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Lokesh Pal
June 06, 2025 05:00
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वर्त्तमान में खाद्यान्न की बर्बादी एक प्रमुख वैश्विक मुद्दा बन गया है, यह ग्रीन हाउस गैसों का तीसरा सबसे बड़ा उत्सर्जक है, जोकि अमेरिका और चीन के ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन की मात्रा से भी अधिक है।
खाद्यान्न हानि से निपटने के लिए एक चक्रीय अर्थव्यवस्था ढांचे के अंतर्गत उत्पादकों, आपूर्तिकर्ताओं और उपभोक्ताओं की अंत-से-अंत तक सहभागिता आवश्यक है, क्योंकि अपशिष्ट को न्यूनतम करने से बेहतर खाद्य सुरक्षा प्रबंधन, संपूर्ण आहार तक पहुँच को सुनिश्चित तथा कुपोषण के प्रभाव कम किया जा सकता है और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम किया जा सकता है।
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