100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

अटल सेतु (Atal Setu)

Samsul Ansari January 12, 2024 06:30 201 0

संदर्भ

भारत के सबसे लंबे समुद्री पुल (अटल सेतु) का उद्घाटन 12 जनवरी, 2024 को प्रधानमंत्री द्वारा किया गया।

अटल सेतु 

  • इसका नाम पूर्व प्रधानमंत्री “अटल बिहारी वाजपेयी” के नाम पर रखा गया है।
  • ‘अटल बिहारी वाजपेयी सेवरी न्हावा शेवा’ सेतु (अटल सेतु) को मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (MTHL) के नाम से भी जाना जाता है।
  • अटल सेतु पुल 22 किमी. तक फैला है। इस परियोजना में 16.5 किमी. का छह लेन वाला समुद्री पुल और जमीन पर 5.5 किमी. लंबी एलिवेटेड सड़क शामिल है।
  • MTHL मुंबई और नवी मुंबई के बीच दो घंटे की यात्रा को कम करके 20 मिनट की यात्रा में बदलने में सक्षम है।
  • यह पुल मुंबई के सेवरी से प्रारंभ होता है और रायगढ़ जिले के उरण तालुका में न्हावा शेवा पर समाप्त होता है।
  • यह मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को तीव्र कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।
  • इसे प्रतिदिन 100 किमी. प्रति घंटे की औसत गति से 70,000 वाहनों को समायोजित करने के लिए डिजाइन किया गया है।
  • यह भारत का सबसे लंबा पुल और सबसे लंबा समुद्री पुल भी है। यह दुनिया का 12वाँ सबसे लंबा समुद्री पुल है।

अटल सेतु पुल की उन्नत विशेषताएँ

  • स्थायित्व हेतु संक्षारण प्रतिरोधी सामग्री से निर्मित।
  • इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से युक्त।
  • त्वरित प्रतिक्रिया के लिए वीडियो इंसीडेंट डिटेक्सन सिस्टम की सुविधा उपलब्ध है।
  • सुरक्षित गति बनाए रखने के लिए एक गति प्रवर्तन प्रणाली शामिल है।
  • इसमें तत्काल सहायता के लिए आपातकालीन कॉल बॉक्स हैं।
  • बेहतर सुरक्षा के लिए व्यापक निगरानी प्रणाली शामिल है।
  • निर्बाध टोल प्रबंधन के लिए ओपन रोड टोलिंग को शामिल किया गया है।

अटल सेतु से संबंधित चिंताएँ

  • मछुआरा समुदाय पर प्रभाव: परियोजना के कार्यान्वयन से स्थानीय आजीविका, विशेषकर मछुआरा समुदाय के लिए महत्त्वपूर्ण चुनौतियाँ पैदा होती हैं।
    • मत्स्यन स्थलों में व्यवधान: निर्माण गतिविधियाँ मछली प्रजनन स्थलों और प्रवास मार्गों को बाधित करती हैं, जो वास्तव में समग्र मछली आबादी को प्रभावित करती हैं।
    • पहुँच संबंधी हानि: पारंपरिक मछली पकड़ने वाले क्षेत्र दुर्गम हो सकते हैं, जिससे मछुआरों को लंबी दूरी की यात्रा करने या कम उत्पादक मछली पकड़ने वाले क्षेत्रों का सहारा लेने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है।
    • मछली पकड़ने संबंधी प्रथाओं को नुकसान: बढ़ता नाव यातायात और निर्माण गतिविधियों से मछली पकड़ने संबंधी प्रथाओं को नुकसान होने का खतरा होता है, जो मछली पकड़ने की प्रथाओं की स्थिरता को अत्यधिक प्रभावित करता है।
  • पर्यावरणीय चिंताएँ: पुल का निर्माण और अस्तित्व पर्यावरणीय मुद्दों को बढ़ाता है जिन पर सावधानीपूर्वक विचार करने की आवश्यकता है।
    • आवास का विनाश: मैंग्रोव और प्रवाल भित्तियों जैसे महत्त्वपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र को विनाश का सामना करना पड़ता है, जो मत्स्य आबादी के लिए आवश्यक जैव विविधता पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।
    • प्रदूषण जोखिम: ड्रेजिंग और निर्माण गतिविधियाँ प्रदूषण जोखिम पैदा करती हैं, जो संभावित रूप से समुद्री जीवन को नुकसान पहुँचाती हैं और जल की गुणवत्ता से समझौता करती हैं।
    • तटीय प्रक्रियाओं में परिवर्तन: पुल की उपस्थिति प्राकृतिक तटीय प्रक्रियाओं को परिवर्तित कर सकती है, जिससे तटरेखा का क्षरण और हानि हो सकती है।

News Source: The Hindu

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.