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आशा कार्यकर्ता: कार्य का अत्यधिक बोझ एवं कम वेतन

Lokesh Pal February 26, 2024 05:11 245 0

संदर्भ

आशा कार्यकर्ताओं (ASHA Workers) के जीवन से संबंधित एक हालिया अध्ययन में आशा कार्यकर्ताओं पर कार्य का अधिक बोझ, कार्य के बदले कम वेतन और मानसिक अवसाद की घृणित स्थिति सामने आई है।

मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता (Accredited Social Health Activist- ASHA) के बारे में

  • मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता (ASHA)/आशा कार्यकर्ताओं को समुदाय एवं स्वास्थ्य प्रणाली के बीच एक माध्यम के रूप में कार्य करने के लिए वर्ष 2005 में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (National Rural Health Mission- NRHM) के हिस्से के रूप में प्रस्तुत किया गया था।
    • बाद में वर्ष 2013 में राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन (National Urban Health Mission) की शुरुआत के साथ इसे शहरी क्षेत्र तक बढ़ा दिया गया था।
  • NRHM का केंद्रीय घटक: आशा, सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का एक पूर्ण महिला कैडर, NRHM का केंद्रीय घटक है, जिसे ग्रामीण आबादी, विशेष रूप से समाज के कमजोर वर्गों की स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए लॉन्च किया गया था।
  • प्रशिक्षण और सहयोग: आशा कार्यकर्ता अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं (Anganwadi Workers- ANWs) और सहायक नर्स मिडवाइफ (Auxiliary Nurse Midwife- ANM) से प्रशिक्षण प्राप्त करती हैं।
  • प्रेरणा: मितानिन (Mitanins) ने सामुदायिक स्वास्थ्य पहल में उनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका को पहचानते हुए आशा सशक्तीकरण के लिए प्रेरित किया।
    • वर्ष 2002 में, छत्तीसगढ़ ने महिलाओं को सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के रूप में नियुक्त किया, जिन्हें मितानिन (Mitanin) के रूप में जाना जाता है, जो उनके समुदायों की देखभाल एवं समर्थन का प्रतीक है।
    • मितानिन (Mitanin) का अनुवाद ‘मित्र’ होता है। महिलाओं के बीच एक सखी के रूप मेंकार्य करती है।

आंगनवाड़ी कार्यकत्री (Anganwadi Workers- ANWs) और सहायक नर्स मिडवाइफ (Auxiliary Nurse Midwife- ANM):

आंगनवाड़ी कार्यकत्री ANWs)

  • ये एकीकृत बाल विकास योजना (Integrated Child Development Scheme- ICDS) की एक पदाधिकारी हैं, जो आंगनवाड़ी का प्रबंधन करती हैं।
  • आंगनवाड़ी ICDS के तहत स्थापित एक प्रकार का शिशु एवं मातृ देखभाल केंद्र है।
  • कार्य: पूरक पोषण, अनौपचारिक पूर्वस्कूली शिक्षा, माताओं/गर्भवती माताओं के लिए पोषण तथा स्वास्थ्य शिक्षा, टीकाकरण, किशोरी शक्ति योजना का कार्यान्वयन एवं सहयोग और परिवार नियोजन जैसी सुविधाएँ प्रदान करना।
  • उन्हें आंगनवाड़ी हेल्पर (Anganwadi Helper- AWH) नामक अंशकालिक सहायक द्वारा समर्थित किया जाता है।

सहायक नर्स मिडवाइफ (ANM)

  • ANM एक महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता है, जो स्वास्थ्य उप-केंद्र या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर आधारित होती है।
  • उन्हें राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत आवश्यक फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं के रूप में मान्यता दी गई है।
  • ANM कैडर 1950 के दशक में ‘दाई’ और बाल स्वास्थ्य सहित आवश्यक मातृ स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करने के लिए बनाया गया था।
  • बाद में, ANM को बहुउद्देशीय कार्यकर्ता (MPW) के रूप में नामित किया गया और उनकी जिम्मेदारियाँ परिवार नियोजन, टीकाकरण, संक्रामक रोगों की रोकथाम एवं देखभाल तक विस्तारित हो गईं।

आशा कार्यकर्ताओं की भूमिकाएँ और जिम्मेदारियाँ

स्वास्थ्य शिक्षा एवं जागरूकता

  • स्वास्थ्य सक्रियता: आशा, स्वास्थ्य और इसके सामाजिक निर्धारकों के बारे में जागरूकता बढ़ाकर समुदाय के लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ता के रूप में कार्य करती है।
  • जागरूकता और सूचना प्रसार: जागरूकता पैदा करना और स्वास्थ्य के निर्धारकों जैसे पोषण, बुनियादी स्वच्छता, स्वच्छ प्रथाओं आदि पर जानकारी प्रदान करना।

परामर्श सहायता

  • मातृ स्वास्थ्य: ये महिलाओं को शिशु के जन्म की तैयारी, सुरक्षित प्रसव प्रथाओं और प्रसवोत्तर देखभाल पर सलाह देती हैं।
  • बाल स्वास्थ्य: ये स्तनपान, पूरक आहार, टीकाकरण और छोटे बच्चों की देखभाल पर सलाह प्रदान करती हैं।
  • परिवार नियोजन: ये गर्भनिरोधक, परिवार नियोजन, बच्चों के बीच अंतर और यौन संचारित संक्रमण (STI)/रीप्रोडक्टिव ट्रैक्ट इंफेक्शन (RTI) सहित सामान्य संक्रमणों की रोकथाम पर मार्गदर्शन करती हैं।

सामुदायिक गतिशीलता और सुविधा

  • स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच: स्थानीय स्वास्थ्य केंद्रों पर टीकाकरण, प्रसवपूर्व देखभाल (ANC) और प्रसवोत्तर देखभाल (PNC) जैसी स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं तक सामुदायिक पहुँच की सुविधा प्रदान करना।
  • ग्राम स्वास्थ्य योजना: व्यापक ग्राम स्वास्थ्य योजनाएँ विकसित करने के लिए ग्राम स्वास्थ्य एवं स्वच्छता समिति के साथ सहयोग करना।
  • सहायता और अनुरक्षण सेवाएँ: गर्भवती महिलाओं और बच्चों को चिकित्सा उपचार और स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुँचने में सहायता करना।

प्राथमिक चिकित्सा देखभाल

  • छोटी बीमारियाँ: दस्त, बुखार और मामूली चोटों जैसी छोटी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए प्राथमिक देखभाल प्रदान करना।
  • डायरेक्टली ऑब्जर्व्ड ट्रीटमेंट शॉर्ट-कोर्स (डॉट्स): संशोधित राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत एक प्रदाता के रूप में कार्य करना।

विविध भूमिकाएँ

  • रिपोर्टिंग भूमिका: उप-केंद्रों/प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर जन्म, मृत्यु और समुदाय में किसी भी असामान्य स्वास्थ्य समस्या या बीमारी के प्रकोप के बारे में सूचित करना।
  • स्वच्छता अभियान: संपूर्ण स्वच्छता अभियान के तहत घरेलू शौचालयों के निर्माण को बढ़ावा देना।
  • राष्ट्रीय रोग नियंत्रण कार्यक्रम (National Disease Control Program): विभिन्न राष्ट्रीय रोग नियंत्रण कार्यक्रमों के तहत सेवाएँ प्रदान करना।

आशा (ASHA) का चयन

  • जनसंख्या कवरेज: आमतौर पर प्रति 1,000 जनसंख्या पर एक आशा (ASHA) का चयन किया जाता है, जो प्रत्येक कार्यकर्ता के लिए प्रबंधनीय कवरेज सुनिश्चित करती है।
  • भौगोलिक संदर्भ में: आदिवासी, पहाड़ी और रेगिस्तानी क्षेत्रों में, भौगोलिक चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, प्रति बस्ती एक आशा के चयन मानदंड में छूट दी जा सकती है।

चरणबद्धता और कवरेज

  • राज्य स्तरीय योजना: राज्यों को संरचित कार्यान्वयन के लक्ष्य के साथ आशा चयन के लिए जिला और ब्लॉक-वार योजनाओं की रूपरेखा तैयार करनी चाहिए।
  • कार्यान्वयन की समय सीमा: कम-से-कम 40% आशाओं का चयन और प्रशिक्षण पहले वर्ष में किया जाना चाहिए, शेष को अगले दो वर्षों में किया जाना चाहिए।

चयन के लिए मानदंड

  • जनसांख्यिकीय मानदंड: आशा को मुख्य रूप से गाँव की निवासी ‘विवाहित/विधवा/तलाकशुदा’ महिला होनी चाहिए और अधिमानतः 25 से 45 वर्ष के आयु वर्ग की होनी चाहिए।
  • संचार और नेतृत्व: आशा के पास प्रभावी संचार कौशल और नेतृत्व गुण होने चाहिए और समुदाय तक पहुँचने में सक्षम होना चाहिए।
  • शैक्षिक योग्यता: वह आठवीं कक्षा तक औपचारिक शिक्षा के साथ एक साक्षर महिला होनी चाहिए। इसमें छूट तभी दी जा सकती है जब इस योग्यता वाला कोई उपयुक्त व्यक्ति उपलब्ध न हो।
  • वंचित समूहों से प्रतिनिधित्व: ऐसे समूहों को बेहतर सेवा प्रदान करने के लिए वंचित आबादी से पर्याप्त प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
  • राज्य सरकार के लिए लचीलापन: राज्य सरकारें आशा के मूल मानदंड को छोड़कर इन दिशा-निर्देशों को संशोधित कर सकती हैं, जिसमें आठवीं कक्षा तक न्यूनतम शिक्षा प्राप्त महिला स्वयंसेवक होना और वह ‘गाँव की निवासी’ होना शामिल है।

आशा (ASHA) के सामने चुनौतियाँ

आर्थिक चुनौतियाँ

  • कम भुगतान और अनियमित वेतन: आशा को मानदेय और प्रदर्शन आधारित प्रोत्साहन मिलता है। यहाँ तक कि ये लाभ भी अनियमित हैं, जिससे उनके समक्ष वित्तीय अस्थिरता उत्पन्न होती है।
  • अपनी जेब से खर्च: ये नौकरी से संबंधित लॉजिस्टिक्स (उदाहरण के लिए, यात्रा, मोबाइल डेटा) के लिए बिना प्रतिपूर्ति के खर्च करती हैं, जो उनके वित्त पर अतिरिक्त दबाव डालता है।
  • पारिवारिक आय का प्राथमिक स्रोत: कई मामलों में, आशाएँ अपने परिवार की आय का मुख्य स्रोत हैं। हालाँकि, उनकी पारिवारिक मासिक आय ₹5,000 से ₹15,000 के बीच थी।

लिंग आधारित भेदभाव

  • ट्रिपल शिफ्ट का बोझ: ये पर्याप्त आराम या पोषण के बिना घरेलू कर्तव्यों, बच्चों की देखभाल और व्यापक सामुदायिक स्वास्थ्य जिम्मेदारियों के मध्य संतुलन स्थापित करती हैं। इससे उनमें एनीमिया, कुपोषण और गैर-संचारी रोगों का खतरा बना रहता है।
  • भोजन और नींद की कमी: काम के बोझ के कारण वे अनियमित भोजन करती हैं और अपर्याप्त नींद लेती हैं। भोजन में लैंगिक आधार पर विभाजन के परिणामस्वरूप उनके लिए पर्याप्त भोजन की मात्रा भी कम हो जाती है।
  • लैंगिक अपेक्षाएँ और दुर्व्यवहार: उन्हें अपनी भूमिकाओं के भीतर सामाजिक अपेक्षाओं और दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ता है। इसमें बहुत कम या बिना किसी निवारण तंत्र के उत्पीड़न एवं शोषण शामिल है।

व्यावसायिक खतरे

  • स्वास्थ्य जोखिम: खराब खान-पान और अधिक तनाव के कारण उनके कुपोषण, एनीमिया, गैर-संचारी रोगों और मोटापे से ग्रसित होने की संभावना बनी रहती है।
  • जलवायु परिवर्तन: वे उचित सुरक्षात्मक गियर या काम के समय में समायोजन के बिना, कठोर मौसम की स्थिति में काम करती हैं। जलवायु परिवर्तन ने उनकी कार्य स्थितियों को और अधिक तनावपूर्ण बना दिया है।
  • औपचारिक मान्यता का अभाव: उन्हें आधिकारिक तौर पर श्रमिकों के रूप में मान्यता नहीं दी जाती है, जो व्यावसायिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा उपायों के उनके अधिकार को प्रभावित करता है।

अनौपचारिक रोजगार के मुद्दे

  • कार्य का अनौपचारीकरण: उनकी नौकरी की अनौपचारिक प्रकृति उन्हें स्वास्थ्य बीमा सहित सामाजिक सुरक्षा उपायों से दूर रखती है।
  • सीमित व्यावसायिक विकास: शैक्षिक सीमाएँ और उचित प्रशिक्षण के बिना ऐप-आधारित कार्य पर निर्भरता उन्हें और अधिक हाशिये पर डाल देती है।
  • नीति समर्थन का अभाव: उनकी कार्य स्थितियों, अधिकारों और कल्याण को व्यापक रूप से संबोधित करने के लिए संरचित नीतियों का अभाव है।
  • कार्य का विस्तार: आशा के अंतर्गत कार्य के दायरे का विस्तार हुआ है। इसकी शुरुआत मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य से हुई, जिसमें टीकाकरण फॉलो-अप, डेटा लॉगिंग, उपशामक देखभाल सीखना, घरेलू हिंसा के मामलों की रिपोर्ट करना, मानसिक स्वास्थ्य सहायता प्रदान करना आदि शामिल हैं।

प्रणालीगत असमानताएँ

  • हाशिए पर जाना: आशा अक्सर हाशिए पर रहने वाले समुदायों से संबंधित होती हैं, जो जाति और लैंगिक संबंधी पदानुक्रम का सामना करती हैं, जो उनके कल्याण और नौकरी की प्रभावशीलता को प्रभावित करते हैं।
  • मान्यता और समर्थन का अभाव: सामुदायिक स्वास्थ्य में उनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका के बावजूद, उनके योगदान को स्वीकार करने और पर्याप्त सहायता प्रदान करने में प्रणालीगत विफलता है।

आशा (ASHA) की स्थिति में सुधार के उपाय

  • मुफ्त स्वास्थ्य बीमा कवर: हाल ही के अंतरिम बजट में आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Scheme) के तहत सभी आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के लिए मुफ्त स्वास्थ्य बीमा कवरेज प्रदान करने की घोषणा की गई है।
    • सभी आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं तक PHC पहुँच सुनिश्चित की गई।
  • आशा लाभ पैकेज: वर्ष 2018 में, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (भारत सरकार) ने आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के पारिश्रमिक में वृद्धि की।
  • उन्हें प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (Pradhan Mantri Jeevan Jyoti Bima Yojana) और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (Prime Minister Suraksha Bima Yojana) के तहत मुफ्त बीमा कवर प्रदान किया गया।

आगे की राह

  • औपचारिक मान्यता और उचित मुआवजा: आशा कार्यकर्ताओं को औपचारिक स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों के रूप में मान्यता देना और उचित मुआवजा तथा वेतन का समय पर भुगतान सुनिश्चित करना।
  • सामाजिक सुरक्षा और स्वास्थ्य बीमा: आशा कार्यकर्ताओं को उनके स्वास्थ्य और कल्याण की सुरक्षा के लिए पूर्ण सामाजिक सुरक्षा लाभ तथा स्वास्थ्य बीमा कवरेज प्रदान करना।
  • व्यावसायिक विकास और सहायता: उनके कौशल और ज्ञान को बढ़ाने के लिए निरंतर प्रशिक्षण तथा व्यावसायिक विकास के अवसर प्रदान करना।
  • सुरक्षा और गरिमा: उन्हें उत्पीड़न और दुर्व्यवहार से बचाने के लिए एक सुरक्षित कार्य वातावरण और शिकायत निवारण तंत्र सुनिश्चित करना।
  • व्यवस्थित निवेश: भारत की सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने और महिलाओं, बच्चों तथा समाज के लिए बेहतर स्वास्थ्य परिणाम प्राप्त करने के लिए आशा कार्यक्रम में निरंतर, व्यवस्थित निवेश महत्त्वपूर्ण है।

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