100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

शुभांशु शुक्ला और एक्सिओम-4 मिशन: एक महत्त्वपूर्ण अंतरिक्ष उपलब्धि

Lokesh Pal June 26, 2025 05:30 21 0

संदर्भ:

25 जून, 2025 को भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने राकेश शर्मा (1984) के बाद कक्षीय अंतरिक्ष (orbital space) में प्रवेश कर पुनः इतिहास रच दिया।

मुख्य बिंदु

  • उन्होंने नासा के फ्लोरिडा अंतरिक्ष प्रक्षेपण केंद्र से एक्सिओम-4 मिशन के तहत उड़ान भरी
  • वे अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर पहुँचने वाले पहले भारतीय भी बन गए हैं।

एक्सिओम-4 मिशन का महत्त्व

  • भारत की कक्षीय वापसी: 1984 के बाद से अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय; अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर पहुँचने वाले पहले भारतीय।
  • गगनयान की तैयारी: यह मिशन भारत के 2027 के गगनयान मिशन से पूर्व मानव अंतरिक्ष यात्रा का महत्त्वपूर्ण अनुभव प्रदान करता है। शुभांशु शुक्ला गगनयान (भारत का पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन 2027 में अपेक्षित) के लिए प्रमुख अंतरिक्ष यात्री माने जा रहे हैं।
  • अनुसंधान को सुदृढ़ करना: यह मिशन सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण (microgravity) अनुसंधान, भारत-अमेरिका अंतरिक्ष सहयोग और वैश्विक अंतरिक्ष साझेदारी में भारत की भूमिका को सुदृढ़ करता है।
    •  एक्सिओम-4 में इसरो द्वारा भेजे गए 8 प्रयोग शामिल हैं, जो भारत की अंतरिक्ष अनुसंधान क्षमताओं का विस्तार करते हैं।

वित्तीय और रणनीतिक निवेश

  • भारत ने शुभांशु शुक्ला की उपस्थिति और प्रशिक्षण सुनिश्चित करने के लिए एक्सिओम-4 मिशन के तहत ₹548 करोड़ व्यय किया गया।
  • हालाँकि यह लागत अधिक है, लेकिन यह ₹20,200 करोड़ के गगनयान मिशन के बजट का एक छोटा हिस्सा है, और भविष्य के मानव अंतरिक्ष मिशनों के लिए एक प्रारंभिक कदम के रूप में कार्यरत है।

अंतरिक्ष यात्रा में परिवर्तित प्रवृत्तियाँ

  • व्यावसायीकरण: एक्सिओम-4 जैसे मिशन यह दर्शाते हैं, कि अंतरिक्ष यात्रा अब केवल सरकारी नियंत्रण में नहीं रही, बल्कि निजी कंपनियाँ भी इसमें सक्रिय हो गई हैं और अब सीटें व्यावसायिक रूप से बेची जा रही हैं।
    •  एक्सिओम एक निजी कंपनी है, जो नासा और स्पेसएक्स से जुड़ी है, एवं अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए व्यावसायिक सीटें बेचती है।
  • भू-राजनीतिक अनिश्चितता: अमेरिका की निजी कंपनियों (जैसे- स्पेसएक्स) पर निर्भरता, खासकर अमेरिकी राजनीतिक परिवर्तनों के बीच, रणनीतिक जोखिम को बढ़ाती है। अमेरिका की अंतरिक्ष नीति में राजनीतिक तनाव और वित्त पोषण में अस्थिरता भी चिंता का विषय बना हुआ हैं।
  • आईएसएस (ISS) युग का अंत: चूँकि अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) 2030 तक सेवानिवृत्त होने वाला है, इसलिए देशों को स्वतंत्र या नए कक्षीय अंतरिक्ष प्लेटफॉर्म्स में निवेश करना चाहिए।
  • तकनीकी साझेदारियाँ: एक्सिओम-4 तकनीक-साझाकरण और सहयोग के नए द्वार खोलता है और अमेरिका की भारत के गगनयान मिशन में क्षमताओं को लेकर रुचि को दर्शाता है।
  • भारत में निजी क्षेत्र को बढ़ावा: एक्सिओम-4 इस ओर संकेत करता है, कि भारत को अंतरिक्ष क्षेत्र में सुधारों में तेज़ी लानी होगी और भारतीय स्टार्टअप्स को सशक्त बनाना होगा।

भू-राजनीतिक और रणनीतिक निहितार्थ

  • अस्पष्टता: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा प्रस्तावित 2026 की बजट कटौती और जो बाइडेन-कालीन प्रतिबद्धताओं को लेकर अनिश्चितता, अमेरिकी के साथ सतत सहयोग पर प्रश्न खड़े करती है।
  • ड्रैगन कैप्सूल: एलन मस्क और डोनाल्ड ट्रम्प के विवाद का प्रभाव भविष्य में स्पेसएक्स के ड्रैगन अंतरिक्ष यान तक पहुँच पर पड़ सकता है, जिससे रणनीतिक कमजोरी बढ़ सकती है।
  • वैश्विक दृश्यता: भारत की भागीदारी उसकी वैश्विक छवि का विस्तार करती है और अंतरिक्ष शासन तथा सुरक्षा मानकों के निर्माण में उसकी भूमिका को मजबूत करती है।
  • गगनयान कूटनीति: यह भविष्य के भारत-निर्देशित मिशनों के लिए मंच तैयार करता है, जिसमे अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष यात्रियों की भागीदारी और तकनीकी साझेदारियों की संभावना हो सकती है।

संबंधित चुनौतियाँ

  • विदेशी प्लेटफॉर्म्स: स्पेसएक्स जैसी अमेरिकी कंपनियों पर अंतरिक्ष तक पहुँच के लिए निर्भरता रणनीतिक और संचालनात्मक जोखिम उत्पन्न करती है।
  • निजी क्षेत्र में सुधार: भारत के घरेलू अंतरिक्ष स्टार्टअप्स को मजबूत समर्थन, वित्त पोषण और नीतिगत अस्पष्टता संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, हालाँकि उनका लक्ष्य सकारात्मक है।

निष्कर्ष

भारत को निजी क्षेत्र में सुधारों को तेज़ी से आगे बढ़ाना, अंतरिक्ष तक पहुँच में रणनीतिक आत्मनिर्भरता और मिशन के महत्त्व को पारदर्शिता के साथ प्रस्तुत करना चाहिए। शुभांशु शुक्ला का एक्सिओम-4 मिशन एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है – इसकी वास्तविक सफलता इस बात पर निर्भर करेगी, कि भारत इसका उपयोग कितने प्रभावी ढंग से एक आत्मनिर्भर और वैश्विक स्तर पर प्रासंगिक अंतरिक्ष भविष्य को आकार देने के लिए करता है।

 मुख्य परीक्षा हेतु अभ्यास प्रश्न

भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की एक्सिओम-4 मिशन के तहत हालिया उड़ान से वैश्विक मानव अंतरिक्ष मिशनों में भारत की भूमिका पर का क्या प्रभाव पड़ा है, आलोचनात्मक विवेचना कीजिए।

(10 अंक, 150 शब्द)

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.