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आकाशगंगा का केंद्रीय ब्लैक होल

Lokesh Pal February 24, 2025 02:43 11 0

संदर्भ

नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप द्वारा मिल्की वे आकाशगंगा के सुपरमैसिव ब्लैक होल सैगिटेरियस A* (Sagittarius A*) के चारों ओर अभिवृद्धि डिस्क क्षेत्र से प्रकाश का उत्सर्जन देखा गया।

अध्ययन के बारे में 

  • प्रकाशित: यह अध्ययन एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लेटर्स (Astrophysical Journal Letters) में प्रकाशित हुआ था।
  • संचालित: यह अध्ययन इलिनोइस में नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी और बाल्टीमोर में स्पेस टेलीस्कोप साइंस इंस्टिट्यूट के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया था।
  • उपकरण: जेम्स वेब टेलीस्कोप ने अपने NIRCam (नियर-इन्फ्रारेड कैमरा) का उपयोग करके एक वर्ष में 8 से 10 घंटे के अंतराल पर कुल 48 घंटों तक सैगिटेरियस A* का निरीक्षण किया।
    • इससे उन्हें यह पता लगाने में मदद मिली कि समय के साथ ब्लैक होल में किस तरह परिवर्तन हुए।
  • महत्त्व: यह शोध ब्लैक होल की मौलिक प्रकृति, उन्हें अपने आस-पास के वातावरण से किस तरह सामग्री मिलती है तथा हमारी अपनी आकाशगंगा की गतिशीलता एवं विकास को समझने में मदद कर सकता है।
    • इससे यह जानकारी मिलती है कि ब्लैक होल अपने आसपास के वातावरण के साथ किस प्रकार अंतःक्रिया करते हैं।
  • मुख्य अंश
    • केंद्रीय सुपरमैसिव ब्लैक होल की परिक्रमा करने वाली एक्रीशन डिस्क (गैस एवं धूल की घूमती हुई डिस्क), जिसे सैगिटेरियस A* कहा जाता है, बिना किसी विश्राम अवधि के निरंतर फ्लेयर्स का उत्सर्जन कर रही है।
    • अनावधिक फ्लेयर्स: ब्लैक होल के आस-पास की एक्रीशन डिस्क प्रतिदिन पाँच से छह बड़ी फ्लेयर्स और बीच-बीच में कई छोटी-छोटी फ्लेयर्स उत्पन्न करती है।
    • छोटा विस्फोट: डिस्क के भीतर असामान्य उतार-चढ़ाव प्लाज्मा (एक गर्म, विद्युत आवेशित गैस) को संपीडित कर सकता है, जिससे सौर ज्वालाओं की तरह विकिरण का एक अस्थायी विस्फोट हो सकता है।
    • बड़े प्रकाशमान ‘फ्लेयर्स’: इन्हें कभी-कभार होने वाली चुंबकीय पुनर्संयोजन घटनाओं के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, अर्थात् एक ऐसी प्रक्रिया, जिसमें दो चुंबकीय क्षेत्र टकराते हैं, जिससे त्वरित कणों के रूप में ऊर्जा निकलती है।
      • प्रकाश की गति के निकट वेग से यात्रा करते हुए, ये कण विकिरण के चमकीले विस्फोट उत्सर्जित करते हैं।
    • माप में समय विलंब: लंबी तरंगदैर्घ्य छोटी तरंगदैर्घ्य से बहुत कम (लगभग 40 सेकंड तक) पीछे रहती है।

जेम्स वेब टेलीस्कोप के बारे में

  • यह एक परिक्रमणकारी अवरक्त वेधशाला है, जो हबल स्पेस टेलीस्कोप की खोजों को विस्तारित करेगी, जिसमें लंबी तरंगदैर्ध्य कवरेज और अधिक बेहतर संवेदनशीलता होगी।
  • विकसितकर्ता: नासा द्वारा यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी और कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसी की सहायता से विकसित की गई।
  • लॉन्च किया गया: इसे वर्ष 2021 में लॉन्च किया गया था, जिसकी मिशन अवधि 5-10 वर्ष है।
  • कक्षा: इसे लैग्रेंज बिंदु 2 पर रखा गया है, जो सूर्य के चारों ओर पृथ्वी की कक्षा से लगभग 1.5 मिलियन किमी. दूर है।
  • तरंगदैर्ध्य: यह 0.6 से 28 माइक्रोन (विद्युत चुंबकीय स्पेक्ट्रम का अवरक्त भाग) तक तरंगदैर्ध्य कवरेज प्रदान करेगा।
  • उद्देश्य 
    • बिग बैंग के बाद बनी पहली आकाशगंगाओं और चमकदार वस्तुओं की खोज करना।
    • निर्धारित करना कि आकाशगंगाएँ अपने निर्माण से लेकर अब तक कैसे विकसित हुईं।
    • तारों के निर्माण के पहले चरण से लेकर ग्रह प्रणालियों के निर्माण तक का निरीक्षण करना।
    • हमारे अपने सौरमंडल सहित ग्रह प्रणालियों के भौतिक और रासायनिक गुणों को मापना और उन प्रणालियों में जीवन की संभावना की जाँच करना।

सैगिटेरियस A* (Sgr A*) के बारे में

  • यह आकाशगंगा के केंद्र में सैगिटेरियस (Sagittarius) और स्कोर्पिस (Scorpius) नक्षत्रों की सीमा के पास स्थित एक विशालकाय ब्लैक होल है।
  • खोज: रेनहार्ड जेनजेल (Reinhard Genzel), ब्रूस बालिक और हैरी क्लाइव मिननेट ने 13 फरवरी, 1974 को सैगिटेरियस A* की खोज की।
  • द्रव्यमान: इसका द्रव्यमान सूर्य से 4.3 मिलियन गुना अधिक है।
  • छवि: इवेंट होराइजन टेलीस्कोप (EHT) का उपयोग करके पहली बार Sgr A* को कैप्चर किया गया, जिसमें एक चमकदार, डोनट के आकार की अँगूठी दिखाई दी।
    • Sgr A* का अध्ययन करने वाली अन्य दूरबीनों में नासा का हबल स्पेस टेलीस्कोप, चंद्रा एक्स-रे वेधशाला और NSF का ‘वेरी लार्ज ऐरे’ शामिल हैं।
  • पृथ्वी से दूरी: यह पृथ्वी से 26,000 प्रकाश वर्ष (152 क्वाड्रिलियन मील) से अधिक दूर है।

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