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Lokesh Pal
May 21, 2025 05:30
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सर्वोच्च न्यायालय ने हाल ही में केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की दो अधिसूचनाओं को अवैध घोषित कर दिया है, जिसके तहत उद्योगों को पूर्व पर्यावरणीय मंज़ूरी को दरकिनार करने की अनुमति दी गई थी। यह निर्णय 2006 के पर्यावरण प्रभाव आकलन अधिसूचना के तहत पूर्व अनुमोदन के आवश्यक सिद्धांत को पुष्ट करता है।
यह फैसला आर्थिक लाभ के लिए पर्यावरण उल्लंघनों को अनदेखा करने के खिलाफ एक कड़ा संदेश देता है। यह संधारणीय औद्योगिक विकास सुनिश्चित करने और पारिस्थितिकी संतुलन की रक्षा के लिए पर्यावरण कानूनों के सख्त क्रियान्वयन की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करता है।
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