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Lokesh Pal
September 10, 2025 05:15
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कृषि ऋणग्रस्तता एक लंबे समय से चली आ रही चुनौती रही है, जो कोविड-19 के बाद और भी गहरी हो गई है। खाद्यान्न अधिशेष वाला देश होने के बावजूद, किसान ऋण और संकट के चक्र में फंसे हुए हैं।
कृषि ऋणग्रस्तता आर्थिक, सामाजिक और संरचनात्मक चुनौतियाँ प्रस्तुत करती है। ‘विकसित भारत@2047’ के भारत के विजन के लिए किसानों का कल्याण सुनिश्चित करना महत्त्वपूर्ण है। कृषि विशेषज्ञ एम. एस. स्वामीनाथन के अनुसार, “अगर कृषि में गड़बड़ी हुई, तो किसी और चीज़ के सही होने का कोई अवसर नहीं बचेगा।”
मुख्य परीक्षा हेतु अभ्यास प्रश्नभारत में कृषि ऋणग्रस्तता लगातार बढ़ रही है, खासकर कोविड-19 महामारी के बाद। भारतीय किसानों पर बढ़ते ऋण के कारणों, कृषि क्षेत्र और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए इससे उत्पन्न चुनौतियों की व्याख्या कीजिए तथा कृषि स्थिरता में सुधार हेतु रणनीतियों की रूपरेखा प्रस्तुत कीजिए। (15 अंक, 250 शब्द) |
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