//php print_r(get_the_ID()); ?>
Lokesh Pal March 14, 2024 05:30 118 0
अनुसंधान और नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने हेतु वित्तीय वर्ष 2024-25 के अंतरिम बजट में ₹1 लाख करोड़ के आवंटन की घोषणा ने वैज्ञानिक और अनुसंधान समुदायों में उत्साहवर्धन का कार्य किया है।
मुख्य परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप एवं उनके डिजाइन और कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे। |
पृष्ठभूमि: ‘जय जवान जय किसान’ के नारे को अब ‘जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान’ करने के निर्णय का उद्देश्य विकास के लिए अनुसंधान और नवाचार की नींव को सुदृढ़ करना है।
भारत में वर्तमान अनुसंधान और विकास (R&D) फंडिंग परिदृश्य और इसके परिणामी आउटपुट से जुड़े विभिन्न डेटा निम्नलिखित हैं।
देश |
सकल घरेलू उत्पाद के % के रूप में अनुसंधान एवं विकास संबंधी निवेश |
भारत | 0.64% |
चीन | 2.4% |
जर्मनी | 3.1% |
दक्षिण कोरिया | 4.8% |
संयुक्त राज्य अमेरिका | 3.5% |
मीट्रिक |
कीमत |
वैश्विक रैंक |
वार्षिक पीएचडी स्नातक | 40813 | 3 |
शोध प्रकाशन (2022) | 3,00,000+ | 3 |
पेटेंट अनुदान (2022) | 30,490 | 6 |
क्षेत्र |
योगदान |
केंद्र सरकार | 43.7% |
राज्य सरकार | 6.7% |
उच्च शिक्षण संस्थान | 8.8% |
सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योग | 4.4% |
निजी क्षेत्र उद्योग | 36.4% |
एजेंसी |
उपयोग |
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन | 30.7% |
अंतरिक्ष विभाग | 18.4% |
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद | 12.4% |
परमाणु ऊर्जा विभाग | 11.4% |
निष्कर्ष: NDTSP और ANRF अधिनियम के साथ-साथ हालिया प्रस्तुत अंतरिम बजट, उभरते उद्योगों में निजी क्षेत्र के नेतृत्व वाले अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहन प्रदान करने की दिशा में भारत की प्रतिबद्धता को लेकर एक सकारात्मक संकेत दर्शाते हैं ।
News Source: The Hindu
<div class="new-fform">
</div>
Latest Comments