प्रश्न की मुख्य माँग
- कार्बन वित्त को उन वित्तीय प्रोत्साहनों के रूप में परिभाषित कीजिए जो कार्बन उत्सर्जन को कम करने से जुड़े हुए हैं।
- चर्चा कीजिए कि कार्बन वित्त किस प्रकार कृषि वानिकी क्षेत्र में वनरोपण, पुनर्वनरोपण और पुनर्वनीकरण (ARR) पहलों को अपनाने को प्रोत्साहित कर सकता है।
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उत्तर:
कार्बन वित्त का तात्पर्य संगठनों, सरकारों या व्यक्तियों को कार्बन उत्सर्जन को कम करने या कार्बन पृथक्करण को बढ़ाने वाली गतिविधियों के लिए प्रदान किए जाने वाले वित्तीय प्रोत्साहन से है। यह कार्बन बाजारों से निकटता से जुड़ा हुआ है, जहाँ कार्बन क्रेडिट का कारोबार होता है। वर्तमान समय में जलवायु परिवर्तन के मुद्दे को संबोधित करने में यह तंत्र अति महत्त्वपूर्ण हो गया है और इसमें पर्यावरणीय लक्ष्यों के साथ आर्थिक प्रोत्साहनों को संरेखित करके, दीर्घकालिक पारिस्थितिक स्वास्थ्य और लचीलेपन को प्रोत्साहित करके ARR गतिविधियों में अधिक भागीदारी को प्रोत्साहित करके जलवायु परिवर्तन को कम करने की महत्त्वपूर्ण क्षमता है।
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कार्बन वित्त
- उत्सर्जन में कमी के लिए वित्तीय प्रोत्साहन: कार्बन वित्त, उन संगठनों को मौद्रिक प्रोत्साहन प्रदान करता है जो अपने कार्बन फुटप्रिंट्स को कम करते हैं और इस तरह से यह हरित प्रथाओं को प्रेरित करता है।
- उदाहरण के लिए: क्योटो प्रोटोकॉल के तहत स्वच्छ विकास तंत्र (CDM) कंपनियों को उत्सर्जन कम करने वाली परियोजनाओं के लिए कार्बन क्रेडिट अर्जित करने की अनुमति देता है, जिसे वे वैश्विक बाजार में बेच सकते हैं।
- कार्बन बाजार और व्यापार: कार्बन वित्त कार्बन बाजारों के माध्यम से कार्य करता है, जहाँ कार्बन क्रेडिट का व्यापार उन देशों या कंपनियों के बीच होता है, जिन्होंने उत्सर्जन सीमा पार कर ली है और उत्सर्जन कम कर दिया है।
- उदाहरण के लिए: गुजरात कार्बन क्रेडिट बाजार उन परियोजनाओं से कार्बन क्रेडिट के व्यापार की सुविधा प्रदान करता है जो उत्सर्जन में कमी के लक्ष्यों को पूरा करते हैं।
- कार्बन सिंक के रूप में वनरोपण और पुनर्वनरोपण: वनों का विस्तार करके, देश कार्बन सिंक का निर्माण कर सकते हैं , जो वातावरण से कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करने में मदद करते हैं। इस प्रक्रिया में वे कार्बन क्रेडिट उत्पन्न करते हैं।
- उदाहरण के लिए: भारत के ग्रीन इंडिया मिशन के तहत, वनरोपण परियोजनाएँ कार्बन अवशोषण में योगदान देती हैं, जिससे वे कार्बन क्रेडिट के लिए पात्र बन जाती हैं।
- कार्बन ऑफसेटिंग परियोजनाएँ: कार्बन वित्त उन कार्बन ऑफसेटिंग परियोजनाओं को प्रोत्साहित करता है जिनका उद्देश्य अपरिहार्य उत्सर्जन की भरपाई के लिए अन्यत्र कार्बन उत्सर्जन को कम करना है।
- कार्बन वित्त में कृषि वानिकी : कृषि वानिकी में, किसान फसलों के साथ-साथ पेड़ उगाकर कार्बन क्रेडिट प्राप्त कर सकते हैं , जो कार्बन पृथक्करण में मदद करता है।
- उदाहरण के लिए: राष्ट्रीय सतत कृषि मिशन (NMSA) के तहत भारत की कृषि वानिकी परियोजनाएँ कार्बन वित्त लक्ष्यों के साथ संरेखित हैं।
- उत्सर्जन में कमी लाने वाली परियोजनाओं के लिए वित्तपोषण: कार्बन वित्त के माध्यम से, देशों को उत्सर्जन में कमी लाने वाली परियोजनाओं को शुरू करने के लिए वित्तपोषण प्राप्त होता है, जो जलवायु लक्ष्यों का समर्थन करते हैं।
- उदाहरण के लिए: ग्रीन क्लाइमेट फंड के साथ भारत की साझेदारी अक्षय ऊर्जा विकास जैसी कार्बन कटौती परियोजनाओं के लिए धन उपलब्ध कराती है।
- वैश्विक निवेश में वृद्धि : कार्बन वित्त उत्सर्जन कम करने वाली प्रौद्योगिकियों और परियोजनाओं में वैश्विक निवेश को प्रोत्साहित करता है, तथा संधारणीय प्रथाओं के लिए मौद्रिक सहायता प्रदान करता है। उदाहरण के लिए : विश्व बैंक भारत जैसे देशों को स्वच्छ ऊर्जा और वनरोपण परियोजनाओं के लिए कार्बन वित्त सहायता प्रदान करता है।
वे विधियाँ, जिनसे कार्बन वित्त कृषि वानिकी में ARR पहल को प्रोत्साहित कर सकता है
- राजस्व सृजन: कार्बन वित्त भूमि मालिकों को ARR परियोजनाओं द्वारा एकत्रित कार्बन के लिए कार्बन क्रेडिट के माध्यम से आय अर्जित करने में सक्षम बनाता है, जो भागीदारी के लिए वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करता है।
- उदाहरण के लिए: वनरोपण या पुनर्वनीकरण में संलग्न किसान कार्बन क्रेडिट अर्जित कर सकते हैं, जो अतिरिक्त आय का स्रोत प्रदान करता है।
- वित्तपोषण सहायता: यह ARR पहलों की स्थापना और रखरखाव के लिए आवश्यक वित्तपोषण प्रदान करता है, जिसमें पौध, श्रम और बुनियादी ढाँचे जैसी उच्च प्रारंभिक लागतों को शामिल किया जाता है ।
- जोखिम में कमी: वित्तीय सहायता प्रदान करके, कार्बन वित्त नई कृषि वानिकी पद्धतियों में निवेश से जुड़े जोखिमों को कम करता है तथा भूमि मालिकों को संधारणीय पद्धतियाँ अपनाने के लिए प्रोत्साहित करता है।
- बाजार तक पहुँच: कार्बन वित्त कार्बन बाजारों तक पहुँच को सुगम बनाता है, जिससे किसानों और भूस्वामियों को कार्बन क्रेडिट बेचने और उभरती हुई हरित अर्थव्यवस्थाओं का लाभ उठाने की अनुमति मिलती है।
- क्षमता निर्माण: कार्बन वित्त से वित्त पोषण में अक्सर प्रशिक्षण और शिक्षा के लिए समर्थन , प्रभावी ARR प्रथाओं को लागू करने के लिए समुदायों को सशक्त बनाना शामिल होता है।
- दीर्घकालिक संधारणीयता: आर्थिक लाभों को पर्यावरणीय लक्ष्यों के साथ संरेखित करके, कार्बन वित्त सतत भूमि उपयोग को बढ़ावा देता है और पारिस्थितिकी तंत्र की प्रत्यास्थता को बढ़ाता है। उदाहरण के लिए: फसल और पशुधन प्रणालियों में पेड़ों को एकीकृत करना, जो जैव विविधता को बढ़ाता है, मृदा गुणवत्ता में सुधार करता है तथा कार्बन पृथक्करण करता है और इसके साथ ही किसानों के लिए अतिरिक्त आय स्रोत प्रदान करता है।
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कार्बन वित्त, कृषि वानिकी क्षेत्र में ARR पहल को बढ़ावा देने में एक महत्त्वपूर्ण तंत्र है, जो महत्त्वपूर्ण वित्तीय लाभ प्रदान करता है और जलवायु परिवर्तन शमन में योगदान देता है। राष्ट्रीय नीतियों को वैश्विक कार्बन बाजारों के साथ जोड़कर, भारत जैसे देश कार्बन पृथक्करण को बढ़ा सकते हैं, किसानों के लिए आय उत्पन्न कर सकते हैं और पर्यावरण की रक्षा करते हुए सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं ।
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