासों का सामना कर रहा है। यही कारण है कि इसकी प्रभावशीलता कम हो गई है।
मुख्य रूप से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते आधिपत्य को रोकने के लिए स्थापित क्वाड को भी महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
ऐसे समय में जब महाशक्तियों के साथ-साथ पड़ोसियों के साथ भारत के संबंधों में नई अनिश्चितताएं व्याप्त हो रही हैं, भारत को घरेलू स्तर पर आर्थिक सुधारों में तेजी लाने, घरेलू राजनीतिक एकता बहाल करने, उपमहाद्वीप का नेतृत्व पुनः प्राप्त करने तथा प्रमुख विकासशील देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।
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