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Lokesh Pal
January 10, 2025 05:15
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हाल ही में, राजस्थान उच्च न्यायालय ने तेजेन्द्र पाल सिंह बनाम राजस्थान राज्य (2024) में, वैध असहमति को दबाने के लिए बी.एन.एस. की धारा 152 के संभावित दुरुपयोग के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि यह धारा राजद्रोह का माध्यम नहीं हो सकती है।
अतः धारा 152 में, सुरक्षा उपायों की अनुपस्थिति राजद्रोह के लिए इसके दुरुपयोग के जोखिम को बढ़ाती है। राष्ट्रीय हितों की रक्षा करते हुए मुक्त भाषण की सुरक्षा के लिए न्यायिक हस्तक्षेप और स्पष्ट दिशा-निर्देश महत्वपूर्ण हैं।
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