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लोकतंत्र और असहमति के अधिकार का मुद्दा

Lokesh Pal March 22, 2024 05:30 253 0

संदर्भ:

वर्तमान विश्व के समक्ष ‘असहमति के अधिकार’ (Right to Dissent) से संबंधित मुद्दे को लेकर चिंताएँ काफी बढ़ गई हैं।

मुख्य परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: भारत में बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से संबंधित मुद्दे।

पृष्ठभूमि:

  • एथेंस आधुनिक लोकतंत्र का उद्गम स्थल: एथेनियन लोकतंत्र ने फारस (आधुनिक ईरान) के खिलाफ उनकी जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
    • इस दौरान मतदान के माध्यम से लोकतांत्रिक तरीके से निर्णय लिए गए, जिसमें यह भी शामिल था कि युद्ध किया जाना चाहिए अथवा नहीं इसके अतिरिक्त युद्ध के लिए कौन सी रणनीति अपनाई जानी चाहिए इत्यादि ।

  • इस ऐतिहासिक निर्णय में, सुप्रीम कोर्ट ने नागरिकों के आलोचना, असहमति व्यक्त करने के अधिकार की रक्षा की:
  • मामला: एक विश्वविद्यालय के प्रोफेसर द्वारा अपने व्हाट्सएप स्टेटस पर अनुच्छेद 370 के निरस्त किए जाने पर असंतोष व्यक्त किया गया तथा पाकिस्तान को उसके स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर शुभकामनाएँ देना शामिल था।
  • एफआईआर दर्ज: विभिन्न आधारों पर दो विपरीत समूहों के मध्य दुश्मनी को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए भारतीय दंड संहिता की धारा 153-ए के तहत एक एफआईआर दर्ज की गई थी।
  • सुप्रीम कोर्ट का फैसला: हालाँकि, सुप्रीम कोर्ट की बेंच, जस्टिस अभय एस ओका और उज्जल भुइया ने मौलिक लोकतांत्रिक सिद्धांतों की पुष्टि करते हुए फैसला सुनाया।
    • ध्यातव्य है कि असहमति का अधिकार लोकतंत्र के लिए एक सुरक्षा वाल्व के रूप में है।

विभिन्न देशों में असहमति के अधिकार का मुद्दा:

  • भारत और पश्चिमी देशों सहित दुनिया भर के लोकतंत्र में असहमति के अधिकार में गिरावट देखी गई है।
  • उदाहरण- 
    • रूसी जेल में विपक्षी नेता नवलनी की मृत्यु । 
    • पश्चिमी देशों में विपक्ष को मामलों का सामना करना और चुनाव के बाद हिंसा। 
    • अमेरिका और ब्राज़ील (Brazil) तथा अफ्रीका में तख्तापलट के कारण तानाशाही की प्रवृत्ति में वृद्धि देखी गई है।

2024 में लोकतंत्र की स्थिति:

  • 2024 चुनाव वर्ष: 2024 को चुनाव का वर्ष माना जा सकता है, इस वर्ष तकरीबन 64 देशों में चुनाव होने हैं।
    • लोकतंत्र में भागीदारी बढ़ी है, लेकिन लोकतांत्रिक अधिकारों में गिरावट देखी गई है।
  • इकोनॉमिक इंटेलिजेंस यूनिट का लोकतंत्र सूचकांक: 5.2 सबसे कम औसत लोकतंत्र स्कोर को दर्शाता है, जिसका मुख्य कारण असहमति के अधिकार सहित नागरिक स्वतंत्रता में गिरावट है।

असहमति के अधिकार का लाभ

  • समाज:
    • असहमति से हमेशा समाज में प्रगति हुई है।
    • हीगेल का मानना था कि “प्रत्येक थीसिस में एक एंटीथीसिस होता है, जिससे सर्वोत्तम का संश्लेषण होता है (every thesis has an antithesis, leading to a synthesis of the best)”।
    • जे.एस. मिल ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की वकालत की, क्योंकि इससे समाज को लाभ होता है और इससे गलत विचारों को सुधारने की अनुमति मिलती है।
    • असहमति से यह अहसास हुआ कि सत्ता पर सवाल उठाना गलत नहीं है, जैसा कि कोपर्निकन क्रांति में देखा गया था।
    • भारत में महिलाओं के अधिकार राजा राम मोहन राय द्वारा सामाजिक रूढ़ियों के विरुद्ध असहमति के माध्यम से प्राप्त किये गये थे।
  • जीवंत लोकतंत्र के लिए:
    • असहमति लोकतंत्र को जीवंत बनाती है, भागीदारी और समग्र विकास को प्रोत्साहित करती है।
    • हालाँकि राष्ट्रवाद, लोकलुभावनवाद के बढ़ने और सोशल मीडिया और नई प्रौद्योगिकियों के माध्यम से गलत सूचना के प्रसार के कारण दुनिया भर में असहमति कम हो रही है।
    • अपने कार्यकाल की रक्षा के लिए सरकार द्वारा असहमति पर सख्ती से असहमति व्यक्त करने वालों के लिए खतरा पैदा हो गया है।
    • ध्रुवीकृत समाज में हिंसक प्रति-प्रतिक्रियाओं के कारण असहमति व्यक्त करना कठिन हो जाता है।

असहमति के अधिकार का समर्थन:

  • मौलिक अधिकार: असहमति का अधिकार भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत एक मौलिक अधिकार है।
    • लोकतंत्र की क्षमता का पूर्ण लाभ उठाने के लिए इस अधिकार का समर्थन किया जाना चाहिए।
  • न्यायपालिका और नागरिकों की भूमिका: न्यायपालिका इस अधिकार की रक्षा करने की जिम्मेदारी पूरी प्रतिबद्धता के साथ निभाती है।
    • नागरिकों को असहमति के महत्व को पहचानना चाहिए और इसका दुरुपयोग करने से बचना चाहिए।
  • जागरूकता का प्रसार: समाज में हिंसा या नफरत को रोकने के लिए असहमति के महत्व के बारे में जागरूकता महत्वपूर्ण है।
  • असहमति के अधिकार पर वोल्टेयर के उद्धरण: “हो सकता है कि मैं आपकी बात से सहमत न होऊं, लेकिन मैं इसे कहने के आपके अधिकार की मरते दम तक रक्षा करूंगा (I may not agree with what you say, but I will defend to the death your right to say it)।”

News Source: India Today

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