उत्तर:
दृष्टिकोण:
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परिचय:
एक लोक सेवक के लिए अपने कर्तव्यों का प्रभावी ढंग से निर्वहन करने के लिए केवल कानून का अनुपालन ही पर्याप्त नहीं है। उनमें नैतिक मुद्दों के प्रति सुविकसित संवेदनशीलता भी होनी चाहिए। नैतिकता का संबंध सही और गलत व्यवहार के सिद्धांतों से है, जबकि कानून का संबंध नियमों और विनियमों से है। एक लोक सेवक जो केवल कानून के अनुपालन से संबंधित है, वह हमेशा जनता के सर्वोत्तम हित में कार्य नहीं कर सकता है।
मुख्य विषयवस्तु:
निष्कर्ष
एक लोक सेवक में अपने कर्तव्यों का प्रभावी ढंग से निर्वहन करने के लिए नैतिक मुद्दों के प्रति अच्छी तरह से विकसित संवेदनशीलता होनी चाहिए। हालांकि कानून का अनुपालन महत्वपूर्ण है, लेकिन यह हमेशा पर्याप्त नहीं होता है। लोक सेवकों को अपने कार्यों के नैतिक निहितार्थों पर भी विचार करना चाहिए और जनता के सर्वोत्तम हित में कार्य करने का प्रयास करना चाहिए। मुखबिरी और भेदभाव के उदाहरण नैतिक विचारों के साथ कानूनी अनुपालन को संतुलित करने के महत्व को दर्शाते हैं।
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