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शीत ऋतु में भी कश्मीर और लद्दाख जैसे क्षेत्रों में बर्फबारी का न होना (Absence of snowfall in areas like Kashmir and Ladakh even in winter season)

Samsul Ansari January 17, 2024 05:07 177 0

संदर्भ:

इस लेख के अंतर्गत जम्मूकश्मीर और लद्दाख के क्षेत्र में शीत ऋतू के दौरान पर्याप्त बर्फबारी होने के कारण उत्पन्न होने वाली पर्यावरणीय समस्याओं को ध्यान में रखते हुए इससे संबंधित स्थितियों के संभावित कारणों के विषय में विस्तृत चर्चा की गई है।

प्रारंभिक परीक्षा की प्रासंगिकता: पश्चिमी विक्षोभ और अल नीनो के बारे में।

मुख्य परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: जम्मूकश्मीर और लद्दाख में शुष्क शीत ऋतुकारण, प्रभाव और चुनौतियाँ।

प्रमुख बिंदु:

  • जम्मूकश्मीर और लद्दाख में शुष्क शीत ऋतु : यहाँ शीतकालीन वर्षा मुख्यतः बर्फबारी के रूप में होती है। इस क्षेत्र में पहली बर्फबारी दिसंबर की पहली छमाही में होती है और फिर जनवरी के अधिकांश महीनों में होती है।
  • भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD): जम्मू और कश्मीर में दिसंबर माह के दौरान तकरीबन 80% वर्षा की कमी देखी गई और जनवरी में अब तक 100% कमी देखी गई, जबकि लद्दाख क्षेत्र में दिसंबर या जनवरी माह में बिल्कुल भी वर्षा नहीं हुई है।
  • बर्फबारी में गिरावट के संभावित कारण: इसके लिए बर्फबारी की समग्र घटती प्रवृत्ति को जिम्मेदार ठहराया गया है जो निम्न हैं :
    • पश्चिमी विक्षोभ की घटनाओं में गिरावट: मजबूत और चरम पश्चिमी विक्षोभ, जिसके परिणामस्वरूप वर्षा या बर्फबारी होती है, की औसत आवृत्ति में हाल के वर्षों में 43% तक की गिरावट दर्ज की गई है।
    • तापमान में धीमी गति से वृद्धि: तापमान में वृद्धि की दर में धीमे गति से बढ़ोतरी देखी गई है जो बर्फबारी की कमी के लिए जिम्मेवार है।
    • पूर्वी प्रशांत महासागर की अल नीनो घटना: पिछले कुछ माह से पूर्वी प्रशांत महासागर में अल नीनो की उपस्थिति बरक़रार है और आने वाले महीनों में भी ऐसा ही स्थिति बनि रहने की संभावना है  
      • इससे वैश्विक वायुमंडलीय परिसंचरण प्रभावित होता है और यह वर्षा में कमी के लिए भी एक जिम्मेवार कारक के रूप में हो सकता है।

पश्चिमी विक्षोभ के बारे में:

  • वर्षा लाने वाली हवाएँ: ये पूर्व की ओर प्रवाहित होते हुए वर्षा लाने वाली पवन प्रणालियाँ हैं| ये पवनें भूमध्य सागर और यहाँ तक कि अटलांटिक महासागर के क्षेत्र से भी नमी को अपने साथ लाती हैं।
  • इनकी उत्पत्ति कैस्पियन या भूमध्यसागरीय क्षेत्रों से होती है।
  • ये पवन प्रणालियाँ उत्तर-पश्चिमी भारतीय क्षेत्रों में गैर मानसूनी वर्षा के लिए जिम्मदार होती हैं ।
  • यह विक्षोभ पश्चिम से पूर्व कि दिशा की ओर होता है।
  • पश्चिमी विक्षोभ की पवनें अत्यधिक ऊँचाई पर पूर्व की ओर प्रवाहित होने वाली ‘वेस्टरली जेट धाराओं’ के साथ यात्रा करती हैं
  • महत्व:
    • हिमालयी क्षेत्रों में शीतकालीन वर्षा मुख्यतः पश्चिमी विक्षोभ के कारण होती है।
    • पश्चिमी विक्षोभ को मानसून के बाद और शीत ऋतु के महीनों के दौरान उत्तर और उत्तरपश्चिम भारत में वर्षा का प्राथमिक स्रोत माना जाता है।
    • पश्चिमी विक्षोभ को भारत की वार्षिक वर्षा में तीसरे प्रमुख योगदानकर्ता के रूप में जाना जाता है 
    • शीत ऋतु के दौरान प्रत्येक माह में औसतन लगभग 4 से 6 बार पश्चिमी विक्षोभ की घटनाएँ घटित होती हैं।

अल नीनो के बारे में:

यह एक प्रकार का जलवायु पैटर्न है जो पूर्वी उष्णकटिबंधीय प्रशांत महासागर में सतही जल के असामान्य रूप से गर्म होने का कारण बनता  है।

क्षेत्र में कम बर्फबारी के प्रभाव:

  • दीर्घकालिक प्रभाव: पनबिजली उत्पादन में कमी , ग्लेशियर पिघलने की उच्च दर, और पीने के पानी की आपूर्ति पर प्रतिकूल प्रभाव क्योंकि कम बर्फबारी का मतलब भूजल का बहुत कम पुनर्भरण होता है।
  • अल्पकालिक प्रभाव: इससे जंगल की आग में वृद्धि, कृषि सूखा और फसल उत्पादन में गिरावट आएगी इससे वसंत ऋतु भी जल्दी आएगी जिससे फसलों में फूल जल्दी आएंगे और जिससे अंततः उपज में कमी हो सकती है।
  • शीतकालीन पर्यटन संबंधित आकर्षण पर प्रभाव: बर्फ़बारी में कमी होने से इस क्षेत्र में आने वाले पर्यटकों में कम से कम 60% की  गिरावट आने की संभावना है।

निष्कर्ष:

सर्दियों की बर्फ मिट्टी में स्थिर नमी का एक स्रोत है जो शीत ऋतु की फसलों, विशेष रूप से बागवानी के लिए महत्वपूर्ण है। बर्फबारी के अभाव में स्थानीय अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण घटक सेब या केसर की पैदावार बुरी तरह प्रभावित होती है। यही नहीं इसका असर स्थानीय जलवायु और झरनों और नदियों में पानी की उपलब्धता पर भी पड़ेगा।

मुख्य परीक्षा पर आधरित प्रश्न : हाल में जम्मूकश्मीर और लद्दाख में शीत ऋतू के दौरान होने वाली बर्फ़बारी में कमी के कारणों के संदर्भ में चर्चा कीजिए और इसकी वजह से जम्मू कश्मीर की स्थानीय अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले संभावित प्रभावों के विषय में टिपण्णी कीजिए I

                                                                                                                                                                                                                                                          News Source: The Indian Express

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